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अवैध रूप से पहचान छुपा रह रहे बांग्लादेशी दंपत्ति पर एसटीएफ की कार्यवाही,

इंटरनेट व्हाट्सएप कॉलिंग के माध्यम से करते थे बांग्लादेश में बात

एसटीएफ ने फिर से कार्यवाही करते हुए अवैध रूप से वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद कूटरचित दस्तावेजों के सहारे पहचान छुपा कर रह रहे बांग्लादेशी दंपत्ति को गिरफ्तार किया है।  वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी अवैध रूप से भारत बांग्लादेश सीमा से प्रवेश कर अपनी पहचान छुपाते हुए सुपेला में नाम बदलकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे रह रहे थे।   दोनों इंटरनेट वाले व्हाट्सएप के माध्यम से बांग्लादेश स्थित अपने परिजनों से संपर्क में भी रहते थे।  महिला एवं उसके पति पर भारतीय न्याय संहिता 2023, विदेशी नागरिक विषय का अधिनियम 1946, भारतीय पासपोर्ट अधिनियम 1967 एवं पासपोर्ट अधिनियम 1920 के तहत कार्यवाही की गई है।

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छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे, बांग्लादेशी / रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर, उनके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने एवं उन्हें वापस भेजे जाने की कार्यवाही हेतु दुर्ग जिला में विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया गया है, जिनके व्दारा लगातार दुर्ग में अवैध रूप रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान हेतु कार्यवाही की जा रही है।

अवैध घुसपैठियों की पहचान कार्यवाही में जुटी एसटीएफ  को कल 16 मई को जानकारी प्राप्त हुई कि पांच रास्ता सुपेला कांट्रेक्टर कालोनी सुपेला मे स्थित एक मकान में एक संदिग्ध बांग्लादेशी महिला एवं उसके पति अपना मूल पहचान छुपाते हुए ज्योति एवं रासेल शेख के नाम से रह रहे है। उक्त सूचना तस्दीकी एवं अग्रिम कार्यवाही हेतु एसपी विजय अग्रवाल ने एसटीएफ को निर्देशित किया।

  एसटीएफ टीम के द्वारा दुर्गा बाई के मकान में रह रही महिला एवं उसके पति से पूछताछ करने पर उनके द्वारा अपना नाम ज्योति एवं रासेल शेख मूल निवासी ग्राम मोमिनपुर थाना स्वरूपनगर जिला उत्तर-24 परगना पश्चिम बंगाल का होना बताये एवं विगत वर्ष 2009 से 2017 तक नवी मुंबई ठाणे मे रहना पश्चात शादी पार्टी में कार्य करने हेतु वर्ष 2017 से लगातार भिलाई मे रहना बताये एवं पहचान हेतु महिला द्वारा ज्योति रासेल शेख एवं पुरूष द्वारा रासेल शेख के नाम का आधार कार्ड प्रस्तुत किये, जो तस्दीकी पर प्रथम दृष्टया सन्देहास्पद पाया गया। महिला एवं उसके पति से बारीकी से पूछताछ करने पर उसने अपना मूल नाम शाहीदा खातून पिता मोह0 अब्दुस सलाम खॉ उम्र 35 वर्ष एवं उसके पति द्वारा स्वयं का नाम मोह0 रासेल शेख पिता मोह0 फकीर अली शेख उम्र 36 वर्ष निवासी ग्राम बाला पोस्ट रघुनाथनगर थाना झीकारगाछा जिला जेस्सोर बांग्लादेश का होना बताये।

जांच के दौरान पाया गया कि बांग्लादेशी महिला शाहीदा खातून वर्ष 2009 से भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय बोंगा बार्डर से अवैध तरीके से नार्थ-24 परगना पश्चिम बंगाल मे प्रवेश कर हावडा होते हुए मुंबई जाकर मजदूरी कार्य के दौरान उसका परिचय बांग्लादेश निवासी मोह0 रासेल से हुई दोनों मुंबई से वापिस बांग्लादेश गये, वहॉ पर योजनाबद्ध तरीके से महिला शाहीदा खातून ने अपना नाम बदलकर ज्योति रख लिया तथा मोह0 रासेल से शादी कर ली। शादी के पश्चात दोनों वर्ष 2017 में पासपोर्ट एवं भारतीय वीजा पर भारत मे प्रवेश किये। महिला ज्योति रासेल शेख का वीजा अवधि 13 सितंबर 2018 एवं मोह0 रासेल शेख का वीजा अवधि  12 अप्रैल 2020 था। दोनों बांग्लादेशी नागरिकों ने कोपरगॉव वासी नवी मुंबई ठाणे मे रहते हुए षडयंत्रपूर्वक फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर जन्मतिथि एवं असली नाम को छुपाते हुए क्रमशः ज्योति रासेल शेख एवं रासेल शेख के नाम से फर्जी आधार कार्ड एवं पैन कार्ड तैयार किये। पश्चात शादी पार्टी में काम करने मुंबई से भिलाई आकर रहने लगे। इसी दौरान वर्ष 2020 में बगैर विधिक दस्तावेज के  भारत में निवासरत होना पाये जाने से ज्योति रासेल शेख उर्फ शाहीदा खातून एवं रासेल शेख के विरूद्ध दुर्ग जिले में विदेशी विषयक अधिनियम, भारतीय पासपोर्ट अधिनियम एवं भारतीय दण्ड विधान के विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। दोनों ने नवी मुंबई ठाणे में फर्जी रूप से तैयार पैन कार्ड एवं आधार कार्ड मे उल्लेखित पते में जानबूझकर परिवर्तन कराते हुए बांग्लादेशी नागरिक के मूल पहचान को छिपाते हुए उसमे कूटरचना कर उसमें अम्बेडकर नगर कांट्रेक्टर कालोनी भिलाई का पता लेख कराया। इसके पश्चात उक्त फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भिलाई मे फर्जी पैन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, विभिन्न बैंकों मे खाता खुलवाया।

इस प्रकार बांग्लादेशी नागरिक शाहीदा खातून उर्फ ज्योति रासेल शेख एवं मोह0 रासेल शेख पिता मोह0 फकीर अली शेख उम्र 36 वर्ष द्वारा बिना वैध दस्तावेज के अवैध रूप से भारत में निवासरत होकर बांग्लादेशी नागरिक की मूल पहचान को छिपाते हुए स्वयं को भारतीय नागरिक सिद्ध करने के लिए छलपूर्वक फर्जी पेन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र एवं आधार कार्ड, बैंक संबंधी दस्तावेज इत्यादि कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उनका दुरूपयोग करना अपराध धारा 318(4), 319(2), 336(3), 3(5) बीएनएस. 14 विदेशी विषयक अधिनियम 1946, 12 पासपोर्ट अधिनियम 1967 एवं 03 पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 का घटित करना पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। दोनों आरोपीयों के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने से उन्हे  कल 16 मई को विधिवत गिरफ्तार किया गया है।

ये रहे टीम में शामिल:–
               सम्पूर्ण कार्यवाही में एसटीएफ प्रभारी नगर पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश तिवारी ,निरीक्षक राजेश मिश्रा, निरीक्षक विजय यादव थाना प्रभारी सुपेला एवं उनकी टीम तथा एसटीएफ के सउनि रमेश सिन्हा, पंकज चतुर्वेदी एवं संतोष गुप्ता की उल्लेखनीय भूमिका रही।

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