
CG GST Raid:–छत्तीसगढ़ में स्टेट जीएसटी विभाग ने अब तक की सबसे बड़ी टैक्स चोरी पर शिकंजा कसते हुए ऐतिहासिक रेड कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस दौरान बॉलीवुड अभिनेत्री अंकिता लोखंडे के पति विक्की जैन के पारिवारिक कोल व्यवसाय सहित तीन प्रमुख कोल कंपनियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। करीब 40 घंटे तक चली जांच के बाद टैक्स चोरी की पुष्टि होने पर संबंधित कंपनियों ने स्वयं 27 करोड़ 11 लाख रुपये की जीएसटी राशि सरेंडर की।
Bilaspur | बिलासपुर।
शहर में कोयला कारोबार से जुड़े बड़े नामों के यहां स्टेट जीएसटी की टीम ने सुनियोजित तरीके से दबिश दी। इस कार्रवाई में महावीर कोल वाशरी, फील कोल ग्रुप और पारस कोल ट्रेडिंग के कुल 11 ठिकानों पर एक साथ जांच की गई। लंबे समय तक चली पड़ताल में टैक्स चोरी से जुड़े अहम साक्ष्य सामने आए, जिसके बाद तीनों कोल कारोबारियों ने विभाग के समक्ष करोड़ों रुपये की जीएसटी राशि सरेंडर कर दी।

बताया जाता है कि अभिनेत्री अंकिता लोखंडे का ससुराल बिलासपुर में है। उनके पति विक्की जैन के परिवार की महावीर कोल कंपनी कोयला कारोबार की एक बड़ी और प्रतिष्ठित कंपनी मानी जाती है। इसके अलावा परिवार का रियल एस्टेट और शिक्षा के क्षेत्र में भी व्यापक कारोबार है। वहीं फील कोल ग्रुप और पारस कोल ट्रेडिंग भी कोयला व्यापार के बड़े खिलाड़ी हैं।
लंबे समय से मिल रहे थे कर चोरी के संकेत:–
स्टेट जीएसटी विभाग को इन कंपनियों की गतिविधियों को लेकर लंबे समय से टैक्स चोरी की सूचनाएं मिल रही थीं। जांच में यह तथ्य सामने आया कि कोल परिवहन में लगी गाड़ियों की संख्या के मुकाबले जीएसटी भुगतान काफी कम दर्शाया जा रहा था। इसी आधार पर जीएसटी सचिव मुकेश बंसल और आयुक्त पुष्पेंद्र मीणा के निर्देश पर गोपनीय जांच शुरू की गई।
लोकल इंटेलिजेंस इनपुट, नियमित खरीदी–बिक्री के आंकड़ों और व्यापारिक गतिविधियों की बारीकी से निगरानी की गई। कर चोरी की पुष्टि होते ही विशेष रणनीति बनाकर विशेष आयुक्त तरन्नुम वर्मा के नेतृत्व में टीमें गठित की गईं और शुक्रवार सुबह से एक साथ छापेमारी की गई।
जांच में उजागर हुईं गंभीर गड़बड़ियां:–
रेड के दौरान टीमों ने कोल स्टॉक, खरीदी-बिक्री के रिकॉर्ड, वाश कोल, कच्चा कोल, रिजेक्ट और रिफाइंड कोल से जुड़े दस्तावेजों की गहन जांच की। दफ्तरों में अकाउंट्स डिपार्टमेंट के कंप्यूटर सिस्टम भी खंगाले गए।
जांच में इनपुट टैक्स क्रेडिट में भारी अंतर पाया गया। इसके अलावा खनिज विभाग की वेबसाइट पर दर्ज स्टॉक और मौके पर मौजूद कोयले की मात्रा में भी बड़ा अंतर सामने आया।
महावीर कोल कंपनी में शुक्रवार सुबह से शनिवार तड़के तक चली जांच के बाद कंपनी प्रबंधन ने 10 करोड़ रुपये सरेंडर करने पर सहमति जताई। वहीं पारस कोल ट्रेडिंग ने 6.5 करोड़ रुपये सरेंडर किए, जिसमें से 3 करोड़ 20 लाख रुपये तत्काल स्टेट जीएसटी के खाते में जमा कराए गए। फील कोल ग्रुप द्वारा कुल 11.11 करोड़ रुपये की जीएसटी राशि सरेंडर की गई।
रेड से पहले अधिकारियों की विशेष तैयारी:–
इस बड़ी कार्रवाई से पहले विशेष आयुक्त (आईआरएस) तरन्नुम वर्मा रायपुर से विभाग की अनुभवी टीम को लेकर बिलासपुर पहुंचीं। यहां उन्होंने अधिकारियों को कोल वाशरी, प्लांट और साइडिंग से जुड़े तकनीकी पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी। करीब एक घंटे से अधिक चली इस विशेष ब्रीफिंग के बाद टीमों ने एक साथ 11 ठिकानों पर दबिश दी।
डेपुटेशन के तुरंत बाद बड़ी सफलता:–
यह पूरी कार्रवाई वित्त सचिव मुकेश बंसल और जीएसटी आयुक्त पुष्पेंद्र मीणा के निर्देश पर विशेष आयुक्त तरन्नुम वर्मा के नेतृत्व में की गई। आईआरएस अधिकारी तरन्नुम वर्मा हाल ही में प्रतिनियुक्ति पर छत्तीसगढ़ शासन में विशेष आयुक्त राज्य वाणिज्य कर विभाग के पद पर पदस्थ हुई हैं।
जॉइनिंग के महज एक सप्ताह के भीतर ही उनके नेतृत्व में प्रदेश की सबसे बड़ी जीएसटी रेड को अंजाम देकर करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी उजागर की गई, जिसे विभाग एक बड़ी प्रशासनिक उपलब्धि मान रहा है।
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