
भाजपा में बगावत की फूट, मंत्री लखनलाल देवांगन कटघरे में!
कोरबा। छत्तीसगढ़ के उद्योग एवं श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन के बेटे रजनीश देवांगन की एक तस्वीर इन दिनों भाजपा में आग की तरह फैल रही है। यह तस्वीर कार्यकर्ताओं के गले की फांस बन चुकी है और पार्टी में जबरदस्त भूचाल ला दिया है। तस्वीर में मंत्री का बेटा भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल के बजाय बागी प्रत्याशी नूतन सिंह ठाकुर के साथ खड़ा दिख रहा है। इस खुलासे के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है, और लखनलाल देवांगन सीधे निशाने पर आ गए हैं।
तस्वीर ने खोला दोगले खेल का राज!
भाजपा ने कोरबा नगर निगम सभापति पद के लिए हितानंद अग्रवाल को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन ऐन वक्त पर पार्टी के कुछ पार्षदों ने बगावत कर दी। इस साजिश का नतीजा यह हुआ कि भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवार की करारी हार हुई और बागी नूतन सिंह ठाकुर ने जीत हासिल कर ली। अब जब मंत्री के बेटे की तस्वीर बागी खेमे के साथ सामने आई, तो यह साफ हो गया कि साजिश की जड़ें कितनी गहरी थीं।
चुनाव के दिन ‘पहरेदार’ बने बैठे थे मंत्री!
मतदान के दौरान जब पार्षद अपना सभापति चुन रहे थे, तब मंत्री लखनलाल देवांगन खुद मतदान स्थल के भीतर मौजूद थे, जबकि भाजपा समेत सभी दलों के नेताओं को बाहर कर दिया गया था। उनकी उपस्थिति क्या सिर्फ संयोग थी, या फिर पार्षदों पर दबाव डालने की सोची-समझी चाल? यह सवाल भाजपा कार्यकर्ताओं को झकझोर रहा है। जैसे ही नूतन सिंह ठाकुर जीते, मंत्री ने खुलेआम उन्हें बधाई दी, मानो सब कुछ पहले से तय था!
मंत्री की राजनीति – पार्टी के बजाय परिवार की चमक-दमक!
भाजपा कार्यकर्ताओं की पहले से ही शिकायत थी कि मंत्री बनने के बाद लखनलाल देवांगन पार्टी से ज्यादा अपने परिवार को चमकाने में लगे हैं। कोरबा में जहां-जहां उनके पोस्टर और होर्डिंग लगते हैं, वहां भाजपा कार्यकर्ताओं के चेहरे नदारद रहते हैं। 90% पोस्टरों पर सिर्फ मंत्री लखनलाल, उनके पार्षद भाई नरेंद्र देवांगन, बेटा रजनीश देवांगन, निजी सचिव नरेंद्र पटनवार और सरकारी निज सचिव के पति प्रफुल्ल तिवारी की तस्वीरें होती हैं। कार्यकर्ताओं को लगा कि वे पार्टी चला रहे हैं, लेकिन असल में पूरी राजनीति मंत्री और उनके परिवार के इर्द-गिर्द घूम रही है।
भाजपा में भूचाल – बड़ी कार्रवाई के आसार!
इस तस्वीर के वायरल होते ही भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। पार्टी ने पूरे मामले की जांच के लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बना दी है, जो एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भाजपा संगठन इस मुद्दे पर कोई बड़ा कदम उठा सकता है।
अब बड़ा सवाल यह है – क्या भाजपा मंत्री लखनलाल देवांगन पर कड़ी कार्रवाई करेगी, या फिर कार्यकर्ताओं की नाराजगी को अनदेखा कर देगी?
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