गलत इंजेक्शन लगाने से गर्भपात का आरोप हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से मांगा शपथ पत्र


बिलासपुर। गलत इंजेक्शन लगाने के चलते 5 माह की गर्भवती महिला के गर्भपात होने के मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वास्थ्य सचिव से शपथ पत्र मांगा है। मामले की अगली सुनवाई दो अप्रैल को रखी गई है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान हैं। यह मेडिकल कॉलेज होने के साथ-साथ संभाग का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। मिली जानकारी के अनुसार कोटा क्षेत्र के ग्राम करगी कला की रहने वाली 24 वर्षीया गर्भवती गिरजा साहू पति बद्री साहू 5 माह की गर्भवती थी। गुरुवार 13 मार्च को उसके पेट में दर्द हुआ तब परिजनों से इलाज के लिए पहले कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए। फिर उसे सिम्स रेफर किया गया। गिरिजा के अनुसार उसी वार्ड में कविता नाम की पेशेंट भी भर्ती थी। उसके गर्भ में आठ माह का बच्चा था जिसकी गर्भ में ही मौत हो गई थी। वही गर्भवती महिला का ईलाज जारी था। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल स्टाफ को परिजनों ने कविता को इंजेक्शन लगाने को कहा था पर अस्पताल स्टाफ ने कविता की जगह गिरिजा को इंजेक्शन लगा दिया। मिली जानकारी के अनुसार यह अबोर्शन का इंजेक्शन था जिसे कविता के आठ माह के गर्भ में मृत शिशु को गिराने के लिए लगाना था पर इसे गिरिजा को लगाया गया। गिरिजा के अनुसार बाद में डॉक्टर ने गलत पेशेंट को इंजेक्शन लगाने पर स्टाफ को फटकार लगाई तब उसे गलत इंजेक्शन लगाए जाने का पता लगा।
इंजेक्शन लगाने के बाद बिगड़ी हालत:–महिला के परिजनों के अनुसार अबॉर्शन का इंजेक्शन लगने के बाद गिरिजा की स्थिति बिगड़ गई। उसे लगातार ब्लीडिंग होने लगी और उसके पांच माह के बच्चे का गर्भपात हो गया मामले की खबर प्रकाशित होने पर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने ऐसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने पूछा है कि सरकार आखिर कर क्या रही है। इसके साथ ही इस मामले में स्वास्थ्य सचिव से शपथ पत्र में जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई दो अप्रैल को रखी गई है।