CG news:– बिल्डर को फायदा पहुंचाने तहसीलदार का ऐसा खेला, एक ही दिन में अपना ही आदेश बदल के कर दिया दूसरा आदेश जारी

Bilaspur news:– बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए बिलासपुर तहसीलदार मुकेश देवांगन ने बड़ा खेला कर दिया। किसान की जमीन के पीछे स्थित बिल्डर की अवैध जमीन पर रास्ता देने के लिए बिल्डर ने पहले शुक्रवार 31 जनवरी के दिन आदेश जारी कर बिल्डर को सात दिनों में जमीन खाली करने का आदेश दिया। फिर 7 दिनों में किसान ऊपर अपील कर स्टे ना ला सके इस आशंका में उसी दिन एक दूसरा आदेश जारी कर केवल दो दिनों में ही कब्जा खाली करने के आदेश दे दिए। अगले दो दिन छुट्टी थी इस दिन किसान अपील नहीं कर पाया और बिल्डर ने खड़ी फसल पर मिट्टी पाट जमीन पर सड़क बना दिया। मामले में शिकायत के बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने बिल्डर के पट्टे को जांच के बाद निरस्त करवा दिया है।

Bilaspur बिलासपुर। बिल्डर को लाभ पहुंचाने के खेल में तहसीलदार की बड़ी भूमिका सामने आई है। बिल्डर को रास्ता देने के लिए सामने वाले किसान को बेदखली करने के दिए गए आदेश में बड़ा झोलझाल करते हुए तहसीलदार ने एक ही दिन में दो आदेश जारी कर दिया। पहले आदेश में किसान को 7 दिन में बेजा कब्जा हटाने के निर्देश दिए गए जबकि उसी दिन जारी दूसरे आदेश में किसान को दो दिनों में बेजा कब्जा हटाने के निर्देश दे दिए। जिसके बाद बिल्डर ने रातों रात किसान की खड़ी फसल और सरकारी जमीन पर कई ट्रक मिट्टी पाट कर सड़क बना लिया।
कोनी के पटवारी हल्का नंबर 46 के खसरा नंबर 1307/1 व खसरा नंबर 1308 के कुल रकबा 0.234 हेक्टेयर की जमीन राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार गेंदराम साहू पिता स्व. दुर्जन साहू व चिरौंजी बाई पति दुर्जन साहू के नाम दर्ज है। किसान की जमीन के पास ही अज्ञेय नगर निवासी सुभाष चंद्र मिश्रा पिता आरएस मिश्रा का खसरा नंबर 1309/3 और 1305/1 की जमीन है। सुभाष चंद्र मिश्रा जय गुरुदेव इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नामक फर्म का संचालन करते हैं। सुभाष चंद्र मिश्रा ने अपनी जमीन पर रास्ता दिए जाने हेतु तहसीलदार के न्यायालय में प्रकरण लगाया था। तहसीलदार के आदेश अनुसार पटवारी किसान गेंदराम साहू ने अपनी जमीन के अतिरिक्त खसरा नंबर 1309/1 की 0.40 एकड़ सरकारी जमीन पर काबिज है। रिकॉर्ड के अनुसार यह रास्ते की जमीन है, तहसीलदार ने किसान को खुद से रास्ते की जमीन खाली करवाने के निर्देश दिए थे। ऐसा नहीं करने पर बलपूर्वक जमीन खाली करवाने की बात कही थी। पर बिल्डर ने बिना किसान को सूचना दिए रातों रात खड़ी फसल पर मिट्टी पटवा दी। इसके अलावा सरकारी जमीन पर भी मिट्टी पटवा दी। किसान ने जब जनदर्शन में कलेक्टर अवनीश शरण से शिकायत की तब कलेक्टर ने एसडीएम मनीष साहू से जांच करवाई और मामले का खुलासा हुआ।
छुट्टी से पहले एक ही दिन में जारी कर दिया दो आदेश, पहले 7 दिन दूसरे दिन दो दिन की मियाद:–
