
“कलेक्टर का काम फावड़ा चलाना नहीं, अवैध उत्खनन रोकना है” – हाई कोर्ट की कड़ी फटकार!
बिलासपुर, 25 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी अरपा नदी के सूखने और अवैध खनन पर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने न केवल सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए, बल्कि बिलासपुर कलेक्टर को कड़ी फटकार भी लगाई।

“क्या आप सिर्फ तस्वीरों के लिए सफाई कर रहे हैं?”
अदालत ने कलेक्टर पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “क्या एक जिलाधिकारी का यही कर्तव्य है? क्या आप सिर्फ मीडिया में फोटो खिंचवाने के लिए सफाई अभियान चला रहे हैं?” कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अरपा नदी को बचाने के लिए महज दिखावे के कदम नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई की जरूरत है।
गृह सचिव और खनिज विभाग के सचिव से जवाब तलब
हाईकोर्ट ने राज्य के गृह सचिव और खनिज विभाग सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने सवाल उठाया कि अब तक माइंस एंड मिनरल्स (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) अधिनियम, 1957 के तहत अवैध खनन करने वालों पर कोई आपराधिक मामला क्यों नहीं दर्ज हुआ?
“केवल जुर्माने से अपराध नहीं रुकते, कठोर सजा जरूरी है!” – हाईकोर्ट
नगर निगम की सफाई, लेकिन कोर्ट संतुष्ट नहीं!
नगर निगम के वकील ने बताया कि पुणे की एक कंपनी ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए DPR तैयार कर ली है और टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन कोर्ट ने इस पर भी असंतोष जताया और आयुक्त को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा।
अब क्या होगा?
अगर अधिकारी लापरवाह पाए गए, तो कोर्ट सीधे कार्रवाई कर सकता है। इस मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी, जिसमें खनिज विभाग सचिव और नगर निगम आयुक्त को विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी होगी।


