CG:– मजदूर की बेटियां यूट्यूब से सिख और अमेजन से डिवाइस मंगवा दे रही थी हाईटेक नकल को अंजाम, 12वीं पास छोटी बहन इंजीनियरिंग पास अपनी बड़ी बहन को करवा रही थी नकल

CG:– PWD सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा में नकल करते हुए पकड़ी गई दोनों युवतियां सगी बहनें हैं। उनके पिता मजदूरी का काम करते हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दोनों बहनों ने यूट्यूब से ऑनलाइन चीटिंग के तरीके सीखकर योजना तैयार की और करीब 30 हजार रुपए खर्च कर अमेजन से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स मंगवाए। इनमें से बड़ी बहन B.Tech पास है, जबकि छोटी बहन महज 12वीं कक्षा उत्तीर्ण है। हैरानी की बात यह है कि परीक्षा देने वाली बड़ी बहन को नकल छोटी बहन ने करवाया, जो बाहर से उत्तर बता रही थी। पुलिस ने दोनों बहनों को हिरासत में लेकर तीन दिन की रिमांड पर लिया है। इस पूरे मामले की जांच को लेकर एसएसपी रजनेश सिंह ने दो अलग–अलग पुलिस टीमों का गठन किया है, जो डिवाइस, नेटवर्क और परीक्षा केंद्र से जुड़े अन्य पहलुओं की पड़ताल कर रही हैं।
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ लोक निर्माण विभाग की सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा में हाईटेक नकल का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाली दो युवतियां कोई पेशेवर गिरोह की सदस्य नहीं, बल्कि मजदूर पिता की सगी बेटियां हैं। यूट्यूब से नकल का तरीका सीखकर और अमेजन से लगभग 30 हजार रुपये के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मंगवाकर इन्होंने नकल को अंजाम देने की साजिश रची। छोटी बहन, जो केवल 12वीं पास है, परीक्षा केंद्र के बाहर से अपनी बीटेक इंजीनियर बड़ी बहन को वॉकी–टॉकी और कैमरा के ज़रिए उत्तर बता रही थी।
पकड़ी गई बहनें और तीन दिन की पुलिस रिमांड
बिलासपुर के सरकंडा स्थित रामदुलारे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परीक्षा केंद्र (क्रमांक 1309) में 13 जुलाई को हुई उप अभियंता (सिविल/विद्युत/यांत्रिकी) की परीक्षा के दौरान यह मामला सामने आया। परीक्षा दे रही युवती अन्नू सूर्या और उसकी छोटी बहन अनुराधा सूर्या को पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा। दोनों को 16 जुलाई तक पुलिस रिमांड में भेजा गया है। एसएसपी रजनेश सिंह ने मामले की जांच के लिए दो अलग–अलग टीमों का गठन किया है।
कैसे हुआ हाईटेक नकल का खुलासा
बीटेक पास अन्नू सूर्या ने परीक्षा के दौरान माइक्रो कैमरा को बालों में छुपा रखा था और अंडरगारमेंट्स में हिडन माइक्रो स्पीकर लगाए थे। ऊपर से दो टीशर्ट पहनकर उसने उपकरणों को छुपा लिया था। परीक्षा के प्रश्न पत्र को कैमरे से स्कैन कर बाहर भेजा जा रहा था। बाहर बैठी 12वीं पास अनुराधा सूर्या ने वॉकी–टॉकी, टैबलेट और मोबाइल के जरिए सवाल हल कर उत्तर अपनी बहन तक पहुंचाए।
एनएसयूआई नेताओं की सतर्कता से हुआ पर्दाफाश
एनएसयूआई के छात्र नेता विकास सिंह और मयंक सिंह गौतम की सतर्कता से यह बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हो सका। उन्होंने केंद्राध्यक्ष को इस संदर्भ में सूचना दी। ज्वाइंट कलेक्टर अरुण खलको, महिला व्याख्याता की सहायता से दोनों बहनों की तलाशी करवाई, जिसमें वॉकी–टॉकी, कैमरा, स्पीकर सहित अन्य डिवाइस बरामद हुए।
इन धाराओं में दर्ज हुआ अपराध
परीक्षार्थी अन्नू सूर्या, उसकी बहन अनुराधा और अन्य के विरुद्ध BNS की धारा 318(2), 112(2), 61(2), आईटी एक्ट की धारा 72 तथा छ.ग. सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम 2008 की धारा 03, 09 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
जांच के लिए बनी विशेष टीमें
पहली टीम: साइबर सेल के एएसपी अनुज कुमार और कांस्टेबल विजय
दूसरी टीम: सरकंडा थाने के सब इंस्पेक्टर कृष्णा साहू, अवधेश सिंह और महिला आरक्षक संगीता नेताम
कौन हैं ये दोनों बहनें?
दोनों बहनें जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक अंतर्गत ग्राम कुपरकापा गोरिया की निवासी हैं। इनके पिता कलेश्वर राम मजदूरी और खेतिहर कार्य कर परिवार चलाते हैं। भाई अंडमान निकोबार में प्राइवेट नौकरी करता है। कुछ दिन पहले ही बहनें गांव लौटी थीं।
महिला स्टाफ की लापरवाही से बढ़ा हौसला
पूछताछ में खुलासा हुआ कि परीक्षा केंद्र में महिला आरक्षक की ड्यूटी नहीं होने से अन्नू सूर्या की हिम्मत बढ़ी और वह इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर अंदर चली गई। परीक्षा के दौरान उसकी जांच नहीं हुई और वह पूरे सवा दो घंटे तक नकल करती रही। केंद्राध्यक्ष और महिला परीक्षकों की लापरवाही भी इस फर्जीवाड़े को सफल बनाने में मददगार बनी।
यह मामला न केवल परीक्षा प्रणाली में तकनीकी दखल और सुरक्षा खामियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि डिजिटल तकनीक का गलत इस्तेमाल किस तरह हो रहा है।
प्रशासनिक ढिलाई और परीक्षा केंद्रों की निगरानी प्रणाली पर अब सवाल उठ रहे हैं। इस घटना के बाद उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार परीक्षा सुरक्षा मानकों को और सख्त करेगी।
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