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स्मार्ट मीटर को दी चुनौती! छत्तीसगढ़ में हाईटेक बिजली चोरी का पहला मामला उजागर, FIR दर्ज

Raipur Smart Meter Electricity Theft Case |Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हाईटेक बिजली चोरी का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। स्मार्ट मीटर को बायपास कर उपभोक्ता ने महीनों तक मुफ्त में बिजली का उपभोग किया, लेकिन खुद तकनीक ही उसके खिलाफ गवाह बन गई। ब्राम्हणपारा इलाके में हुई इस चोरी की सूचना किसी इंसान ने नहीं, बल्कि मीटर के अंदर लगे डिजिटल सिस्टम ने दी, जिससे विजिलेंस टीम हरकत में आई और मौके पर जाकर इस साजिश का पर्दाफाश किया। यह प्रदेश का पहला मामला है जिसमें स्मार्ट मीटर से छेड़छाड़ कर चोरी की पुष्टि हुई है — और अब आरोपी पर जुर्माने के साथ FIR भी दर्ज हो चुकी है।

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Raipur Smart Meter Electricity Theft case रायपुर | छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्मार्ट मीटर से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी का राज्य का पहला मामला सामने आया है, जिसने बिजली विभाग की स्मार्ट निगरानी प्रणाली की कड़ी परीक्षा ली। मामला शहर के ब्राम्हणपारा इलाके का है, जहां एक उपभोक्ता ने मीटर को बायपास कर बिजली की चोरी की कोशिश की, लेकिन ऑनलाइन सिस्टम की सतर्कता ने इस खेल को समय रहते पकड़ लिया।

ऑनलाइन अलर्ट से खुली पोल, विजिलेंस टीम ने मारा छापा

बिजली कंपनी के गुढ़ियारी स्थित कंट्रोल रूम को ब्राम्हणपारा में लगे स्मार्ट मीटर से संदिग्ध गतिविधियों का संकेत मिला।
सूचना मिलते ही 4 जुलाई को विजिलेंस टीम मौके पर पहुँची, जहां मीटर की बॉडी टूटी हुई और सील क्षतिग्रस्त पाई गई।
प्रथम दृष्टया मामला स्मार्ट मीटर से की गई बायपासिंग का प्रतीत हुआ, जिसके बाद मीटर को जब्त कर जांच के लिए भिलाई की सेंट्रल इलेक्ट्रिकल लैब भेजा गया।

10 जुलाई को लैब रिपोर्ट में हुआ खुलासाजानबूझकर की गई थी छेड़छाड़

बिजली विभाग की टीम ने 10 जुलाई को उपभोक्ता की मौजूदगी में लैब टेस्ट कराया, जिसमें यह तथ्य सामने आए:
• R, Y, B तीनों फेज और न्यूट्रल टर्मिनल को अतिरिक्त कॉपर वायर से शॉर्ट कर मीटर को ठीक से खपत रिकॉर्ड करने से रोका गया।
• मीटर की बॉडी को भी जानबूझकर क्षति पहुंचाई गई थी, जिससे सर्किट को सीधे तौर पर प्रभावित किया जा सके।

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यह सब इस तरह से किया गया था कि मीटर खपत कम दिखाए और उपभोक्ता अधिक बिजली मुफ्त में ले सके।

क्या है स्मार्ट मीटर? कैसे पकड़ में आई चोरी?

स्मार्ट मीटर मोबाइल की तरह रिचार्जेबल डिवाइस है, जो हर 30 मिनट पर बिजली की खपत को रिकॉर्ड करता है।
यदि उसमें किसी भी प्रकार की तकनीकी छेड़छाड़ या गड़बड़ी होती है, तो ऑटोमैटिक अलर्ट सीधे कंट्रोल रूम को चला जाता है।

ठीक ऐसा ही इस केस में हुआ, जिससे बिजली चोरी की साजिश नाकाम हो गई।

₹87,349 का जुर्माना, बिजली कनेक्शन कटा, पुलिस में शिकायत

बिजली विभाग ने आरोपी उपभोक्ता आलोक शर्मा पर ₹87,349 का जुर्माना ठोका है।
उनका बिजली कनेक्शन तुरंत प्रभाव से काट दिया गया।
लाखेनगर जोन के सहायक यंत्री गुलाब सिंह साहू ने इस मामले की शिकायत आजाद चौक थाना में दर्ज कराई, जिस पर

विद्युत अधिनियम 2003 और 2005 की धारा 135 (बिजली चोरी) व 138 (सिस्टम से छेड़छाड़) के तहत FIR दर्ज की गई है।

स्मार्ट सिस्टम को धोखा देना आसान नहींविभाग सतर्क

बिजली विभाग का कहना है कि अब हर स्मार्ट मीटर को अतिरिक्त निगरानी में लिया जाएगा।
यह घटना सिर्फ चोरी नहीं, बल्कि तकनीकी सुरक्षा को चुनौती देने वाली हरकत है।

हमारी तकनीकी टीम अब अन्य जोन में भी संभावित छेड़छाड़ की जांच करेगी। यह पहला मामला है, लेकिन आखिरी नहीं रहने दिया जाएगा।” — एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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