Bilaspur Police Review Meeting:– DGP अरुण देव गौतम ने ली कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक, अपराध नियंत्रण और टेक्नोलॉजी आधारित पुलिसिंग पर दिए सख्त निर्देश

Bilaspur Police Review Meeting:–जिले की कानून–व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, टेक्नोलॉजी आधारित पुलिसिंग और सामुदायिक सहभागिता को लेकर बुधवार को पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने बिलासपुर में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक ली। इस दौरान DGP ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अब पुलिसिंग केवल FIR तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि NAFIS, CCTNS, ई–साक्ष्य और चेतना अभियान जैसे आधुनिक और जनसंपर्क आधारित मॉडल पर कार्य किया जाएगा। उन्होंने अपराधों की त्वरित जांच, पीड़ितों की प्राथमिक सुनवाई और थाना स्तर पर जवाबदेही तय करने पर विशेष ज़ोर दिया।
Bilaspur Police Review Meeting:–बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने बुधवार को बिलासपुर जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि अब अपराध नियंत्रण के साथ–साथ पुलिसिंग में तकनीक, पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने NAFIS, CCTNS, ई–साक्ष्य और ई–समन जैसे डिजिटल टूल्स को फील्ड में प्रभावी तरीके से लागू करने पर ज़ोर दिया।
बैठक की शुरुआत में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने जिले की अपराध स्थिति, डिटेक्शन रेट, संवेदनशील इलाकों की निगरानी और सामुदायिक पुलिसिंग के तहत चल रहे कार्यक्रमों की विस्तृत रिपोर्ट पेश की।
इस अवसर पर बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला, द्वितीय बटालियन कमांडेंट मनोज खिलाड़ी, विशेष शाखा की जोनल एसपी दीपमाला कश्यप, रेडियो एसपी पूजा कुमार, अभियोजन अधिकारी, हाईकोर्ट व एयरपोर्ट सुरक्षा इकाई, रेडियो शाखा और रेंज एमटी शाखा के प्रभारी अधिकारी मौजूद रहे।

डीजीपी ने समीक्षा के दौरान ‘चेतना’ सामुदायिक पुलिसिंग अभियान को और सशक्त बनाने तथा इसे संस्थागत रूप में जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोगों की भागीदारी के बिना अपराध पर दीर्घकालिक नियंत्रण संभव नहीं है।
उन्होंने थाना स्तर पर बीट सिस्टम को मजबूत करने और हर राजपत्रित अधिकारी को निर्देशित किया कि वे अपने–अपने अधीनस्थ थाना क्षेत्रों में होने वाले गंभीर अपराधों के घटनास्थल पर तत्काल पहुंचें और पीड़ितों की सीधी सुनवाई करें। लंबित प्रकरणों की नियमित समीक्षा, समान वारंटों की त्वरित तामील और पुराने–नए मामलों के समयबद्ध निपटारे के लिए भी सख्त दिशा–निर्देश दिए गए।

डीजीपी ने पुलिस कल्याण के मुद्दों पर भी बात की और कहा कि जवानों की समस्याओं को शासन और पुलिस मुख्यालय द्वारा तय दिशा–निर्देशों के अनुसार समयबद्ध हल किया जाए।
बैठक के दौरान सभी प्रमुख इकाइयों के कामकाज की समीक्षा की गई। इसमें सकरी बटालियन, रेडियो शाखा, हाईकोर्ट सुरक्षा, एयरपोर्ट सिक्योरिटी, विशेष शाखा, अभियोजन कार्यालय और रेंज एमटी शाखा शामिल हैं। उनके कार्यों की प्रगति, शासन एवं पुलिस मुख्यालय से प्राप्त निर्देशों के पालन और कार्ययोजना की भी जांच की गई।
बैठक के समापन पर डीजीपी गौतम ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि पुलिसिंग को संवेदनशीलता, सेवा भाव और पेशेवर दक्षता के साथ अंजाम दें। उन्होंने कहा, “पुलिसिंग सिर्फ कानून लागू करने का नहीं, बल्कि जनता का विश्वास अर्जित करने का कार्य है। इसमें कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।”
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