बिल्डर के पक्ष में फायदा पहुंचाने के लिए बिलासपुर तहसीलदार मुकेश देवांगन ने एक ही दिन में दो आदेश जारी किए हैं। पहले दिन किसान गेंदराम साहू पिता स्व. दुर्जन साहू और चिरौंजी बाई पति स्व. दुर्जन साहू वगैरह विरुद्ध बिल्डर सुभाष चंद्र मिश्रा में पारित आदेश के अनुसार सात दिवस के भीतर बेजा कब्जा हटाने के निर्देश दिए गए थे। सात दिनों में भेजा कब्जा स्वयं से नहीं हटाने पर बलपूर्वक बेजा कब्ज़ा हटाए जाने की चेतावनी दी गई थी। इसमें किसान को खुद सात दिनों में बेजा कब्जा हटा देने को कहां गया था, अन्यथा की स्थिति में प्रशासन द्वारा हटवाए जाने और पूरा खर्चा संबंधित से वसूल किए जाने के निर्देश दिए थे।
यह आदेश 31 जनवरी शुक्रवार को तहसीलदार मुकेश देवांगन ने जारी किया था। इसके बाद शनिवार और रविवार को अवकाश था। पहले 7 दिनों तक का समय किसान को बेजा कब्जा हटाने के लिए दिया गया था,पर इस बीच किसान ऊपर अपील कर स्टे न ले सके उसके लिए तहसीलदार ने उसी दिन अपना आदेश बदलते हुए एक दूसरा आदेश जारी कर दिया। इसमें 7 दिन की बजाय केवल दो दिनों में ही कब्जा खाली करवाए जाने का आदेश जारी किया गया। अगले 2 दिन छुट्टी थी इसलिए किसान ऊपर अपील भी नहीं कर सकता था। यह बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया। दूसरी तरफ तहसीलदार ने किसान को खुद से कब्जा हटाने नहीं की स्थिति में प्रशासन द्वारा हटवाने की चेतावनी दी थी पर पर इसका भी उल्लंघन करते हुए बिल्डर ने खुद रातों रात खड़ी फसल में मिट्टी पटवा सड़क बनवा दिया गया।
यह है पूरा मामला:–
कोनी के पटवारी हल्का नंबर 46 के खसरा नंबर 1307/1 व खसरा नंबर 1308 के कुल रकबा 0.234 हेक्टेयर की जमीन राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार गेंदराम साहू पिता स्व. दुर्जन साहू व चिरौंजी बाई पति दुर्जन साहू के नाम दर्ज है। किसान की जमीन के पास ही अज्ञेय नगर निवासी सुभाष चंद्र मिश्रा पिता आरएस मिश्रा का खसरा नंबर 1309/3 और 1305/1 की जमीन है। सुभाष चंद्र मिश्रा जय गुरुदेव इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नामक फर्म का संचालन करते हैं। सुभाष चंद्र मिश्रा ने अपनी जमीन पर रास्ता दिए जाने हेतु तहसीलदार के न्यायालय में प्रकरण लगाया था। तहसीलदार के आदेश अनुसार पटवारी किसान गेंदराम साहू ने अपनी जमीन के अतिरिक्त खसरा नंबर 1309/1 की 0.40 एकड़ सरकारी जमीन पर काबिज है। रिकॉर्ड के अनुसार यह रास्ते की जमीन है, तहसीलदार ने किसान को खुद से रास्ते की जमीन खाली करवाने के निर्देश दिए थे। ऐसा नहीं करने पर बलपूर्वक जमीन खाली करवाने की बात कही थी। पर बिल्डर ने बिना किसान को सूचना दिए रातों रात खड़ी फसल पर मिट्टी पटवा दी। इसके अलावा सरकारी जमीन पर भी मिट्टी पटवा दी। किसान ने जब शिकायत की तब एसडीएम से जांच करवाया गया और मामले का खुलासा हुआ।

यह आया जांच रिपोर्ट में…
एसडीएम मनीष साहू की जांच रिपोर्ट में जानकारी मिली कि सेंदरी पटवारी हल्का नंबर 46 स्थित भूमि खसरा नंबर 1309 रकबा 7.57 एकड़ भूमि मिसल बंदोबस्त के अनुसार घास मद में दर्ज है। अधिकार अभिलेख उक्त खसरा के दो बटांकन खसरा नंबर 1309/1 रकबा 4.27 एकड़ रघुवीर सिंह आदि के नाम दर्ज थी। निस्तार पत्रक में खसरा नंबर 1309/1 रकबा 4.27 एकड़ भूमि चराई मद में दर्ज है। अनावेदक ईश्वर पिता कुंजराम ने अपने बयान में बताया है कि शासन से उसे कोई पट्टा प्राप्त नहीं हुआ है। उक्त भूमि पर उनका कब्जा था,जिसे उसने राजेश अग्रवाल पिता बजरंग अग्रवाल को पांच लाख रुपए में विक्रय किया था।
