पत्नी पर चरित्र शंका, फिर जंगल में ले जाकर ईंट-डंडे से की हत्या: बेलगहना पुलिस ने 24 घंटे में आरोपी को गिरफ्तार किया

एक सनसनीखेज वारदात में पति ने चरित्र शंका में अपनी पत्नी की ईंट और डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर आरोपी को जंगल से गिरफ्तार कर लिया है।
By: सुरेंद्र मिश्रा / बेलगहना / 24 जून 2025
बिलासपुर क्राइम न्यूज: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे इलाके को दहला दिया है। कोटा थाना अंतर्गत चौकी बेलगहना में 40 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी पत्नी की चरित्र पर शक करते हुए उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। घटना के 24 घंटे के भीतर आरोपी को जंगल से गिरफ्तार कर लिया गया।
यह मामला न सिर्फ एक घरेलू विवाद का, बल्कि गहराई से जड़ें जमा चुकी पितृसत्ता और स्त्री पर अविश्वास की मानसिकता का भी चिंताजनक उदाहरण है।
▶️ मामला क्या है? – हत्या की पूरी कहानी
दिनांक 22-23 जून की रात, ग्राम छतौना रगरापारा में पंचराम सौता नामक व्यक्ति ने अपनी पत्नी रात बाई को शक के आधार पर सुनसान जंगल में ले जाकर ईंट और डंडे से पीट-पीटकर मार डाला।
23 जून को सुबह दशमत बाई (मृतका की मां) ने बेलगहना चौकी में हत्या की रिपोर्ट दर्ज करवाई।
पुलिस ने तत्काल धारा 103(1) BNS (हत्या) के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की।
24 घंटे में जंगल से गिरफ्तारी: पुलिस ने दिखाई तत्परता
बिलासपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के निर्देश पर एएसपी अर्चना झा और एसडीओपी नूपुर उपाध्याय के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई।
घटनास्थल का निरीक्षण फॉरेंसिक टीम की उपस्थिति में किया गया।
टेक्निकल इनपुट और गांव वालों की मदद से पुलिस को पता चला कि आरोपी गांव के पीछे जंगल में छुपा हुआ है। घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार किया गया।
आला-जरब बरामद, आरोपी ने कबूला गुनाह
पुलिस पूछताछ में आरोपी पंचराम सौता ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त ईंट और डंडा जब्त किया गया। सभी जब्ती गवाहों की उपस्थिति में विधिवत की गई।
आरोपी को दिनांक 24 जून 2025 को न्यायिक रिमांड में भेजा गया।
किसने निभाई अहम भूमिका? – पुलिस टीम की सराहना
इस पूरे ऑपरेशन में निम्नलिखित पुलिसकर्मियों ने उल्लेखनीय योगदान दिया:
• उप निरीक्षक राज सिंह
• प्रधान आरक्षक नरेंद्र पात्रे
• आरक्षक ईश्वर नेताम, रवि कंवर, अंकित जायसवाल
• महिला आरक्षक किरण राठौर
यह मामला एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे समाज में चरित्र शंका जैसी मानसिकता आज भी महिलाओं की ज़िंदगियों को लील रही है। बेलगहना पुलिस की तेज़ कार्रवाई निश्चित रूप से सराहनीय है, लेकिन यह भी ज़रूरी है कि ऐसे मामलों को केवल कानूनी प्रक्रिया से नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और पारिवारिक संवाद से भी रोका जाए।
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