ED ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर किया बड़ा खुलासा, पढ़िए पूरी खबर

भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर ईडी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी बड़ा खुलासा, ₹3200 करोड़ के शराब घोटाले में भारी भ्रष्टाचार का आरोप
रायपुर | 21 जुलाई 2025
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल उर्फ बिट्टू की गिरफ्तारी के संबंध में बड़ा खुलासा किया है। ईडी रायपुर ज़ोनल कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। उन्हें विशेष पीएमएलए अदालत में पेश कर 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेजा गया है।

₹2500 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी, ₹1000 करोड़ की हेराफेरी के सबूत
ईडी की जांच में सामने आया है कि छत्तीसगढ़ में 2019 से 2022 के बीच हुए शराब घोटाले में भारी वित्तीय अनियमितताएं हुईं, जिससे राज्य सरकार को अरबों का नुकसान हुआ। इस घोटाले से ₹2500 करोड़ से अधिक की Proceeds of Crime (POC) तैयार हुईं।
चैतन्य बघेल ने कथित रूप से इसमें से ₹16.70 करोड़ की राशि का दुरुपयोग किया और उसे अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के ज़रिए वैध दिखाने की कोशिश की। उन्होंने अपनी परियोजना ‘विट्ठलपुरम प्रोजेक्ट’ में इस रकम का निवेश किया, जिसमें फर्जी तरीके से त्रिलोक सिंह ढील्लन नामक व्यक्ति की कंपनियों को माध्यम बनाया गया।
ईडी के अनुसार, ₹5 करोड़ की फर्जी खरीद ‘ढील्लन’ के कर्मचारियों के नाम पर फ्लैट्स की खरीद के रूप में की गई। साथ ही, बैंकिंग लेनदेन से यह पुष्टि हुई है कि धिल्लन को शराब सिंडिकेट से बड़ी रक़में प्राप्त हुईं।
₹1000 करोड़ से अधिक POC ट्रांसफर का आरोप
जांच में यह भी सामने आया है कि चैतन्य बघेल ने ₹1000 करोड़ से अधिक की राशि को अनवर ढेबर और अन्य सहयोगियों के माध्यम से कांग्रेस प्रदेश कोषाध्यक्ष को ट्रांसफर किया। ईडी को संदेह है कि इस राशि का उपयोग पार्टी और बघेल परिवार से जुड़े अन्य निवेशों में किया गया।
पूर्व मंत्री, आईएएस अफसर और कांग्रेस नेता पहले ही गिरफ्त में
इस मामले में पहले ही कई प्रभावशाली नाम ईडी की गिरफ्त में आ चुके हैं — जिनमें शामिल हैं:
• अनिल टूटेजा (Ex-IAS)
• अरविंद सिंह
• त्रिलोक सिंह ढील्लन
• अनवर ढेबर
• अरुण पति त्रिपाठी (ITS)
• कवासी लखमा (पूर्व आबकारी मंत्री, कांग्रेस विधायक)
ईडी ने दी यह चेतावनी
ईडी ने स्पष्ट किया है कि इस मामले की जांच अभी जारी है और अन्य कई वित्तीय लेनदेन और संलिप्त व्यक्तियों की जांच की जा रही है। इस खुलासे के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल आ गया है।
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