
कोल घोटाले मामले में सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका तीसरी बार निरस्त कर दी गई है। रानू साहू सहित तीन को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के आधार पर उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत देने हेतु याचिका लगाई थी।
Bilaspur बिलासपुर। कोल लेव्ही वसूली मामले में पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया की जमानत निरस्त कर दी गई है। सौम्या ने तीसरी बार जमानत के लिए याचिका लगाई थी जिसे सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के सिंगल बेचने निरस्त कर दिया है।

570 करोड़ के कोल लेव्ही वसूली मामले में सौम्या चौरसिया के साथ ही आईएएस समीर बिश्नोई रानू साहू व अन्य को ईडी ने गिरफ्तार किया था। कोल कारोबारियों से परिवहन व पीट पास जारी करने की एवज में प्रति टन के हिसाब से रुपए वसूले जाते थे। जो कारोबारी रकम नहीं देता था उसे परिवहन पास नहीं दिया जाता था। इसे एक पूरे सिंडिकेट की तरह चलाया जाता था। सिंडिकेट का किंगपिंग कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया था। सूर्यकांत तिवारी को यह शक्ति सौम्या चौरसिया से प्राप्त होती थी। ईडी ने जांच के बाद सौम्या चौरसिया और दो आईएएस के अलावा अन्य को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
ईडी के अलावा ईओडब्ल्यू ने भी कोल घोटाले की जांच में सौम्या चौरसिया और उसके परिवार के द्वारा आय से अधिक 9 करोड़ 20 लाख रुपये की 29 अचल संपत्ति खरीदने की बात कही है। यह संपत्ति साल 2021 से 2022 के बीच खरीदी गई है। मामले में पीछे डेढ़ साल से सौम्या चौरसिया जेल में बंद है। उनकी दो बार पूर्व में जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। अब सुप्रीम कोर्ट से आईएएस रानू साहू, दीपेश टांक को जमानत मिलने के आधार पर सौम्या चौरसिया ने तीसरी बार जमानत याचिका लगाई थी।
सौम्या चौरसिया के अधिवक्ता ने तर्क दिया था कि सौम्या चौरसिया पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद है। उनके छोटे बच्चे हैं। प्रकरण की सुनवाई में अभी काफी टाइम लगना है। इसी मामले में तीन आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। लिहाजा उन्हें भी जमानत कर लाभ प्रदान किया जाए। सुनवाई के बाद जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब फैसले को सार्वजनिक किया गया है, जिसके अनुसार सौम्या चौरसिया की जमानत यशिका निरस्त कर दी गई है।
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