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कोल घोटाले में सौम्या को अंतरिम राहत देने से अदालत का इंकार, ईडी को भी नोटिस



बिलासपुर हाईकोर्ट न्यूज – :बच्चो की परवरिश को आधार बना पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया ने अंतरिम जमानत की मांग हाईकोर्ट से की थी। पर जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर सौम्या की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

बिलासपुर। कोयला घोटाले में किंगपिन सूर्यकांत तिवारी को संरक्षण देने वाली मानी जा रही पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव  सौम्या चौरसिया की अंतरिम जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। इसके साथ ही मामले में प्रवर्तन निदेशालय का नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई ग्रीष्मकालीन अवकाश दस जून कर बाद होगी।


540 करोड़ रुपए के कोल लेवी वसूली मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था। सूर्यकांत तिवारी कोल व्यापारियों 25  रुपए प्रति टन के हिसाब से रकम वसूलता था। जो पैसे देता था उसे ही परिवहन व पीट पास जारी किया था था। इस वसूली को अंजाम देने के लिए ऑनलाइन जारी होने वाले परमिट को खनिज विभाग ने ऑफलाइन कर दिया था। वसूली की रकम सूर्यकांत के पास जमा होती थी। रकम जमा होने के बाद सूर्यकांत का स्टाफ जिसे कहता उसे ही परमिशन मिलती थी। पूरे मामले का काकस सूर्यकांत तिवारी ने बनाया था। पूरा प्रशासनिक तंत्र सूर्यकांत के हिसाब से चलता था।  ईडी के अनुसार सूर्यकांत को यह असीमित शक्ति सौम्या चौरसिया से मिलती थी।

ईडी ने दिसंबर 2022 में सौम्या को गिरफ्तार किया था। तब सौम्या ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी और बताया था कि राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए ईडी राजनैतिक साजिश कर रहा था। तब ईडी ने जमानत विरोध करते हुए बताया था कि उन्होंने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से मिले इनपुट के आधार पर रेड कार्यवाही की है। ईडी से पहले आईटी डिपार्टमेंट ने सौम्या के घर रेड मारी थी। सूर्यकांत के घर भी रेड पड़ी थी। इस दौरान बड़े पैमाने पर सौम्या ने अपनी मां व अन्य परिजनों के नाम से जमीनें खरीदी थी। जिसकी जानकारी हाथ लगी। सूर्यकांत के यहां से मिली डायरी में भी सौम्या को जमीन खरीदी के लिए रकम देने का उल्लेख था। तथ्यों के आधार पर सौम्या की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी सौम्या की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। गलत तथ्य के आधार पर याचिका लगाने के चलते उन पर एक लाख रुपए जुर्माना भी किया गया था। जिसके बाद सौम्या चौरसिया ने एक बार फिर बच्चों की परवरिश के आधार पर  याचिका लगा जमानत मांगी है। स्पेशल कोर्ट से पिछले माह 16 अप्रैल को जमानत याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की गई है।

जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच में जमानत की आज सुनवाई हुई। सौम्या चौरसिया की तरफ से अधिवक्ता हर्षवर्धन परघनिया के साथ ही दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता ने पैरवी की। सौम्या के अधिवक्ताओं ने बहस के दौरान बताया कि ईडी ने जो 540 करोड़ रुपए का कोल घोटाला मामला पेश किया है उस कोल स्कैम केस में कोयला घोटाले में शेड्यूल अफेंस ही नही है। बच्चों की परवरिश के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी गई। पर  अदालत ने अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।  प्रवर्तन निदेशालय को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नियमित जमानत के लिए अवकाश 10 जून के बाद होगी।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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