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Bilaspur News:– जीर्ण शीर्ण मंदिर के जीर्णोद्धार का फेसबुक में डाला संकल्प,अगले दिन ही धाराशाई हुआ मंदिर, मलबे में सांपों के चलते नहीं खोजा जा सका शिवलिंग, रहस्य ने जन्म दी अटकलें और आक्रोश

Bilaspur छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी रतनपुर में बिकमा तालाब के पास स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर रहस्यमय हालात में मलबे में तब्दील हो गया। स्थानीय चावल व्यवसायी विजय अग्रवाल की बहन ने मंदिर के जिर्णोद्धार का संकल्प लिया था और इसकी जानकारी पूर्व पार्षद शिवमोहन बघेल को दी थी। पार्षद ने इस जानकारी को इंटरनेट मीडिया में भी प्रचारित किया। लेकिन केवल दो दिन बाद मंदिर ढहा मिला और जब मलबा हटाया गया तो ग्रेनाइट से निर्मित शिवलिंग और जलहरि दोनों गायब थे।

संकल्प से रहस्य तक पहुँची कहानी

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व्यवसायी विजय अग्रवाल की बहन का उद्देश्य मंदिर का जिर्णोद्धार करना था। पार्षद ने जैसे ही यह जानकारी सार्वजनिक की, नगर में श्रद्धालुओं के बीच उत्साह का माहौल बन गया।

लेकिन मंदिर ढहने के बाद जब लोग मलबे तक पहुंचे तो इसे जिर्णोद्धार का हिस्सा मान लिया। वहीं व्यवसायी ने मंदिर गिराने की जानकारी से साफ इनकार कर दिया।

शिवलिंग और जलहरि गायब, नगर में मचा हड़कंप

जब पूर्व पार्षद ने मलबा हटवाने की कार्रवाई शुरू कराई, तो मंदिर के भीतर से शिवलिंग और जलहरि दोनों गायब पाए गए। इस खुलासे के बाद पूरे नगर में हड़कंप मच गया। लोग अलगअलग कयास लगाने लगेकिसी ने इसे चोरी बताया, तो किसी ने इसे दैवीय रहस्य करार दिया।

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सांप निकलने से थमा काम

मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीन मंगाई गई थी। जैसे ही जेसीबी से काम शुरू हुआ, मलबे से कई सांप निकल आए। यह देख जेसीबी ऑपरेटर डर गया और तत्काल काम बंद कर दिया।

ऐतिहासिक धरोहर पर सवाल

इतिहासकारों के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने कराया था। बिकमा तालाब लगभग 56 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और इसके चारों ओर अनेक प्राचीन मंदिर एवं समाधियां मौजूद हैं। यही वजह है कि रतनपुर का यह इलाका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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