

शिक्षा का मंदिर और शराब का अड्डा — प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में जब प्रधान पाठक ही शराब की बोतल लेकर कक्षा में बैठा मिला, तो शिक्षा व्यवस्था की हालत खुद बयां हो गई। स्प्राइट की बोतल में शराब छुपाकर पीने वाला ये शिक्षक पहले भी दो बार निलंबित हो चुका था, लेकिन न कार्रवाई स्थायी हुई, न सिस्टम की आंख खुली। सवाल ये है कि ऐसे ‘नशेड़ी गुरूजी’ को बार-बार क्यों मौका दिया गया? क्या हमारी शिक्षा व्यवस्था अब इतनी लाचार हो चुकी है?
Balod News: – बालोद। जिले के डौंडी विकासखंड अंतर्गत शासकीय कन्या प्राथमिक शाला चिपरा में पदस्थ प्रधान पाठक सरजू राम ठाकुर एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार उन्हें स्कूल के भीतर स्प्राइट की बोतल में शराब पीते रंगेहाथ पकड़ा गया है। शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, 24 जून को भाजपा के कुसुमकसा मंडल के नेताओं ने स्कूल निरीक्षण के दौरान प्रधान पाठक को संदिग्ध अवस्था में देखा। पूछताछ पर जब प्रधान पाठक लड़खड़ाते हुए जवाब देने लगे, तो संदेह गहराया। उनके हाथ में पकड़ी स्प्राइट की बोतल की जांच की गई तो उसमें शराब की पुष्टि हुई। तत्काल इसकी शिकायत डौंडी बीईओ रोहित सिन्हा से की गई।
🔹 दो बार पहले भी निलंबन, फिर भी नियुक्ति!
ग्रामीणों के अनुसार, यह पहला मामला नहीं है। प्रधान पाठक सरजू राम ठाकुर पहले भी दो बार शराब सेवन के चलते निलंबित हो चुके हैं, बावजूद इसके उन्हें फिर से उसी विद्यालय में पदस्थ किया गया, जो शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
🔹 छात्राओं से मंगवाता था चिप्स, करता था शराब सेवन
स्थानीय सूत्रों का दावा है कि शिक्षक छात्राओं को दुकान से चिप्स लाने के लिए भेजता था और चिप्स के बहाने शराब पीता था। ये हरकतें लंबे समय से जारी थीं, लेकिन कार्रवाई अब हुई है।
🔹 निलंबन के साथ निर्वाह भत्ते की पात्रता
शराब सेवन की पुष्टि के बाद जिला शिक्षा अधिकारी पीसी मरकले ने सरजू राम ठाकुर को निलंबित कर दिया है। नियमों के तहत निलंबन अवधि में उन्हें केवल निर्वाह भत्ता मिलेगा।
🔸 बीईओ रोहित कुमार सिन्हा क्या कहा
डौंडी के प्रभारी बीईओ रोहित कुमार सिन्हा ने बताया कि, “शराब सेवन की पुष्टि के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। विभाग किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा।”
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