CG Train Accident:– हादसे के बाद भी नहीं सुधरा सिस्टम? एक ट्रैक पर तीन ट्रेनें,अफरा-तफरी का माहौल – वीडियो वायरल, रेलवे ने दी सफाई

CG Train Accident:– हादसे के बाद भी नहीं सुधरा सिस्टम? एक ट्रैक पर तीन ट्रेनें, अफरा-तफरी का माहौल, वीडियो वायरल, रेलवे ने दी सफाई
देखे वीडियो
CG Train Accident:– बिलासपुर रेल हादसे के महज दो दिन बाद ही फिर से एक ही ट्रैक पर तीन ट्रेनों के आने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। इस घटना ने यात्रियों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। हालांकि, रेलवे प्रशासन ने इसे ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम का हिस्सा बताते हुए कहा है कि यह सामान्य और पूरी तरह सुरक्षित परिचालन प्रक्रिया है, जिससे किसी तरह का खतरा नहीं होता।
बिलासपुर। मंगलवार को हुए भीषण रेल हादसे की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि गुरुवार को उसी रूट पर फिर एक चौंकाने वाला नजारा देखने को मिला। कोटमी सोनार और जयरामनगर स्टेशन के बीच एक ही ट्रैक पर लगातार तीन ट्रेनें दिखाई दीं — सबसे आगे मालगाड़ी, उसके पीछे यात्री ट्रेन और फिर उसके पीछे एक और मालगाड़ी। इस दृश्य को देखकर यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई, कई लोग दहशत में ट्रेन से नीचे तक उतर आए। यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
मालूम हो कि मंगलवार को कोरबा से बिलासपुर की ओर आ रही मेमू लोकल ट्रेन, स्टेशन से पहले सामने खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई थी। हादसा इतना भीषण था कि मेमू ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया था। इस दुर्घटना में लोको पायलट समेत 11 लोगों की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि करीब 20 यात्री घायल हुए थे। घायलों का उपचार बिलासपुर के विभिन्न अस्पतालों में जारी है। हादसे के बाद रेलवे और राज्य सरकार दोनों ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की थी। साथ ही रेलवे सुरक्षा आयुक्त से मामले की जांच भी कराई जा रही है।
रेलवे का बयान — यह सुरक्षित प्रणाली है, अफवाहों पर ध्यान न दें:
रेलवे प्रशासन ने वायरल वीडियो को लेकर स्पष्ट किया है कि यह किसी तकनीकी गलती या खतरे की स्थिति का संकेत नहीं है। यह ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम की सामान्य परिचालन व्यवस्था के तहत होता है। इस प्रणाली में हर एक किलोमीटर के अंतराल पर सिग्नल लगाए जाते हैं, जिसके बाद अगली ट्रेन को उसी ट्रैक पर आगे बढ़ने की अनुमति मिलती है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस प्रणाली में मालगाड़ी और यात्री ट्रेनें दोनों एक ही ट्रैक पर क्रम से चलाई जाती हैं, क्योंकि उनके लिए अलग-अलग ट्रैक की आवश्यकता नहीं होती। यह स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली वर्ष 2023 से इस रेलखंड में लागू है और पूरी तरह सुरक्षित मानी जाती है। रेलवे ने अपील की है कि लोग वायरल वीडियो के आधार पर भ्रामक खबरों पर विश्वास न करें और प्रणाली की सुरक्षा को लेकर भ्रम में न पड़ें।
Live Cricket Info

