CG Teacher Posting Scam:– प्रमोशन के बाद 94 प्रधान पाठकों की पोस्टिंग में बड़ा घोटाला, लिपिक निलंबित, डीईओ पर कार्रवाई की तलवार

CG Teacher Posting Scam:– प्रमोशन के बाद 94 प्रधान पाठकों की पोस्टिंग में बड़ा घोटाला, लिपिक निलंबित, डीईओ पर कार्रवाई की तलवार
CG Teacher Posting Scam:– सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति के बाद काउंसलिंग से दी गई पदस्थापना में गंभीर गड़बड़ी सामने आई है। बिना कलेक्टर की मंजूरी के सिंगल–सिंगल आदेश जारी कर 94 प्रधान पाठकों के पदस्थापना आदेश बदल दिए गए। इस अनियमितता का खुलासा होने पर संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग जगदलपुर ने तत्काल प्रभाव से आदेश निरस्त कर दिए। अब मामले में जिम्मेदार लिपिक को निलंबित कर दिया गया है और तत्कालीन डीईओ पर कार्रवाई की सिफारिश शासन को भेजी गई है।
कांकेर में हुआ बड़ा खुलासा
कांकेर जिले में पदोन्नति के बाद हुई काउंसलिंग के जरिए शिक्षकों को प्रधान पाठक पद पर पदस्थापना दी गई थी। लेकिन इसके बाद नियमों को ताक पर रखकर व्यक्तिगत आदेशों के जरिए पदस्थापनाओं में संशोधन कर दिया गया। चर्चा है कि इस प्रक्रिया में मोटी रकम वसूली गई। जबकि नियम यह कहता है कि एक बार कलेक्टर की स्वीकृति से पदस्थापना तय हो जाए, तो उसमें किसी भी तरह का बदलाव केवल कलेक्टर की अनुमति से ही संभव है।
निरीक्षण में पकड़ी गई गड़बड़ी
23 जुलाई 2025 को संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बस्तर जगदलपुर ने कांकेर का निरीक्षण किया। प्रधान पाठकों के पदस्थापना दस्तावेजों की जांच में अनियमितता साफ तौर पर सामने आई। इसके बाद विस्तृत जांच करवाई गई, जिसमें पाया गया कि आदेश पूरी तरह से नियमों के खिलाफ थे।
शासन के आदेशों की अनदेखी
स्कूल शिक्षा विभाग ने 29 मार्च 2023 को आदेश जारी कर केवल 265 पदों पर पदस्थापना की अनुमति दी थी। इसके बावजूद स्थानीय स्तर पर 55 अतिरिक्त पदों पर भी आदेश निकाल दिए गए। जांच रिपोर्ट में इसे शासन के पूर्व निर्देशों का खुला उल्लंघन बताया गया।
गाज गिरी लिपिक पर, डीईओ भी घेरे में
जांच के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लिपिक प्रकाश तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। वहीं नारायणपुर में पदस्थ तत्कालीन डीईओ अशोक पटेल पर भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। सूत्रों का कहना है कि इस खेल में कई और अधिकारी–कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।
पुलिस जांच की संभावना
जानकारी मिली है कि चारामा क्षेत्र के एक स्कूल शिक्षक नेता, जो डीईओ का करीबी था, ने कई शिक्षकों से पदस्थापना बदलवाने के नाम पर भारी रकम ली थी। आदेश रद्द होने से नाराज शिक्षक अब इसकी शिकायत थाने में दर्ज करा सकते हैं।