छोटा वसंत की टक-टक से गूंजा वन, संख्या में हो रही कमी पर चिंता

कीड़े-मकोड़ों का भी शिकार करता है। यह हमेशा पेड़ों पर रहने वाला पक्षी है और शायद ही कभी जमीन पर उतरता हो।
रतनपुर। वन में वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही छोटा वसंत पक्षी की टक-टक की आवाज गूंजने लगी है। लगभग वर्ष भर मौन रहने वाला यह पक्षी वसंत के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है। नेचर क्लब के संयोजक बलराम पांडे ने बताया कि यह पक्षी आर्डर फिसी फारमि सी फैमिली केपी टोनिडी का सदस्य है, जिसकी चोंच भारी होती है और शरीर घास के रंग का होता है। इसकी छाती और माथा लाल-पीले रंग के होते हैं, जबकि निचले हिस्से पर हरी धारियां पाई जाती हैं।

यह पक्षी आमतौर पर पीपल और बरगद के पेड़ों पर ही पाया जाता है और इन्हीं पर मैना, बुलबुल, धनचिड़ी, हरियाल जैसी अन्य चिड़ियों के साथ फलों की दावत उड़ाता है। यह कीड़े-मकोड़ों का भी शिकार करता है। यह हमेशा पेड़ों पर रहने वाला पक्षी है और शायद ही कभी जमीन पर उतरता हो। इसकी आवाज टक-टक जैसी होती है, मानो कोई धातु पर हथौड़ा मार रहा हो। बोलते समय यह अपना सिर इधर-उधर हिलाता रहता है।
संख्या में आ रही कमी, नेचर क्लब ने जताई चिंता
नेचर क्लब के अध्यक्ष ओमप्रकाश दुबे, सचिव विकल जायसवाल, कोषाध्यक्ष होरी लाल गुप्ता और अन्य सदस्यों ने इस पक्षी की घटती संख्या पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक असंतुलन और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण इनकी संख्या लगातार घट रही है।

हालांकि, अब भी कहीं दूर से टक-टक की आवाज सुनकर वसंत के आगमन और इस पक्षी की उपस्थिति का एहसास हो जाता है। क्लब के सदस्यों ने अपील की है कि पेड़ों की कटाई को रोका जाए और इस पक्षी के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
Live Cricket Info