राजेश अग्रवाल और सुभाष चंद्र मिश्रा ने अपने संयुक्त जवाब में बताया है कि 1309/3 रकबा एक एकड़ भूमि को कलेक्टर बिलासपुर से 4 फरवरी 2009 को विक्रय के लिए आदेश प्राप्त कर ईश्वर पिता कुंजराम से खरीदा है। खास बात यह है कि प्रकरण में प्रस्तुत बैनामा दिनांक 23/4/2009 में खसरा नंबर ,1309/9 रकबा एक एकड़ भूमि को राजेश अग्रवाल पिता बजरंग अग्रवाल ने कुंजराम से क्रय किया है। जबकि खसरा नंबर 1309/9 राजस्व अभिलेखों में दर्ज ही नहीं रहा।
न्यायालय कलेक्टर बिलासपुर के 4 फरवरी 2009 के आदेश का अवलोकन किया गया। राजस्व प्रकरण में ईश्वर पिता कुंज राम के नाम जारी पट्टा संलग्न नहीं है न ही निस्तार पत्रक से खसरा नंबर 1309/ 1 रकबा 4.27 एकड़ भूमि चराई मद में दर्ज है।
खसरा पंचशाला वर्ष 1994–95 में खसरा नंबर 1309/1 रकबा
4.27 एकड़ भूमि मध्यप्रदेश शासन के नाम पर दर्ज रही है, जिसे कूटरचना कर 2. 27 एकड़ बनाया गया है तथा ख.नं. 1309/3 रकबा 1.00 एकड़ भूमि ईश्वर पिता कुंजराम के नाम पर अविधिक रूप से इन्द्राज किया जाना प्रतीत होता है।
प्रकरण में संलग्न दस्तावेजो से यह प्रमाणित होता है कि मौजा सेंदरी प.ह.नं. 46 तहसील बिलासपुर स्थित भूमि ख. नं. 1309/9 रकबा 1.00 एकड़ भूमि ईश्वर पिता कुंजराम द्वारा राजेश पिता बजरंग अग्रवाल को विक्रय किया गया है, जबकि ईश्वर पिता कुंजराम के नाम पर ख.नं. 1309/3 रकबा 1.00 एकड़ भूमि अवैध रूप से दर्ज था। अतिरिक्त कलेक्टर बिलासपुर के रा.प्र.क्र. 56/अ-74/2008-09 में ईश्वर पिता कुंजराम के नाम पर जारी पट्टा संलग्न नही है। निस्तार पत्रक में ईश्वर पिता कुंजराम को पट्टा प्रदाय करने संबंधि आदेश इन्द्राज नही है और न ही ख.नं. 1309/1 से कोई रकबा पृथक किया गया है। अतः अतिरिक्त कलेक्टर बिलासपुर के रा.प्र.क्र. 56/अ-74/2008-09 आदेश दिनांक 04.02.2009 में जारी अनुमति पत्र स्वमेव निरस्त है।
शासन के खाते में जमीन किया गया सम्मिलित, बिल्डर को बड़ा झटका:–
ख.नं. 1309/3 रकबा 1.00 एकड को विलोपित करते हुये, ख.नं. 1309/1 रकबा 4. 27 एकड़ भूमि छ०ग० शासन के नाम पर दर्ज किये जाने का आदेश प्रकरण की जांच के बाद एसडीएम मनीष साहू ने कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देशानुसार किए हैं। प्रशासन के इस आदेश से भू माफियाओं और दूसरों की जमीनों पर बलपूर्वक कब्जा करने वाले बिल्डरों में हड़कंप मच गया है।
जनता की गाड़ी कमाई लूटने से बची:–
उक्त भूमि पर एक एकड़ जमीन पर कूटरचित तरीके से पट्टा और विक्रय की अनुमति प्राप्त कर बिल्डर 4.27 एकड़ जमीन में काबिज हो गया था। इस जमीन से लगी सरकारी जमीन और किस की जमीन को पाट कर रास्ता बनवाने के बाद उक्त भूमि में कॉलोनी का प्रोजेक्ट बिल्डर बनवा कर लोगों को बेचता। आम जनता बिल्डर के झांसे में आकर कॉलोनी में भूमि या मकान खरीद लेती। बाद में यदि कोई जांच के बाद प्रशासन कोई कार्यवाही करता तो लोगों के जीवन भर की जमा पूंजी डूब जाती। पर प्रशासन ने पहले ही कार्रवाई कर दी। जिसके चलते ना अब उक्त जमीन की रजिस्ट्री होगी और ना ही लोग वहां जमीन लेकर ठगे जाएंगे।
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