छत्तीसगढ़

Bilaspur news:– नशे के कारोबार में युवाओं को ट्रेंड करने वाले किंगपिंग को पार्सल डिलिवरी बॉय बन पुलिस ने दबोचा, बीस साल में नशे के कारोबार से बनाई कंस्ट्रक्शन कंपनियां और करोड़ों की संपत्ति 

 

नशे के कारोबार के किंगपिंग मास्टरमाइंड को पुलिस ने जबलपुर से डिलीवरी बाय बन गिरफ्तार किया है। पहले पुलिस ने नशीली दवाओं का कारोबार करने वाले 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। एंड टू एंड कार्यवाही करते हुए मुख्य आरोपी तक पुलिस पहुंची। आरोपी ने बीस वर्ष पहले शहर में नशीली दवाईयों के कारोबार की नींव डाली थी। खुद करोड़ो रुपए कमा देश के कई शहरों में संपत्तियां आरोपी ने बनाई है। फिर युवाओं को इस काम में ट्रेंड करने लगा। पुलिस नशे के कारोबार से कमाई गई संपत्तियों को अटैच करने की तैयारी में है।

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बिलासपुर। नशे के सौदागर पर पुलिस का प्रहार हुआ है। बिलासपुर शहर में नशे के कारोबार को जन्म देने वाले और युवाओं को नशे के कारोबार में ट्रेंड करने वाले आरोपी ने पिछले बीस वर्ष में नशीले इंजेक्शन के कारोबार से करोड़ों की संपत्ति बनाई। इस पैसे को आरोपी ने जबलपुर,नागपुर,दिल्लीं में संपत्तियां बनाने में इन्वेस्ट किया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के पहले उसके प्लंबर को पकड़ा फिर प्लंबर को साथ ले नशे के किंगपिंग को गिरफ्तार किया है। इससे पहले पुलिस ने 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। यह 16 वीं गिरफ्तारी है। मामला सिविल लाईन थाना क्षेत्र का है।

 

 

 

बिलासपुर जिले में पुलिस नशे के व्यापार के खिलाफ अभियान चला रही है। नशे के कारोबार के खिलाफ कार्यवाही करने के अलावा फाइनेंशियल इन्विगेस्टीगेशन कर नशे के कारोबार की अर्जित संपत्ति की जानकारी जुटा भी कार्यवाही की जा रही है। इसी कड़ी में बिलासपुर पुलिस ने प्रदेश की पहली संपत्ति जप्त करने की कार्यवाही पिछले दिनों की थी। कार्यवाही जब आगे बढ़ी तो मिनी बस्ती में नशे के कारोबार करने वाले परिवार को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में उन्होंने बताया था कि संजीव उर्फ सूच्चा सिंह पिता सादीलाल ने उन्हें नशे के कारोबार से जोड़ा है और नशे का कारोबार करना सिखाया है। उसी से नशीला इंजेक्शन मंगवा कर वे शहर में बेचते है।

 

एसपी रजनेश सिंह ने नशे के कारोबार पर एंड टू एंड कार्यवाही के लिए अभियान चलाया हुआ है। अभियान के तहत एडिशनल एसपी एसीसीयू अनुज कुमार और सीएसपी निमितेश सिंह ने जब जानकारी जुटाई तब पता चला कि संजीव सिंह उर्फ सूच्चा बिलासपुर शहर में नशीले इंजेक्शन के कारोबार का जनक है। उसने पिछले बीस सालों में नशे के कारोबार से करोड़ों रुपए कमाए है। खुद पैसे कमाने के बाद आरोपी ने शहर में अन्य लोगों को नशे के कारोबार में ट्रेंड कर लगा दिया। शहर में पैसे कमाने के बाद गिरफ्तारी से बचने और अपना कारोबार देश भर में फैलाने नागपुर,जबलपुर आदि शहरों में रहने लगा।

 

जांच के दौरान जानकारी मिली कि सरकंडा में दर्ज अपराध क्रमांक 258/2023 ( 21,22 एनडीपीएस एक्ट) और सिविल लाईन में दर्ज अपराध क्रमांक162/2023 ( 21,22,29 एनडीपीएस एक्ट) के मामले में संजीव सिंह उर्फ सूच्चा छाबड़ा फरार चल रहा है। उक्त दोनों अपराध के आरोपियों ने पूछताछ में बताया था कि वे संजीव उर्फ सूच्चा से मोबाइल से संपर्क कर शहर में नशीली दवाइयां मंगा कर सप्लाई कर रहे थे। आरोपी संजीव उर्फ सूच्चा फरार था।

 

