कोरबाछत्तीसगढ़

वार्ड 26 में मुद्दों की कमी, भाजपा-कांग्रेस की फिसलती पकड़—’धर्म’ और ‘नशा’ बना चुनावी हथियार!

कोरबा। नगर निगम चुनाव में वार्ड 26 (पं. रविशंकर नगर) में इस बार नीतियों से ज्यादा “धर्म” और “नशा” चुनावी मुद्दे बनते दिख रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के पास विकास का कोई ठोस एजेंडा नहीं है, यही वजह है कि कुछ लोग हिंदू बनाम मुस्लिम की राजनीति करने में जुटे हैं, तो वहीं कुछ नेता स्लम एरिया में नशाखोरी को बढ़ावा देकर चुनावी समीकरण साधने की कोशिश कर रहे हैं।

‘धर्म’ की राजनीति या विकास का सवाल?

सूत्रों के अनुसार, कुछ कट्टरपंथी तत्व माहौल को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। एक ओर तथाकथित धर्म के ठेकेदार इसे हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बनाने में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर, असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए कुछ लोग गली-मोहल्लों में नशे का जाल बिछा रहे हैं। मतदाता भी समझ रहे हैं कि जब असल मुद्दे नहीं होते, तब नेताओं को धर्म और नशे की राजनीति करनी पड़ती है।

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अब्दुल रहमान की धर्मनिरपेक्ष छवि—बड़ी चुनौती?

इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुल रहमान, जो लगातार दो बार पार्षद रह चुके हैं, अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं। उन्होंने सभी धर्मों का समान सम्मान और व्यवहार करते हुए यह साबित किया है कि वे सड़कों के लिए भी लड़ते हैं और मंदिरों के लिए भी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अब्दुल रहमान ने वार्ड की समस्याओं पर लगातार ध्यान दिया है—चाहे वह सड़क का मामला हो या धार्मिक स्थल का विकास। यही वजह है कि जनता उन्हें “धर्मनिरपेक्ष नेता” के रूप में देख रही है, जो जाति-धर्म से ऊपर उठकर वार्ड के विकास के लिए संघर्ष करते हैं।

भाजपा-कांग्रेस की रणनीति फेल?

भाजपा और कांग्रेस के पास कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, इसलिए वे बाहरी उम्मीदवारों को टिकट देने के बाद अब भावनात्मक राजनीति का सहारा ले रहे हैं। लेकिन जनता अब समझदार हो चुकी है।

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स्थानीय निवासी अरुण मिश्रा कहते हैं, “हमें सड़क चाहिए, पानी चाहिए, रोजगार चाहिए। धर्म के नाम पर बांटने वालों को इस बार करारा जवाब मिलेगा।”

क्या वार्ड 26 में निर्दलीय की तीसरी जीत होगी?

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, मुकाबला रोचक होता जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार जनता को कितना प्रभावित कर पाएंगे, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इस बार का चुनाव केवल “पार्टी बनाम पार्टी” नहीं, बल्कि “विकास बनाम ध्रुवीकरण” की जंग बन चुका है।

अब देखना दिलचस्प होगा कि वार्ड 26 की जनता विकास को वोट देती है या फिर धर्म और नशे की राजनीति को खारिज कर एक बार फिर निर्दलीय को मौका देती है।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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