

बिलासपुर /जूनियर महिला डॉक्टर से उत्पीड़न और छेड़छाड़ करने वाले मेडिकल कॉलेज के एचओडी ने अन्य महिला डॉक्टर को भी किया था प्रताड़ित,थाने पहुंच कर महिला चिकित्सक ने दिया बयान,सामने आने लगी अन्य पीड़िताएं सिम्स की मेडिकल पीजी छात्रा से दुर्व्यवहार और अनुचित स्पर्श की एफआईआर होते ही एक अन्य पीड़िता भी सामने आई है। एक अन्य महिला चिकित्सक ने भी थाने पहुंच कर मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉक्टर पंकज टेंभूर्णिकर की प्रताड़ना से तंग आकर नौकरी छोड़ने का बयान दिया है। वहीं सिम्स ने मचे बवाल के बाद निष्पक्ष जांच हेतु विशाखा समिति की अध्यक्ष को भी बदल दिया गया है। दूसरी तरफ एफआईआर दर्ज होने के बाद डॉक्टर पंकज ने जमानत याचिका लगाई है।बिलासपुर। सिम्स मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर ने जिस मेडिसिन विभाग के एचओडी पंकज टेंभूर्णिकर के ऊपर प्रताड़ना और अनुचित स्पर्श का आरोप लगाया था उस एचओडी के खिलाफ प्रताड़ना के अन्य मामले भी सामने आए हैं।

पीड़िता के अलावा एक अन्य महिला चिकित्सक ने भी थाने पहुंच कर डॉक्टर पंकज टेंभूर्णिकर के खिलाफ उत्पीड़न और प्रताड़ना से तंग आकर नौकरी छोड़ने का बयान दिया है। मिली जानकारी के अनुसार एमडी मेडिसिन सेकंड ईयर की छात्रा के द्वारा एफआईआर करवाने के बाद अन्य पीड़िताएं भी सामने आ रही है। वही दूसरी तरफ एचओडी पंकज टेंभूर्णिकर ने अपनी जमानत याचिका सत्र न्यायालय में लगाई है। सिम्स मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में एमडी मेडिसिन द्वितीय वर्ष की छात्रा ने मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉक्टर पंकज टेंभूर्णिकर के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत की थी। एमडी मेडिसिन की सेकंड ईयर में अध्यनरत जूनियर डॉक्टर की शिकायत के अनुसार पिछले आठ माह से मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर टेंभूर्णिकर उसका उत्पीड़न कर रहे हैं। आपातकालीन ड्यूटी के दौरान उनसे मौखिक दुर्व्यवहार करने के अलावा उन्हें अनुचित तरीके से स्पर्श करते हैं। उनका फोन उनसे लूट कर पटक दिया और तोड़ दिया। इसके अलावा सिम्स में शत्रुतापूर्ण कार्य वातावरण विभागाध्यक्ष के द्वारा बनाया गया है। अन्य छात्राओं की भी इस तरह की शिकायत एचओडी के खिलाफ रही है। पीड़िता जूनियर डॉक्टर की शिकायत पर पहले गंभीरता से सिम्स प्रबंधन ने कार्यवाही नहीं की। इसके बाद पीड़िता ने छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन से इस मामले में मदद मांगी। छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन ने इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्यवाही करने की मांग की। मामले को तूल पकड़ता देखकर यह मामला 5 सदस्यीय समिति के समक्ष रखा गया। इसके अलावा सिम्स के डीन डॉक्टर रमणेश मूर्ति ने एक बैठक बुला डॉक्टर पंकज टेंभूर्णिकर को केवल परीक्षा कार्य से पृथक करने जैसी दिखावे की मामूली कार्यवाही कर दी थी। इसके बाद पीड़िता ने उचित कार्यवाही के लिए कोतवाली थाने में पहुंच कर शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत को संज्ञान में लेकर कोतवाली पुलिस ने सिम्स के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉक्टर पंकज टेंभूर्णिकर के खिलाफ अपराध क्रमांक 104/25 बीएनएस की धारा 351,74,78 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। अपराध दर्ज होने के बाद डॉक्टर पंकज टेंभूर्णिकर ने जमानत हेतु सत्र न्यायालय में याचिका लगाई है। वही यह मामला सामने आने के बाद दूसरी पीड़ित छात्राएं भी सामने आ रही हैं। सिम्स से नौकरी छोड़ चुकी एक महिला चिकित्सक भी मीडिया के माध्यम से जानकारी लगने पर कोतवाली थाने पहुंची। उन्होंने बयान दर्ज करवाते हुए बताया कि वे जूनियर रेसिडेंट के पद पर मेडिसिन विभाग में कार्यरत थी। उन्होंने बताया कि पंकज टेंभूर्णिकर के अभद्र और अमर्यादित व्यवहार के चलते उनका सिम्स में कार्य कर पाना मुश्किल हो रहा था। उन्होंने डीन से भी इसकी शिकायत की थी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। मानसिक रूप से प्रताड़ित होते हुए एवं डॉक्टर पंकज टेंभूर्णिकर विभागाध्यक्ष मेडिसिन के सिम्स में महत्वपूर्व पद पर रहने के कारण असुरक्षित होने एवं भय के वातावरण में सिम्स में अपनी सेवाएं देने में खुद को असमर्थ बता जूनियर रेसिडेंट मेडिसिन विभाग के पद से त्यागपत्र देना पड़ा।
2 दो पीड़िताओं की तरह आगे चलकर अन्य पीड़िताओं के भी सामने आने की आशंका है।
दूसरी तरफ निष्पक्ष जांच हेतु विशाखा कमेटी की अध्यक्ष बदली गई:_
एक तरफ की छात्रा के उत्पीड़न के मामले में बवाल मचा तो दूसरी तरफ सिम्स में विशाखा समिति की अध्यक्ष को भी निष्पक्ष जांच हेतु बदल दिया गया है। पूर्व में विशाखा समिति की अध्यक्ष डॉक्टर संगीता जोगी थीं। अब ईएनटी विभाग की एचओडी डॉ आरती पांडे को नया अध्यक्ष बनाया गया है। बता दे इससे पहले भी संगीता जोगी के विशाखा कमेटी के अध्यक्ष रहते एक डॉक्टर पर बेड शेयरिंग के आरोप लगे थे। इसके अलावा सर्जरी विभाग के प्रमुख पर भी पीजी की छात्राओं ने उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। बावजूद इसके इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई। मेडिसिन विभाग की छात्रा के मामले में भी शिकायत के बावजूद एचओडी को केवल परीक्षा कार्य से पृथक करने जैसी औपचारिकता की कार्यवाही कर दी गई थी। जिस पर पीड़िता ने कानून का सहारा लिया और रिपोर्ट दर्ज करवाई। अब विशाखा समिति की अध्यक्ष बदलने से निष्पक्ष जांच और कार्यवाही की उम्मीद पीड़िताओं में बंध गई हैं।
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