बिलासपुर में खुले मवेशियों पर चला प्रशासन का चाबुक: सड़क हादसों में मालिक भी होंगे सह आरोपी

बिलासपुर ब्यूरो सुरेंद्र मिश्रा 1 जुलाई 2025
बिलासपुर जिले में सड़कों पर लावारिस घूमते मवेशियों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसपी रजनेश सिंह ने सोमवार को जिला स्तरीय अधिकारियों की आपात बैठक ली। बैठक में साफ निर्देश दिया गया कि यदि खुले मवेशियों के कारण कोई सड़क हादसा होता है तो संबंधित पशु मालिक को सह आरोपी बनाया जाएगा। साथ ही, मवेशी खुला छोड़ने पर भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा।
बैठक में जिले के सभी एसडीएम, जनपद पंचायत के सीईओ, जोन कमिश्नर, नगर निगम अधिकारी, पशु चिकित्सा विभाग और ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सड़क हादसों की बड़ी वजह बन रहे आवारा पशु
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि बरसात के मौसम में मवेशियों का सड़क पर बैठना दुर्घटनाओं की मुख्य वजह बनता है। ऐसे में हर विभाग को समन्वय में रहकर स्थिति पर नियंत्रण पाना होगा। शहर में उन स्थानों की पहचान की जाएगी जहाँ मवेशी अधिक संख्या में बैठे पाए जाते हैं। वहाँ नियमित गश्त लगाई जाएगी और मवेशियों को हटाया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पशु मालिकों की पहचान कर उनसे सीधे संपर्क कर समझाइश दी जाए, ताकि मवेशी खुला न छोड़ा जाए।
बिलासपुर में 4 हजार से ज्यादा मवेशी खुले में घूम रहे
प्रशासन द्वारा कराए गए एक सर्वे के मुताबिक बिलासपुर में लगभग 4 हजार मवेशी खुले में विचरण करते पाए गए हैं। यदि किसी मवेशी के मालिक की पहचान नहीं हो पाती है तो उसे पशु आश्रय स्थल में रखा जाएगा। इसके लिए शहर और आसपास के गांवों में नए पशु आश्रय केंद्र विकसित किए जा रहे हैं।
यहाँ बनाए जाएंगे पशु आश्रय स्थल:
• शहर में: मोपका, कोनी, गोकुलधाम
• ग्रामीण इलाकों में: रहँगी, धौराभांठा, पाराघाट, लावर, काटाकोनी
इन केंद्रों में DMF फंड से शेड और जल सुविधा की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, चारे की आपूर्ति पशु कल्याण समिति और दानदाताओं की मदद से सुनिश्चित की जाएगी।
NHAI को भी मिली जिम्मेदारी
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना NHAI की जिम्मेदारी है। उन्हें निर्देशित किया गया कि वे सड़क किनारे ऐसी भूमि आरक्षित करें जहाँ अस्थायी रूप से मवेशियों को रखा जा सके।