बिलासपुर प्रेस क्लब का चुनाव रद्दनिर्वाचन अधिकारी की लापरवाही पर रजिस्ट्रार की सख्ती अब नए अधिकारी की निगरानी में फिर से होगी पूरी प्रक्रिया

बिलासपुर प्रेस क्लब चुनाव निरस्त: नियम उल्लंघन और अपारदर्शी प्रक्रिया पर रजिस्ट्रार की सख्ती
बिलासपुर प्रेस क्लब चुनाव निरस्त: नियम उल्लंघन और अपारदर्शी प्रक्रिया पर रजिस्ट्रार की सख्ती
बिलासपुर।छत्तीसगढ़ शासन के फर्म्स एंड सोसाइटीज़ रजिस्ट्रार ने बिलासपुर प्रेस क्लब के वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तावित चुनाव को अमान्य घोषित कर दिया है। 18 नवंबर 2025 को जारी आदेश में कहा गया कि निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान तय नियमों का पालन नहीं हुआ और निर्वाचन अधिकारी ने समय–सीमा में आवश्यक दस्तावेज तथा रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की।
आदेश में दर्ज प्रमुख अनियमितताएं
रजिस्ट्रार द्वारा जारी आदेश में कई गंभीर प्रक्रियागत चूकें सामने आईं—
- निर्वाचन अधिकारी ने आवेदन-पत्रों की छंटनी, दावा-आपत्ति और प्रत्याशी सूची की रिपोर्ट तय समय में नहीं सौंपी।
- रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा बार-बार स्मरण-पत्र जारी करने के बावजूद निर्वाचन अधिकारी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
- 15 सितंबर, 19 सितंबर, 8 अक्टूबर और 9 अक्टूबर 2025 को भेजे गए पत्रों पर भी संतोषजनक उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया।
- मतदाता सूची पर आई आपत्तियों का निराकरण नहीं हुआ और न ही उसकी रिपोर्ट रजिस्ट्रार को भेजी गई।
- नियम 27 और 28 के तहत आवश्यक सत्यापन व दस्तावेज जमा न करने के कारण पूरी निर्वाचन प्रक्रिया को अमान्य माना गया।
रजिस्ट्रार का निर्णय और तर्क
रजिस्ट्रार ने आदेश में उल्लेख किया है कि निर्वाचन अधिकारी ने कई बार दिए गए निर्देशों की अवहेलना की। पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता के मानकों का पालन नहीं हुआ। इन परिस्थितियों को देखते हुए प्रेस क्लब चुनाव को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया।
विकास पैनल का स्वागत, पारदर्शी चुनाव की उम्मीद
निर्वाचन रद्द होने के बाद विकास पैनल के सदस्यों में उत्साह देखा गया। उन्होंने रजिस्ट्रार के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने शुरू से ही चुनाव प्रक्रिया में हो रही अनियमितताओं और पक्षपातपूर्ण फैसलों को लेकर आपत्तियां दर्ज कराई थीं। पैनल का कहना है कि यह निर्णय प्रेस क्लब में पारदर्शिता और लोकतांत्रिक व्यवस्था को बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

नए निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति के निर्देश
आदेश के अंतिम भाग में जिला कलेक्टर बिलासपुर को निर्देशित किया गया है कि प्रेस क्लब का चुनाव अब किसी नए प्रशासनिक या राजपत्रित अधिकारी की निगरानी में कराया जाए। नया अधिकारी नियमावली के अनुरूप संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को पुनः संपादित करेगा।


इस फैसले के बाद पत्रकार समुदाय में हलचल है। लंबे समय से विवादों और आपत्तियों से घिरे प्रेस क्लब चुनाव पर अब नई प्रक्रिया के तहत पारदर्शी और निष्पक्ष ढंग से चुनाव कराए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
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