ChhattisgarhINDIAबड़ी ख़बरबिलासपुरसमस्या

बीस दिन की दुल्हन निकली चालाक प्रेमिका, पति को पिटवाकर प्रेमी की बाइक में उड़नछू!

बिलासपुर में रिश्तों को शर्मसार करने वाली कहानी — पुलिस थाने पहुंचा नया-नवेला दूल्हा, हाथ में FIR और आंखों में बेवफाई का दर्द

बिलासपुर।जिस पत्नी को सात फेरों के साथ घर की लक्ष्मी बनाकर लाया, वही बीस दिन बाद प्रेमी के साथ फरार हो गई — वो भी अपने ही पति को सड़क पर पिटवाकर। ये कोई फिल्मी स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर का तोरवा थाना क्षेत्र है, जहां भरोसे, शादी और नैतिकता की चीत्कार सुनाई दी।

अंकित महिलांगे, जो मस्तूरी के आंकडीह गांव का सीधा-सादा युवक है, 20 दिन पहले रंजिता जोशी से शादी कर लाया था। पर उसे क्या पता था कि जिसे ससुराल से साज-श्रृंगार में सजा-संवरा लेकर वह ला रहा है, वही रास्ते में प्रेमी की बाइक पर बैठकर उसका जीवन उलट-पुलट कर देगी।

शनिवार को ढेका वैभव पेट्रोल पंप के पास अचानक तीन युवकों ने अंकित की बाइक को घेरा। थप्पड़, मुक्के, लातें बरसीं — और बीच सड़क पर पति पीटता रहा। इसी बीच, उसकी पत्नी बाइक से उतरी और उन्हीं में से एक युवक की बाइक पर जाकर बड़ी आत्मीयता से पीछे बैठ गई, कंधे पर हाथ रखा और फरार हो गई।

ना कोई पछतावा, ना कोई झिझक — मानो पहले से लिखी गई स्क्रिप्ट पर पूरा अभिनय हो रहा हो। चौंकाने वाली बात यह कि यह सब पति की आंखों के सामने हुआ, जिसे वह जिंदगी भर नहीं भूल सकेगा।

पुलिस के अनुसार, आरोपी युवक रंजिता का पुराना प्रेमी है। अब सवाल ये है कि जब रिश्ता अधूरा था, तो फिर समाज और कानून की दुहाई देकर एक मासूम को क्यों फंसाया गया?

पुलिस की चाल धीमी, बेवफाई की रफ्तार तेज

थाने में शिकायत हुई, केस दर्ज हुआ, पर आरोपी अब भी फरार हैं। तो क्या अब प्रेमी के साथ भागने से अपराध की गंभीरता कम हो जाती है? क्या इस तरह की घटनाएं आने वाले समय में “नॉर्मल” मानी जाएंगी?

सवाल कई हैं, जवाब अब समाज को देना है

क्या शादी अब सिर्फ एक सामाजिक समझौता बनकर रह गया है?

क्या प्रेमी के लिए पति को पिटवाना अब “साहसिक प्रेम” की नई परिभाषा है?





बात सीधी है:
अगर किसी से प्रेम था, तो हिम्मत करके उससे शादी करनी थी। मगर यहां तो धोखा, साजिश और हिंसा का ऐसा खेल खेला गया, जिसे नजरअंदाज करना समाज के लिए खतरे की घंटी है।


संपादकीय टिप्पणी:
शादी के कार्ड में लिखा था — ‘सात जन्मों तक साथ निभाएंगे’
मगर मोहतरमा बीस दिन भी साथ न निभा सकीं… और चल पड़ीं कंधे पर हाथ रखकर ‘पुराने प्यार’ के साथ।”

Was this article helpful?
YesNo

Live Cricket Info

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

Related Articles

Back to top button