सिम्स में जटिल सर्जरी: 65 वर्षीय महिला के पेट से निकाला गया 10 किलो से अधिक वजनी ट्यूमर
सिम्स में जटिल सर्जरी: 65 वर्षीय महिला के पेट से निकाला गया 10 किलो से अधिक वजनी ट्यूमर

दो वर्षों से पेट की असहनीय पीड़ा और लगातार बिगड़ती हालत से जूझ रही एक 65 वर्षीय महिला को डॉक्टरों की तत्परता और विशेषज्ञता ने नया जीवन दिया। जब हर तरफ से उम्मीदें टूट रही थीं, तब सिम्स के डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी कर मरीज के पेट से 10 किलो से अधिक वजनी ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाल कर एक मिसाल पेश की।
– न्यायधानी न्यूज डेस्क | 9 जुलाई 2025कबीरधाम निवासी 65 वर्षीय लक्ष्मी चौहान की जान उस वक्त खतरे में पड़ गई, जब उनके पेट में दो वर्षों से पल रहा एक विशाल ट्यूमर तेजी से आकार लेने लगा। लगातार उल्टियों, पेट में सूजन, भोजन न निगल पाने और मल–मूत्र संबंधी जटिलताओं के चलते उन्हें गंभीर अवस्था में सिम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में भर्ती कराया गया।
महिला की प्राथमिक जांच डॉ. नेहा सिंह ने की। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्हें तत्काल भर्ती कर विस्तृत परीक्षण कराए गए, जिसमें सोनोग्राफी रिपोर्ट से पेट में एक बड़ा ट्यूमर होने की पुष्टि हुई। जानकारी मिलते ही डॉ. नेहा ने विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता रमन जोगी को सूचित किया।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए डॉ. संगीता ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. लखन सिंह और अधिष्ठाता डॉ. रामनेश मूर्ति से चर्चा कर तत्काल जीवन रक्षक ऑपरेशन की स्वीकृति प्राप्त की। इसके बाद एक विशेषज्ञों की टीम गठित की गई, जिसमें सर्जन, एनेस्थेटिस्ट और प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ को शामिल किया गया।
कड़ी मेहनत और टीमवर्क से सफल हुई जटिल सर्जरी
सर्जरी टीम में डॉ. संगीता रमन जोगी, डॉ. दीपिका सिंह, डॉ. रचना जैन, डॉ. अंजू गढ़वाल, और निश्चेतना विभाग से डॉ. मधुमिता मूर्ति, डॉ. श्वेता, डॉ. प्राची, डॉ. आकांक्षा प्रमुख रूप से शामिल थीं। साथ ही नर्सिंग स्टाफ से ब्रदर अश्विनी ने सर्जरी के दौरान सहयोग किया।
करीब चार घंटे चले ऑपरेशन के बाद महिला के पेट से 10 किलो 660 ग्राम वजनी ट्यूमर सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। सर्जरी पूरी तरह सफल रही और वर्तमान में मरीज की हालत स्थिर है तथा स्वास्थ्य में धीरे–धीरे सुधार हो रहा है।
प्रबंधन ने जताया संतोष, चिकित्सकों को सराहा
इस बड़ी चिकित्सकीय उपलब्धि पर सिम्स प्रबंधन ने ऑपरेशन से जुड़ी पूरी टीम को उनकी तत्परता, समर्पण और कुशलता के लिए धन्यवाद दिया है। प्रबंधन ने कहा कि डॉक्टरों की सक्रियता और टीम भावना से यह असाधारण कार्य संभव हो सका।
यह सर्जरी न केवल चिकित्सा क्षेत्र की उपलब्धि है, बल्कि यह मरीज और उसके परिवार के लिए जीवनदान साबित हुई है।
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