
वनपट्टाधारी बैगा आदिवासी जनजाति किसानों के खातों मे बिना उनके जानकारी के धान बेचा गया

मिली जानकारी के अनुसार कोटा विकासखंड के अंतर्गत कुछ ऐसे क़ृषि उपज मंडी क्षेत्र हैं जहाँ पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान किसानों के साथ अन्याय व भ्रष्टाचार हुआ जिसके चलते वनपट्टाधारी बैगा आदिवासी जनजाति किसानों के खातों मे बिना उनके जानकारी के धान बेचा गया,

कुछ मामलों मे बैगा जनजाति के किसानों के पट्टा से पर्ची बनवाने के नाम पर पट्टा ले लिए गए व फर्जी तरीके से खाते खुलवाए गए साथ ही वापस मांगने पर भोले आदिवासियों को घुमाया जा रहा है वहीं कुछ एक मामले ऐसे भी हैं जहाँ मंडी क्षेत्र का निवासी व रकबाधारक किसान होने के बावजूद अन्य धान खरीदी केंद्र मे थोक भाव मे कृषक पंजीयन कराए गए वहीं कुछ मामलों मे भोले आदिवासी बैगा जनजाति के कृषकों के गरीबी का फायदा उठाकर वनपट्टा तक रहन के रूप मे बिचौलियों ने रख लिए हैं और विस्तृत खबर के लिए बने रहें चैनल के साथ.
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