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CG news : गर्भवती को प्रसव के लिए कांवड़ के जरिये तय किया 6 किलोमीटर का सफर देखिए वीडियो…

सड़क के अभाव में गर्भवती महिला को झलगी में अस्पताल ले जानवका का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। उदयपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत सितकालो के आश्रित ग्राम खामखूंट में पहाड़ी कोरवा गर्भवती महिला को परिजनों ने कांवड़ पर बैठाकर छह किलोमीटर जंगल-पहाड़ का सफर पूरा किया।

सरगुजा: सड़क के अभाव में गर्भवती महिला को झलगी में अस्पताल ले जानवका का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। उदयपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत सितकालो के आश्रित ग्राम खामखूंट में पहाड़ी कोरवा गर्भवती महिला को परिजनों ने कांवड़ पर बैठाकर छह किलोमीटर जंगल-पहाड़ का सफर पूरा किया।

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कठिन रास्ते से सपाट क्षेत्र में पहुंचने के बाद उन्हें एंबुलेंस की सुविधा मिल सकी।इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो गांव के ही व्यक्ति ने बनाया और प्इंटरनेट मीडिया प्केटफार्म पर वायरल कर दिया है.

https://youtu.be/ZXbxOFzqTy0?si=J8yTD4EmNCEj_263


सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लाक के दूरस्थ वनांचल ग्राम खामखूंट में बुनियादी सुविधाओं की कमी है।सड़क,बिजली,पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी से लोग जूझ रहे हैं। ग्राम पंचायत सितकालो के खामखूंट गांव में विशेष संरक्षित पहाड़ी कोरवा जनजाति के 16 परिवार रहते हैं। अर्जुन पहाड़ी कोरवा की पत्नी सुंदरी को गांव की मितानिन नईहारो ने संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया। दोनों तैयार हुए तो अस्पताल ले जाने की चिंता भी सताने लगी. महिला को शनिवार को अस्पताल लेकर जाने की तैयारी हुई। खामखूंट बस्ती से बटपरगा तक पहाड़ी इलाका होने के कारण सड़क नहीं बनी है। इसके चलते गर्भवती महिला के भाई कुंदू और उसके ससुर पनिक राम ने एक झलगी (कांवड़) बनाया। इसे लेकर खामखूंट से बटपरगा तक छह किमी का सफर पैदल पूरा किया।

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बटपरगा तक एंबुलेंस खड़ी थी। यहां से एंबुलेंस से लगभग 12 किलोमीटर दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केदमा ले जाया गया। महिला ने अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। बच्चे को बेहतर उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर में भर्ती किया गया है।

शुद्ध पेयजल के लिए भी गांववालों को मशक्कत करनी पड़ती है।इस पंचायत में पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोग दो-तीन पारा में रहते हैं। यहां बुनियादी सुविधाओं की कमी की जानकारी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को भी है। भौगोलिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण जगह होने के कारण सुविधा विस्तार में थोड़ी दिक्कत आ रही है। ये बसाहट वनक्षेत्र में है।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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