

रायपुर। आज वित्तमंत्री ओपी चौधरी के द्वारा बजट घोषित करने के बाद कर्मचारियों में मायूसी देखने को मिली। कर्मचारी संघों ने बजट को निराशाजनक और कर्मचारियों के लाभ का बजट नहीं होना बताया गया। आईए जानते हैं कर्मचारी संघों ने किस तरह दी बजट पर प्रतिक्रिया…..सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक विवेक दुबे ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिहाज से इस बार का बजट अत्यंत निराशाजनक बजट है क्योंकि बजट में कर्मचारियों के लिए किसी प्रकार का कोई प्रावधान किया ही नहीं गया है और रही बात महंगाई भत्ता में वृद्धि की, तो महंगाई भत्ता कर्मचारियों को हर 6 माह में दिया जाने वाला उनका मौलिक अधिकार है जो की हमारा 1 जुलाई 2024 से लंबित था जिसे 1 अप्रैल से देने की घोषणा हुई है और इस प्रकार इसमें भी एरियर्स राशि को खत्म कर दिया गया है । कुल मिलाकर कर्मचारियों को लाभ तो दूर उनका महंगाई भत्ता जैसे मौलिक अधिकार तक को किस्तों में और डंडी मारकर दिया जा रहा है छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन का कहना है कि “छत्तीसगढ़ सरकार ने आज जो अपना बजट पेश किया है उससे कर्मचारी बेहद निराश हुवे है। इस बजट में शासकीय कमर्चारियों के लिए ऐसा कुछ भी घोषणा नही किया गया है जिससे कमर्चारी खुश हो। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने घोषणा पत्र मोदी की गारंटी का हवाला देकर ये घोषणा किया था कि कर्मचारियों को देय तिथि से मंहगाई भत्ता देंगे उस हिसाब से कर्मचारियों को जुलाई 2024 से 3% मंहगाई भत्ता एरियर्स के साथ देना था परंतु मार्च 2025 से मंहगाई भत्ते की घोषणा से कर्मचारियों में निराशा है। छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ के शिक्षक व कर्मचारी प्रथम नियुक्ति तिथि से पुरानी पेंशन ,सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति,और देय तिथि से मंहगाई भत्ते की घोषण की आस इस सरकार से लगाई हुइ थी लेकिन अब तक मोदी की गारंटी को सरकार लागू नही कर पाई है जिससे कर्मचारियों में बेहद निराशा है संगठन के प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ अपने पदाधिकारियों के साथ जल्द सभी मुख्य मांगो को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा और मोदी की गारंटी घोषणा पत्र के अनुरूप मांगो को पूरा कराने का पत्र सौपेगा शालेय शिक्षक संघ ने भी बजट को निराशाजनक बताया है। संघ ने कहा है कि छग के इस बजट प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों को बड़ी निराशा हुई है,क्योंकि उनके लिए मार्च 2025 से 3% मंहगाई भत्ते के अतिरिक्त कोई घोषणा नही की गई, बजट से लाभान्वित होने वालों में उनका कोई स्थान नही है, जबकि प्रदेश के शिक्षको व कर्मचारियों ने विष्णुदेव सरकार से बड़ी आस लगा रखी थी जिनमे प्रमुख रूप से संविलियन प्राप्त शिक्षको की पुरानी सेवा गणना, क्रमोन्नति, देय तिथि से मंहगाई भत्ता व उसका एरियर्स, वेतन विसंगति दूर करने, कैशलेस चिकित्सा, पूर्ण पेंशन प्रदान करने जैसी महत्वपूर्ण मांगे रही,जिन पर इस बजट में कोई निर्णय नही लिया गया। छग शालेय शिक्षक संघ ने इसे शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए निराशाजनक बजट बताया है शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि बजट समावेशी होना चाहिए था, कमर्चारी शासन की रीढ़ होते है, ऐसे में इस बजट में उनकी उपेक्षा करना बेमानी है,शिक्षकों और कर्मचारियों ने साय सरकार से बड़ी उम्मीदें लगा रखी थी किंतु छग बजट के प्रस्तुत होते ही, बजट में कर्मचारियों के लिए न कोई योजना, न कोई घोषणा की गई जिससे शिक्षक व कर्मचारी उपेक्षित महसूस कर रहे हैं शालेय शिक्षक संघ के महासचिव धर्मेश शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी व प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने कहा कि संविलियन प्राप्त शिक्षक अपनी बहुप्रतीक्षित मांग पुरानी सेवा गणना कर क्रमोन्नति, पूर्ण पेंशन, कैशलेश चिकित्सा, वेतन विसंगति दूर करने की बाट जोह रहे थे पर इस बजट में इन मांगों पर कोई ध्यान नही दिया गया है इसी तरह प्रदेश का हर कर्मचारी अपनी लंबित DA व उसके मंहगाई भत्ते को देय तिथि से केंद्र के बराबर किये जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे उसमें भी सभी के हाथ निराशा लगी है। साय सरकार को सभी का ध्यान रखना चाहिए, बजट समावेशी होना चाहिए, पर कर्मचारियों को कुछ भी नही मिला। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि 3% डीए वृद्धि का स्वागत लेकिन मोदी जी के गारंटी के अनुरूप नही है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बजट में शिक्षकों व कर्मचारियों को मार्च 2025 से 3% महंगाई भत्ता देने की घोषणा स्वागतेय है, किन्तु महंगाई भत्ता के लंबित एरियर्स को सीजीपीएफ में जमा किया जाना था। शिक्षक व कर्मचारियों की भर्ती व शिक्षा उन्नयन के लिए PMSHRI पीएमश्री शाला उन्नयन की घोषणा सकारात्मक है। एल बी संवर्ग के शिक्षकों को पेंशन हेतु पूर्व सेवा की गणना करने व सरकार से मोदी जी के गारंटी के तहत सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति दूर करने, समस्त एल बी संवर्ग को क्रमोन्नत/समयमान वेतनमान प्रदान करने, शिक्षक समतुल्य वेतनमान (पुनरीक्षित वेतनमान ) में सही वेतन का निर्धारण कर 1.86 के गुणांक वेतन निर्धारण करने सहित कैशलेश चिकित्सा सुविधा की उम्मीद थी जो पूरी नही हुई जिससे शिक्षकों में उत्साह नही है।