Bilaspur News:– रेलवे का कोच अटेंडर साइबर ठगों के लिए जुटाता था म्यूल अकाउंट, पुलिस ने दबोचा

Bilaspur News:– रेलवे में कार्यरत कोच अटेंडर साइबर अपराधियों को बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड और म्यूल अकाउंट उपलब्ध कराता था। रेंज साइबर थाना पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर न्यायालय में पेश किया है। मामला रेंज साइबर सेल की जांच से जुड़ा है।
बिलासपुर। कमीशन के लालच में लोगों से बैंक खाता खुलवाकर उसके दस्तावेज साइबर ठगों तक पहुंचाने वाला रेलवे का कोच अटेंडर आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ गया। रेंज साइबर सेल ने पांच अलग–अलग केसों की जांच के बाद इस आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया है।

सीएसपी निमितेष सिंह के मुताबिक, आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने साइबर क्राइम पोर्टल में दर्ज संदिग्ध म्यूल बैंक अकाउंट की जांच कर ठगों तक पहुंचने के लिए विशेष निर्देश जारी किए थे। निर्देश मिलते ही रेंज साइबर पुलिस ने ऐसे खातों की पड़ताल शुरू कर पीड़ितों से संपर्क कर ट्रांजैक्शन डिटेल खंगाले। पड़ताल में सामने आया कि अलग–अलग बैंकों में खोले गए कई संदिग्ध खातों के पीछे एक ही व्यक्ति की भूमिका है। संबंधित म्यूल अकाउंट होल्डर्स को तलब कर पूछताछ की गई।
पूछताछ में पता चला कि हेमूनगर निवासी दीपक विश्वकर्मा (45) हर खाते पर 10 हजार रुपये कमीशन का लालच देकर लोगों से बैंक अकाउंट खुलवाता था और फिर पासबुक व एटीएम खुद के पास रख लेता था। साइबर ठग इन खातों का उपयोग डिजिटल धोखाधड़ी में कर रहे थे।
इधर, कार्रवाई की भनक लगते ही दीपक कुछ समय के लिए गायब हो गया और इस बीच उसने रेलवे में कोच अटेंडर की नौकरी पकड़ ली। नौकरी करते हुए भी वह विभिन्न लोगों को फंसाकर साइबर ठगों तक खाते पहुंचाता रहा। यहां तक कि ट्रेन के माध्यम से भी वह यह दस्तावेज गिरोह तक पहुंचाता था।
हाल ही में वह फिर से शहर में नए बैंक खाते खुलवाने की कोशिश कर रहा था। इसकी जानकारी मिलते ही रेंज साइबर पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह देशभर के अलग–अलग राज्यों में सक्रिय साइबर ठगों को बैंक डिटेल सप्लाई कर रहा था।
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया है।
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