
रायपुर/बिलासपुर – पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी रहे तांत्रिक कृष्ण कुमार श्रीवास्तव उर्फ केके श्रीवास्तव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। राजधानी रायपुर के बाद अब न्यायधानी बिलासपुर में भी उनके खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया गया है। विधवा महिला रत्ना यादव ने करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी को लेकर सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
रत्ना यादव के अनुसार, उनके दिवंगत पति राजेश यादव और केके श्रीवास्तव घनिष्ठ मित्र थे और नौकरी छोड़ने के बाद संयुक्त रूप से बिल्डर का व्यवसाय शुरू किया था। अमलतास कॉलोनी स्थित प्लॉट को विकास के लिए बंधक रखा गया था, जिसकी कीमत वर्ष 2015 में लगभग ढाई करोड़ रुपये थी। राजेश यादव की मृत्यु के बाद केके श्रीवास्तव ने उनके हिस्से का एक करोड़ रुपये देने का वादा किया, लेकिन वह वादा निभाया नहीं गया।
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि रकम के भुगतान से बचने के लिए श्रीवास्तव लगातार टालमटोल करते रहे। यहां तक कि समाजिक बैठकें और कई बार व्यक्तिगत मुलाकातों के बावजूद पैसा नहीं मिला। पीड़िता ने इन सभी बैठकों और बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग साक्ष्य के रूप में पुलिस को सौंपी है।
आठ करोड़ में बेचा गया प्लॉट, पीड़िता को नहीं मिला हिस्सा
रत्ना यादव का आरोप है कि वर्ष 2020-21 में केके श्रीवास्तव ने उक्त जमीन को 8 करोड़ रुपये में बेच दिया, लेकिन पीड़िता को उसका हिस्सा नहीं दिया। जब पीड़िता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजा तो श्रीवास्तव ने रकम देने से साफ इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार में प्रभावशाली संबंधों के चलते उस समय एफआईआर भी दर्ज नहीं हो सकी थी।
आर्थिक तंगी से गुजर रही है पीड़िता, बच्चों के भरण-पोषण में दिक्कत
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उक्त रकम मिलने पर वह हर महीने एक लाख रुपये का ब्याज प्राप्त कर सकती थी, जिससे उनके बच्चों का भरण-पोषण आसान होता। वर्तमान में उन्हें ब्याज पर पैसे लेकर बच्चों का लालन-पालन करना पड़ रहा है। यहां तक कि 26 लाख की कार जिसकी किस्त पति ने शुरू की थी, वह भी भुगतान नहीं कर पाने के चलते बैंक ने जप्त कर ली है।
इन धाराओं में की गई कार्रवाई
रत्ना यादव ने श्रीवास्तव के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (विश्वासघात), 467, 468, 471 (जालसाजी से संबंधित अपराध) के तहत कार्यवाही की मांग की है। हालांकि, फिलहाल पुलिस ने धोखाधड़ी की धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि जांच और दस्तावेजों के सत्यापन के बाद अन्य धाराएं जोड़ी जाएंगी।
पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी
गौरतलब है कि इससे पहले केके श्रीवास्तव पर राजधानी रायपुर में स्मार्ट सिटी लिमिटेड का 500 करोड़ का ठेका दिलवाने के नाम पर नोएडा की रावत एसोसिएट्स से 15 करोड़ की ठगी का मामला दर्ज हो चुका है। रायपुर पुलिस ने उन्हें भोपाल स्थित एमराल्ड होटल से गिरफ्तार कर रायपुर सेंट्रल जेल भेजा था, जहां वे फिलहाल बंद हैं।
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