Bilaspur Highcourt News:– आंगनबाड़ी में डीजे का सामान गिरने से मासूम की मौत, नाराज़ चीफ जस्टिस ने पूछा– “क्या आंगनबाड़ी में नाच–गाना होता है?

आंगनबाड़ी में डीजे का सामान गिरने से मासूम की मौत, नाराज़ चीफ जस्टिस ने पूछा– “क्या आंगनबाड़ी में नाच–गाना होता है?”

Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर के तालापारा घोड़ादाना स्कूल परिसर स्थित आंगनबाड़ी में लापरवाही के कारण तीन साल की बच्ची की मौत का मामला हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच तक पहुंच गया। अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस घटना को “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया और शासन से कठोर सवाल पूछे।
अदालत की सख्ती
शुक्रवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु ने सुनवाई के दौरान कहा कि निर्दोष मासूम की मौत प्रशासन की गंभीर लापरवाही का नतीजा है। नाराज़ चीफ जस्टिस ने तल्ख लहजे में पूछा– “आखिर आंगनबाड़ी परिसर में डीजे का सामान क्यों रखा गया था? क्या यहां नाच–गाना होता है?”
शासन की ओर से बताया गया कि आंगनबाड़ी कर्मचारी का एक रिश्तेदार डीजे संचालक है और उसका सामान वहीं रखा गया था। इस पर कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस हादसे को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
बच्ची की मौत को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
अदालत ने तीन साल की मासूम मुस्कान महिलांगे की मौत को “अत्यंत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। कोर्ट ने कलेक्टर से व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया और पूछा कि अब तक पीड़ित परिवार को किस प्रकार की मुआवजा और सहायता दी गई है। साथ ही शासन और जिला प्रशासन को अगली सुनवाई (26 अगस्त) तक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए गए।
हादसे की कहानी
यह हादसा 14 अगस्त को सुबह करीब 11:15 बजे हुआ। मुस्कान महिलांगे आंगनबाड़ी परिसर में अपने साथियों के साथ खेल रही थी। तभी वहां रखी भारी लोहे की पाइप अचानक गिर गई और उसके सिर पर चोट लग गई। यह पाइप डीजे संचालक रोहित देवांगन द्वारा दीवार से टिकाकर रखा गया था। गंभीर रूप से घायल मासूम को जिला अस्पताल और फिर सिम्स लाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
पुलिस जांच और एफआईआर
पुलिस जांच में लापरवाही की पुष्टि हुई। आरोपी डीजे संचालक रोहित देवांगन और उसके सहयोगियों पर भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 106 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जानकारी के अनुसार रोहित स्कूल के चौकीदार का पोता है और लंबे समय से परिसर में डीजे का सामान रखता आ रहा था।
कोर्ट का स्पष्ट संदेश
अदालत ने कहा कि इस हादसे में जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। कलेक्टर से मांगी गई रिपोर्ट में यह साफ करना होगा कि अब तक कौन–कौन से कदम उठाए गए हैं और पीड़ित परिवार को किस स्तर पर सहायता दी गई है।
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