Bilaspur News:– भैरव जयंती महोत्सव में श्रद्धा का सैलाब, रूद्राभिषेक और रुद्र यज्ञ में डाली जा रही आहुति से गूंजा रतनपुर

Bilaspur News:– भैरव जयंती महोत्सव में श्रद्धा का सैलाब, रूद्राभिषेक और रुद्र यज्ञ में डाली जा रही आहुति से गूंजा रतनपुर
बिलासपुर ।धार्मिक नगरी रतनपुर इन दिनों भैरव भक्ति में डूबी हुई है। नगर कोटवाल श्री भैरवनाथ मंदिर में चल रहे नव दिवसीय भैरव जयंती महोत्सव में आस्था और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। भैरव अष्टमी के पावन अवसर पर मंदिर परिसर को गेंदे के फूलों से सजाया गया और बाबा भैरवनाथ का दिव्य श्रृंगार किया गया।
सुबह से ही वैदिक आचार्यों द्वारा रूद्राभिषेक और रुद्र यज्ञ की विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है, जिसमें श्रद्धालु बड़ी संख्या में आहुति डालकर यज्ञ में सहभागिता कर रहे हैं। पूरा वातावरण “जय नगर कोटवाल भैरवनाथ की जय” के जयकारों से गूंज रहा है।
रूद्र यज्ञ में भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का संगम
मंदिर परिसर में रूद्राष्टाध्यायी पाठ, अभिषेक अनुष्ठान और 56 भोग अर्पण के साथ दिव्य अनुष्ठान संपन्न हो रहे हैं।
भक्तों का विश्वास है कि रूद्र यज्ञ में आहुति देने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और मन में शांति व सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
नवदिवसीय भंडारे से गूंजा रतनपुर
महोत्सव के दौरान प्रतिदिन महाभंडारे का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं।
यह आयोजन विश्व कल्याण और जनकल्याण की भावना के साथ प्रतिवर्ष होता है। 19 नवंबर को समापन के दिन 151 कन्याओं और ब्राह्मणों की पूजा के बाद विशाल भंडारा किया जाएगा।
काल भैरव पूजा से मिलता है भयमुक्त जीवन
मंदिर के महंत पं.जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि भगवान काल भैरव की पूजा-अर्चना जीवन में समृद्धि, सुरक्षा और भयमुक्ति का आशीर्वाद देती है। उन्होंने कहा कि बटुक भैरव का सौम्य रूप गृहस्थों के लिए अत्यंत कल्याणकारी है, जो परिवार में सुख-शांति और सकारात्मकता बनाए रखता है।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भारी भीड़
भैरव अष्टमी के दिन सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें लगी रहीं। भक्तों ने दर्शन के बाद हवन-पूजन और प्रसाद वितरण में भाग लिया।रातभर मंदिर के पट भक्तों के लिए खुले रहे। दीपों की रोशनी और भक्ति संगीत से पूरा रतनपुर “जय काल भैरव” के जयघोष से गूंज उठा।
भक्ति से मिलती है शक्ति
डॉ. सत्यप्रकाश सिंह ने कहा कि भैरव उपासना जीवन के हर संकट से मुक्ति दिलाती है — नौकरी, पारिवारिक विवाद या मानसिक तनाव, सबमें शांति का संचार होता है।भैरव साधना से जीवन में साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है।
आयोजन समिति की भूमिका
पूरे आयोजन में मंदिर समिति के सदस्य —दिलीप दुबे, पं. महेश्वर पाण्डेय,पं.राजेंद्र दुबे,पं.कान्हा तिवारी,विक्की अवस्थी,सोनू,आचार्य गिरधारीलाल पाण्डेय,पं.अवनीश मिश्रा,पं.बल्ला दुबे,पं.गौरीशंकर तिवारी,पं.राम सुमित तिवारी और राहुल द्विवेदी का विशेष योगदान रहा।
मध्यप्रदेश से पधारे राकेश स्वामी (झांसी) और पं. प्रमोद दुबे (जबलपुर) द्वारा धार्मिक अनुष्ठानों का संचालन किया जा रहा है।
18 नवंबर को सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक निःशुल्क आयुर्वेदिक स्वास्थ्य शिविर और 19 नवंबर को महाभंडारे व पूजन के साथ महोत्सव का समापन होगा।
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