CG Train Accident :– बिलासपुर में भीषण रेल हादसे में अब तक 12 यात्रियों की मौत, 20 से अधिक घायल — 11 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन, एक और घायल ने तोड़ा दम, डिप्टी सीएम ने की पुष्टि,रेलवे के दावों पर उठे सवाल

बिलासपुर।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेल हादसे में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक कुल 12 यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हैं। देर रात तक अस्पताल में भर्ती एक गंभीर घायल ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया, जिससे मृतकों का आंकड़ा 11 से बढ़कर 12 हो गया है।
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मंगलवार को हुए दर्दनाक रेल हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। हादसे में अब तक 11 यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इनमें कई की हालत नाजुक बताई जा रही है। मृतकों में अधिकांश बिलासपुर जिले के निवासी हैं, जबकि एक महिला की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
हादसे की वजह बना खड़ा मालगाड़ी का डिब्बा
मंगलवार गेवरा मेमू लोकल ट्रेन बिलासपुर स्टेशन के आउटर पर अपनी रफ्तार से आगे बढ़ रही थी, तभी उसी ट्रैक पर पहले से एक मालगाड़ी खड़ी थी। अचानक दोनों ट्रेनों के बीच जबरदस्त टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि मेमू ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया।

यात्रियों ने सुनाई भयावह दास्तां
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने तेज ब्रेक लगने की आवाज और फिर जोरदार धमाका सुना। कुछ यात्रियों ने खिड़कियों से कूदकर अपनी जान बचाई। राहत–बचाव दलों ने गैस कटर की मदद से बोगियां काटकर फंसे यात्रियों को बाहर निकाला। देर रात तक रेस्क्यू अभियान जारी रहा।
अस्पतालों में चल रहा घायलों का इलाज
घायल यात्रियों को रेलवे अस्पताल, सिम्स और अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, 5 यात्री सिम्स में, 2 अपोलो में और 6 रेलवे अस्पताल में इलाजरत हैं। कई की हालत गंभीर है, जबकि कुछ को इलाज के बाद छुट्टी भी दे दी गई है।
हादसे के संभावित कारण
अभी तक हादसे के कारणों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन प्रारंभिक जांच में ऑटो सिग्नल फेल होने की आशंका जताई जा रही है। रेलवे ने कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) से जांच के आदेश जारी किए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट कारणों का पता चलेगा।
केंद्र और राज्य सरकार ने की मुआवजे की घोषणा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर घायलों को 5 लाख रुपये और सामान्य घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने भी मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की मदद देने का ऐलान किया है।
11 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
हादसे के बाद रेलवे, जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार 11 घंटे तक राहत–बचाव कार्य में जुटी रहीं।
बोगियों को क्रेन और गैस कटर से काटकर शवों व घायलों को बाहर निकाला गया। रात करीब 2:30 बजे तक तीन शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त बोगी से निकाले गए। इनमें एक शव की पहचान सक्ती जिले के जैजैपुर निवासी प्रिया चंद्रा के रूप में हुई, जो गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी की छात्रा थी।
ट्रैक बहाली में जुटी तकनीकी टीम
हादसे के बाद रेलवे के तकनीकी और सुरक्षा विभाग ने ट्रैक की मरम्मत का कार्य शुरू किया। शाम 7 बजे तक एक ट्रैक पर परिचालन शुरू कर दिया गया था, जबकि देर रात तक मिडिल लाइन भी चालू कर ली गई।
जिस ट्रैक पर हादसा हुआ था, उसे सुबह 4 बजे तक पूरी तरह दुरुस्त कर दिया गया। अधिकारियों के अनुसार, अब सभी लाइनें चालू हैं और ट्रेनें सामान्य रूप से चल रही हैं।
3 महीने पहले ही किया गया था ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम
जानकारी के अनुसार, कोरबा–बिलासपुर रूट को तीन महीने पहले ही ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम से लैस किया गया था। दक्षिण–पूर्व मध्य रेलवे ने इसे यात्रियों के लिए आधुनिक और सुरक्षित तकनीक बताया था।
हालांकि, इस हादसे ने रेलवे के सुरक्षा दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद ही यह साफ होगा कि तकनीकी खराबी थी या मानव त्रुटि।
क्या है मौजूदा स्थिति?
अब तक 11 शवों की बरामदगी हो चुकी है, जबकि घायलों का इलाज जारी है। रेलवे और प्रशासन की टीमें ट्रैक सुधारने और सामान्य परिचालन सुनिश्चित करने में जुटी हुई हैं। राहत–बचाव कार्य फिलहाल समाप्त कर दिया गया है, लेकिन CRS जांच टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाने का काम शुरू कर दिया है।
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