एक थाने की पार्टी, कुछ खास मेहमान और कई सवाल –

“जिनके घर शीशे के हों वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते,पर जब बात कुर्सी की हो, सब कुछ फेंक देते हैं।”
बिलासपुर | शहर का एक ऐसा थाना जो कभी अपनी सख्त कार्यशैली और अनुशासन के लिए जाना जाता था, इन दिनों एक ऐसी घटना के कारण सुर्खियों में है, जिसे लेकर प्रशासन से लेकर आम जनता तक में हलचल है।

मामला किसी बड़े अपराध, गिरफ्तारी या ऑपरेशन से नहीं जुड़ा। बल्कि चर्चा का केंद्र बना है – थाना प्रभारी के स्वागत में आयोजित एक भव्य पार्टी, जहां कुछ ऐसे मेहमान भी मौजूद थे, जिनकी उपस्थिति ने पूरे मामले को संदिग्ध बना दिया।
🎉 स्वागत से ज्यादा ‘समझौता’ का जश्न?
सूत्र बताते हैं कि यह पार्टी रात के अंधेरे में बड़े हर्षोल्लास के साथ आयोजित की गई थी। मगर जो बात इस आयोजन को सवालों के घेरे में ले आई, वह थी – कुछ कथित कबाड़ कारोबारियों की मौजूदगी, जो पहले से ही स्थानीय गतिविधियों को लेकर चर्चित रहे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों और चर्चाओं के अनुसार, पार्टी में कुछ वर्दीधारी भी इस तरह शामिल हुए मानो किसी विभागीय उपलब्धि का जश्न मना रहे हों। माहौल न केवल हल्का–फुल्का था, बल्कि नशे की मदहोशी की बातें भी सामने आईं।
🛑 जिनके साथ पार्टी, उन्हीं के पास से मिले हथियार?
जब यह खबर मीडिया में आई, तो मामला अचानक नया मोड़ ले गया। ठीक इसके बाद उन लोगों के पास से धारदार हथियार जब्त किए गए, जिनके साथ पार्टी की तस्वीरें और उपस्थिति की पुष्टि की गई थी।

🤐 थाने की खामोशी, कुर्सियों की चुप्पी और कबाड़ की परछाई
पुलिस विभाग ने मामले पर आधिकारिक तौर पर कोई बड़ा बयान नहीं दिया, लेकिन शहर के गलियारों में यह चर्चा आम है कि कार्रवाई केवल निचले स्तर के कर्मचारियों तक सीमित रही, जबकि असली जिम्मेदार सुरक्षित हैं।
स्थानीय नागरिक सवाल उठा रहे हैं — अगर थाने पर इस तरह के “स्वागत समारोह” और उससे जुड़ी गतिविधियों को नजरअंदाज किया जाएगा, नैतिकता कहां टिकेगी?
🏠 सेवा या स्थायित्व – जब वर्दीवालों ने बना लिया ठिकाना
सूत्र बताते हैं कि जिस थाने में यह घटना हुई, वहां कुछ पुलिसकर्मी अब खुद को अस्थायी नहीं बल्कि स्थायी निवासी की तरह स्थापित कर चुके हैं। उनके लिए पोस्टिंग अब केवल ‘कार्यस्थल’ नहीं, बल्कि स्थायी व्यवस्था और निजी सुविधा का केंद्र बन चुकी है।
क्या यह थानेदारी है या प्रॉपर्टी डीलिंग?
❗ क्या SSP को पूरी सच्चाई पता चली?
पुलिस कप्तान ने मामले को गंभीरता से लिया है, लेकिन क्या उन्हें यह बताया गया कि सिर्फ निचले स्तर के लोगो ही कार्रवाई की जरूर है बड़े जिम्मेदारों की मिल रहा अभय दान ?
यह सवाल इसलिए अहम है क्योंकि अगर जवाबदेही ऊपर तक तय नहीं होती, तो व्यवस्था का एकतरफा चेहरा ही दिखेगा।
📌 ध्यान देने योग्य प्रमुख बिंदु
पार्टी में कथित कबाड़ी अब संदिग्ध रूप में सामने ।
मीडिया रिपोर्ट के बाद हुई हथियारों की बरामदगी।
थाने में वर्षों से जमे कुछ अधिकारी स्थायित्व की सुविधा ले रहे,
क्या SSP को कर रहे गुमराह है “विभागीय परतें”?
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