Chhattisgarh Big Big Breaking News :–रायपुर पुलिस आयुक्त प्रणाली की लॉन्चिंग जनवरी 2026 तक टली, CM विष्णु देव साय के गोपनीय बैठक के बाद बदला फैसला

Chhattisgarh Big Big Breaking News :–मुख्यमंत्री साय ने शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय गोपनीय बैठक में लिया निर्णय, गृह मंत्री विजय शर्मा के लगातार समन्वय के बावजूद तय तारीख टली पुलिस मुख्यालय की टास्क फोर्स ने 27 सितंबर को सौंपी रिपोर्ट, गृह विभाग ने मांगे कई स्पष्टीकरण प्रस्तावित ढांचा: आईजी रैंक का पुलिस आयुक्त, डीआईजी रैंक का अतिरिक्त आयुक्त, आठ डीसीपी और 20 एसीपी की संरचना

यह खबर मध्य भारत के अग्रणी और प्रतिष्ठित अंग्रेज़ी दैनिक समाचारपत्र The Hitavada (द हितवाद) में प्रकाशित एक्सक्लूसिव रिपोर्ट पर आधारित है, जिसकी विशेष ग्राउंड कवरेज और विश्लेषण राज्य के वरिष्ठ खोजी पत्रकार तथा समाचार संपादक श्री मुकेश एस. सिंह द्वारा तैयार किया गया है।
Chhattisgarh Big Big Breaking News :–रायपुर, 23 अक्टूबर।रायपुर ज़िले में प्रस्तावित पुलिस आयुक्त प्रणाली (Police Commissionerate System) की लॉन्चिंग अब जनवरी 2026 में होगी।
पहले इसे राज्य की रजत जयंती के अवसर पर 1 नवंबर 2025 को शुरू किया जाना था, पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय गोपनीय बैठक में इसे आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया। यह परियोजना राज्य सरकार की सबसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार पहल मानी जा रही है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री साय ने बैठक में प्रक्रिया में हुई देरी पर चिंता व्यक्त की और कहा कि पुलिस आयुक्त प्रणाली तभी लागू की जाएगी जब इसके सभी कानूनी, प्रशासनिक और परिचालन पक्षों में पूर्ण सामंजस्य स्थापित हो जाए।
अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस निर्णय को प्रक्रिया की स्पष्टता, संस्थागत सहमति और दीर्घकालिक प्रशासनिक स्थिरता को प्राथमिकता देते हुए लिया।

बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया कि यह बदलाव गृह मंत्री विजय शर्मा के निरंतर प्रयासों के बावजूद तत्काल नहीं हो सकेगा। शर्मा पिछले दो महीनों से पुलिस मुख्यालय (PHQ) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय कर रहे थे ताकि यह प्रणाली समय पर लागू हो सके।
हालांकि, पुलिस मुख्यालय द्वारा अंतिम ब्लूप्रिंट (प्रस्ताव) देर से सौंपे जाने और अंतर–विभागीय परामर्श में लगे समय के कारण समयसीमा आगे बढ़ाई गई।
एक वरिष्ठ नौकरशाह, जो पुलिस मुख्यालय और सचिवालय के बीच समन्वय प्रक्रिया में शामिल हैं, ने बताया, “फाइल गृह विभाग तक अपेक्षित समय से देर से पहुँची। कानूनी और प्रशासनिक समन्वय के विस्तृत दायरे को देखते हुए अतिरिक्त समय आवश्यक माना गया।”
गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ ने जैसा ki The Hitavada (द हितवाद) बताया, “यह प्रक्रिया जारी है क्योंकि इसमें अनेक तकनीकी पक्ष शामिल हैं। रायपुर ज़िले के लिए तैयार किया जा रहा यह ढांचा व्यापक और गहराई लिए हुआ है, जो जनता के हित में महानगरीय पुलिसिंग का नया रूप तय करेगा।”

एक विश्वसनीय सूत्र, जो टास्क फोर्स समिति का हिस्सा हैं, ने बताया कि सात सदस्यीय पुलिस मुख्यालय टास्क फोर्स ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट 27 सितंबर को गृह विभाग को सौंपी। इसके बाद विभाग ने कई स्पष्टीकरण और पुनर्विचार बिंदु मांगे।
टास्क फोर्स ने रायपुर ज़िले में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के लिए ‘छत्तीसगढ़ पुलिस संशोधन अधिनियम, 2025’ लाने की सिफारिश की है, जिसके माध्यम से इसे औपचारिक रूप से लागू किया जाएगा। इस रिपोर्ट का मसौदा महाराष्ट्र (मुंबई) और ओडिशा (भुवनेश्वर–कटक) के मॉडल पर आधारित है।
रिपोर्ट के अनुसार रायपुर ज़िला पुलिस आयुक्तालय का प्रस्तावित ढांचा इस प्रकार है – एक आईजी रैंक के पुलिस आयुक्त (Commissioner of Police),
एक डीआईजी रैंक के अतिरिक्त आयुक्त (Addl. CP),
आठ डीसीपी (Deputy Commissioner of Police) – चार क्षेत्रीय (उत्तर, पश्चिम, मध्य, नया रायपुर) और चार विशेष शाखाओं के प्रभारी (साइबर क्राइम, मुख्यालय, ट्रैफिक, महिला अपराध प्रकोष्ठ)।
इसके अलावा 20 एसीपी (Assistant Commissioner of Police) होंगे, जो डीएसपी या सीएसपी रैंक के अधिकारी होंगे।
इस टास्क फोर्स का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (योजना एवं प्रावधान) प्रदीप गुप्ता कर रहे हैं।
समिति में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आईजी अजय यादव (नारकोटिक्स), आईजी अमरेश मिश्रा (रायपुर रेंज), आईजी ध्रुव गुप्ता (सीआईडी), डीआईजी अभिषेक मीना (टेलीकॉम), डीआईजी संतोष सिंह (CCTNS) और एसपी प्रभात कुमार (स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच) सदस्य के रूप में शामिल हैं।
वहीं, कानूनी सलाह और ड्राफ्टिंग सहयोग के लिए अभियोजन संचालनालय की संयुक्त संचालक मुकुला शर्मा को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में जोड़ा गया है।
प्रस्ताव को अब गृह, वित्त और सामान्य प्रशासन विभागों की वरिष्ठ आईएएस समिति को विस्तृत परीक्षण और वित्तीय–संस्थागत मूल्यांकन के लिए भेजा गया है।
यह समिति रिपोर्ट का कानूनी, प्रशासनिक और वित्तीय दृष्टि से विश्लेषण करेगी।
अधिकारियों ने बताया कि इस स्थगन की एक और वजह नवंबर में होने वाले महत्वपूर्ण आयोजन भी हैं।
1 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के रजत जयंती समारोह का उद्घाटन करेंगे और इसके बाद 28 से 30 नवंबर तक नवा रायपुर में आयोजित डीजी–आईजी वार्षिक सम्मेलन में शामिल होंगे।
इस सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और देशभर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
एक वरिष्ठ टास्क फोर्स सदस्य ने बताया कि “सभी विभागों की समीक्षा और सहमति पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री साय अंतिम मार्ग तय करेंगे। संभावना है कि इसे दिसंबर में होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में ‘छत्तीसगढ़ पुलिस संशोधन अधिनियम, 2025’ के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।”उन्होंने कहा कि सरकार इस परिवर्तन को पूरी कानूनी सावधानी और संस्थागत दृष्टि से आगे बढ़ा रही है।
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