नशे के मुख्य सरगना को पकड़ने के लिए एसपी रजनेश सिंह ने एडिशनल एसपी एसीसीयू अनुज कुमार और सीएसपी सिविल लाईन निमितेश सिंह को समन्वय बनाकर कार्यवाही के निर्देश दिए।

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स्पेशल टीम ने पहले प्लंबर को पकड़ा,फिर पहुंची शातिर आरोपी तक:–

 

आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पूर्व में वर्ष 2022 में नागपुर भी गई थी। पर आरोपी पुलिस बल को चकमा देकर फरार हो गया था। आरोपी इतना शातिर था कि पुलिस से बचने के लिए मोबाइल भी बदल बदल कर चलाता था। पुलिस टीम के नागपुर में दबिश देने के दौरान आरोपी फरार हो गया था और जबलपुर में रहकर छाबड़ा कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी खोली थी। कंस्ट्रक्शन कंपनी की आड़ में नशे का कारोबार संचालित कर रहा था। एसपी ने इनकी गिरफ्तारी के लिए सीएसपी सिविल लाईन निमितेश सिंह के नेतृत्व में 8 सदस्यीय पुलिस टीम जबलपुर पहुंची। आरोपी के ठिकानों को पार्सल डिलिवरी बॉय बन कर पुलिस ने पहले रेकी की। आरोपी जबलपुर के 90 क्वार्टर परसवाड़ा में आलीशान मकान और दुकान बनवा रहा था। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पहले उसके निर्माणाधीन मकान में प्लंबर का काम करने वाले प्लंबर को पुलिस ने पकड़ा। फिर रात दो बजे आरोपी का मकान चिन्हित कर आरोपी के मकान में रेड की कार्यवाही की। भनक लगने पर आरोपी ने फरार होने की कोशिश की। पर पुलिस टीम ने फुर्ती दिखाते हुए उसे पकड़ लिया।

 

आरोपी ने बनाई कई संपत्तियां:–

 

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह पिछले 2005 से शहर में नशीली दवाइयों का कारोबार कर रहा था। जो 2014 में पुलिस का ज्यादा दबाव पड़ने पर शहर छोड़कर नागपुर के मोदा में 4 दुकान व जमीन को नशीली दवाईयों को बेचकर प्राप्त रकम से खरीदी किया था। वह 2023 में शहर के आस– पास आकर आरोपी पप्पू श्रीवास और आकांक्षा को नशीली दवाई शहर में बेचने के लिए देता था जिससे प्राप्त रकम को शेयर बाजार में रकम लगाना शुरू किया जिसे पुलिस द्वारा नागपुर में होने की पुष्टि होने पर नागपुर से भाग कर नया बसेरा जबलपुर में बना लिया तथा लोगों की नजरों से बचने के लिए छाबड़ा कंस्ट्रक्शन का संचालक हूं बोलकर जीवन यापन कर गुप्त रूप से नशे के व्यापार में संलिप्त था।

 

यहां– यहां हैं संपत्तियां:–

 

आरोपी के द्वारा पिछले 20 वर्षों से नशीली दवाईयों की सप्लाई कर उससे रकम कमा रहा था जो नागपुर के मोदा में चार दुकान व जमीन,दिल्ली कर फरीदाबाद में अग्रवाल प्रापर्टी से जमीन का ईकरारनामा किया गया है। जबलपुर के 90 क्वार्टर परसवाड़ा में तीन जमीनों की रजिस्ट्री कराई गई है। पुलिस सभी संपत्तियों को जप्त करने की तैयारी में है।

 

इतने मामले हैं दर्ज:–

 

आरोपी संजीव उर्फ सूच्चा सिंह पिता सादीलाल उम्र 53 वर्ष मूल निवासी टिकरापारा कंसा चौक थाना सिटी कोतवाली जिला बिलासपुर के खिलाफ ईतने मामले हैं दर्ज:–

 

1 कोनी 164/2007 20बी एनडीपीएस एक्ट 2553 नग नशीला इंजेक्शन

2 तारबाहर 117/2009 21 एनडीपीएस एक्ट 1500 नग नशीला इंजेक्शन

3 तारबाहर 126/2013 20बी एनडीपीएस एक्ट 9600 नग नशीली इंजेक्शन व टेबलेट 

4 कोतवाली 370/2018 21एनडीपीएस एक्ट 7200 नग नशीले टेबलेट 

5 सरकण्डा 258/2023 21,22, एनडीपीएस एक्ट 102 नग इंजेक्शन व 20 कोडिंग युक्त सिरप 

6 सिविल लाईन 162/2023 21,22,29 एनडीपीएस एक्ट 1645 नग एवील इंजेक्शन

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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