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CG- सरकारी सिस्टम ने कहा छुट्टी है, निजी अस्पतालों ने कहा पैसे दो, नवजात ने तोड़ा दम, शर्मनाक ये कि लालची डॉक्टर ने दूसरा बच्चा दिखा वसूली रकम,देखें video..

“Deliveries don’t happen in government hospitals, sir… today is a holiday!”
These were the words a father was told — while his wife screamed in labor pain and their unborn child’s breath got tangled in uncertainty before even entering this world — because the government system had taken the day off.

जांजगीर चांपा सरकारी अस्पताल में डिलीवरी नहीं होती साहबआज तो छुट्टी है!” ये शब्द उस पिता ने सुने थे, जिसकी पत्नी प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी और नवजात की सांसें दुनिया में आने से पहले ही उलझ गईं थींक्योंकि सरकारी सिस्टम छुट्टी पर था।

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शनिवार 17 मई को चांपा के बसंतपुर निवासी जितेन्द्र साहू अपनी पत्नी शिवरात्रि को प्रसव पीड़ा होने पर लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। लेकिन वहां उन्हें जवाब मिला—”आज डिलीवरी नहीं होती, छुट्टी है।इससे बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है?

देखें video https://youtube.com/shorts/zKYjydy1SDY?si=R9Wft4zVpB4kQ3fr

सरकारी सिस्टम ने कहा – “छुट्टी है”, निजी अस्पतालों ने कहा – “पैसे दो

दर्द से तड़पती महिला को लेकर परिजन पहले सिटी डिस्पेंसरी (पुराना जिला अस्पताल) पहुंचे, वहां डॉक्टरों ने देखकर कहा – बच्चादानी खुल चुकी है, बच्चे का सिर भी नजर आ रहा है। इसके बावजूद महिला को रेफर कर दिया गया।

मजबूरी में परिजन चांपा के एक निजी अस्पताल पहुंचे, जहां डॉ. अतुल राठौर ने डिलीवरी कराई। डिलीवरी के बाद डॉक्टर ने कहाबच्चा गंभीर है, तुरंत रेफर करो।

अब परिजन भागते-भागते पहुंचे जिला मुख्यालय के आयुष्मान (प्रसाद) अस्पताल, जहां डॉक्टरों ने कहा – “8 से 10 हजार रुपये रोज लगेंगे, इलाज शुरू करते हैं।” बच्चे को वेंटिलेटर पर रख दिया गया, लेकिन देखने नहीं दिया गया।

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मरा बच्चा छुपाया, दूसरा दिखाकर ठगे पैसे” – पिता का सनसनीखेज आरोप

पिता जितेन्द्र साहू का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने उनके मृत बच्चे की जगह दूसरे बच्चे को वेंटिलेटर में दिखाकर इलाज के नाम पर पैसे वसूले। जब उन्होंने ज़ोर देकर बच्चे को देखने की जिद की, तब जाकर बताया गया कि उनका बच्चा तो रात में ही मर गया था!

गुस्से और ग़म में डूबा परिवार मंगलवार को शव लेकर घर गया और कफनदफन कर दिया। लेकिन मामला यहीं नहीं रुका।

पुलिस हरकत में आईकब्र खोदी, शव निकाला गया बाहर

बुधवार को जितेन्द्र ने कोतवाली में लिखित शिकायत दी। मामला गर्माया तो पुलिस ने गंभीरता दिखाई और गुरुवार को नवजात के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। टीआई प्रवीण द्विवेदी ने बताया कि मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी गई है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टरसब डिविजनल ऑफिसर पहुंचे अस्पतालबयान लिए गए

जांजगीर कलेक्टर जन्मेजय महोबे के निर्देश पर एसडीएम ने रविवार को आयुष्मान अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर और स्टाफ के बयान लिए। अब प्रशासन भी इस पूरे मामले की तह तक जाने में जुट गया है।

डॉक्टर ने कहा – “आरोप बेबुनियाद हैं

आयुष्मान अस्पताल के संचालक डॉ. आरके प्रसाद ने परिजनों के आरोपों को नकारते हुए कहाबच्चा गंभीर स्थिति में लाया गया था, रो नहीं रहा था और गर्भजल पी चुका था। हमने हरसंभव इलाज किया, परिजन ही उसे बिलासपुर नहीं ले जाना चाहते थे। मौत के बाद शव बिना पैसे के सौंप दिया गया।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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