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Bilaspur News:– घरवालों से बात करने के लिए मोबाइल का सिग्नल खोजते खाई में गिरा बीएसएफ जवान शहीद, गांव वालों ने नारेबाजी करते हुए घर तक पहुंचाया पार्थिव शरीर

Bilaspur News:– नेपाल सीमा पर तैनात बीएसएफ जवान घरवालों से बात करने के लिए मोबाइल सिग्नल खोजते हुए खाई में गिर कर शहीद हो गया। जवान का पार्थिव शरीर गृहग्राम पहुंचते ही गांव वालों ने भावुक होकर नारेबाजी के साथ उसे घर तक पहुंचाया। जवान की शादी की तैयारी घर वाले कर रहे थे,वे एक माह की छुट्टी पर भी आने वाले थे पर इससे पहले ही वह इस हादसे में शहीद हो गए।

Bilaspur बिलासपुर l बीएसएफ में सेवा दे रहे बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक के बेलगहना स्थित ग्राम बिलीबन का तीस वर्षीय जवान शहीद हो गया। बीएसएफ जवान नेपाल सीमा में तैनात। सीमा से लगे जमतड़ी में वह घरवालों से बात करने के लिए मोबाइल पर सिग्नल खोज रहा था इस दौरान खाई में गिरने से जवान की मौत हो गई। जवान के घर वाले उसकी शादी के लिए तैयारी कर रहे थे पर उससे पहले ही जवान के शहीद होने से घर में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वहीं जवान के पार्थिव शरीर के पहुंचने पर गांव के लोगों ने भावुक होकर नारेबाजी के साथ शहिद का पार्थिव शरीर घर तक पहुंचाया।

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कोटा ब्लॉक के बिलीबिन जिला बिलासपुर निवासी इंदरजीत सिंह के तीस वर्षीय पुत्र शिवपाल सिंह बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की 55 वीं बटालियन की ए कंपनी में सिपाही के पद पर पदस्थ थे। उनकी तैनाती नेपाल सीमा में जमतड़ी में स्थित एसएसबी चौकी में थी। बुधवार रात वे अपनी कंपनी के पीछे खाई में गिर गए। गुरुवार सुबह रौल कॉल में उपस्थित नहीं होने पर उनकी तलाश शुरू हुई तो उनका शव कंपनी के पीछे 50 मीटर गहरी खाई में बर्फ में दबा मिला।

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मोबाइल नेटवर्क ढूंढने के दौरान फिसला पैर:–

शिवपाल सिंह मोबाइल पर घर वालों से बात कर रहे थे। उनके साथी जवानों ने बताया कि सिग्नल नहीं मिलने पर वह बात करते हुए वह बैरक से बाहर निकले थे। बटालियन से जियो कंपनी का मोबाइल टावर दूर है जिसके कारण सिग्नल अच्छे से नहीं मिल पाता। सिग्नल खोजते हुए वह पीछे की तरफ गए। और संभवतः अंधेरे में उन्हें अंदाजा नहीं हुआ और पैर फिसलने से खाई में गिर गए। साथियों के भी ध्यान से उनके बैरक लौटने की बात हट गई। दूसरे दिन उनका शव खाई में बर्फ में दबा मिला।

शादी की थी तैयारी:–

जवान की शादी के लिए घर वाले लड़की देख रहे थे। परिजनों ने जवान के लिए एक लड़की पसंद की हुई थी जिसे देखने के लिए शिवपाल को भी बुलाया गया था। शिवपाल एक माह की छुट्टी लेकर घर आने वाले थे पर घर आने से पहले ही वह शहीद हो गए। आपसे के बाद घर में रिश्तेदारों और बड़ी संख्या में क्षेत्र वालों की भीड़ लग गई। परिजनों का रो रो बुरा हाल है। वही जब जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो गांव वालों ने नारे लगाते हुए उनके घर तक उनका शरीर पहुंचाया।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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