Gariyaband News:– जिला अस्पताल की लापरवाही उजागर, डॉक्टर–नर्स मौजूद होने के बाद भी महिला गार्ड ने मरीज को लगाया इंजेक्शन, कलेक्टर ने सीएमएचओ व सिविल सर्जन से मांगा जवाब

Gariyaband News:– जिला अस्पताल गरियाबंद में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा सामने आई है। यहां महिला गार्ड द्वारा मरीज को इंजेक्शन लगाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस गंभीर प्रकरण पर कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए सीएमएचओ और सिविल सर्जन को नोटिस जारी कर तीन दिन में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।

Gariyaband गरियाबंद। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की हालत इतनी खराब है कि यहां डॉक्टर और नर्स के रहते भी एक महिला गार्ड को मरीज को इंजेक्शन लगाते देखा गया। जब जिले के मुख्य अस्पताल का हाल यह है तो अन्य जगहों की स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। इस मामले को गंभीर मानते हुए कलेक्टर बीएस उइके ने सीएमएचओ यूएस नवरत्ने और सिविल सर्जन डॉ. यशवंत कुमार ध्रुव को नोटिस थमाया है।
जिला चिकित्सालय में एक महिला मरीज को डॉक्टर या नर्स की बजाय महिला गार्ड इंजेक्शन लगाते हुए पकड़ी गई। उसी समय अस्पताल में मौजूद पूर्व पार्षद अपने भतीजे का इलाज कराने पहुंचे थे। उन्होंने यह नजारा देखा और जब कारण पूछा तो डॉक्टरों की ओर से जवाब दिया गया कि इंजेक्शन लगाना प्रैक्टिस का हिस्सा है और महिला गार्ड अक्सर ऐसा कर लेती है। पूर्व पार्षद ने इस पूरे घटनाक्रम का फोटो–वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। इसके वायरल होने के बाद कलेक्टर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी कर तीन दिन में संतोषजनक जवाब देने के निर्देश दिए। साथ ही चेतावनी दी गई कि असंतोषजनक जवाब मिलने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इस पर स्वास्थ्य आयुक्त ने सभी जिलों को निर्देशित किया था कि हड़ताल के दौरान भी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं बाधित न हों। इसके बावजूद गरियाबंद के स्वास्थ्य अमले ने लापरवाही बरती, जिसकी वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई। जबकि डॉक्टर और नर्स दोनों की मौजूदगी के बावजूद गार्ड से इंजेक्शन लगवाना गंभीर लापरवाही और मरीज की जान के साथ खिलवाड़ माना जा रहा है। इस मामले में संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
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