
जिले में रेत माफियाओं के खिलाफ एक अभूतपूर्व कार्रवाई को अंजाम दिया गया। जिला प्रशासन एवं पुलिस की संयुक्त टीमों ने सोमवार तड़के 5 बजे से ही जिलेभर में एक साथ छापेमारी करते हुए रेत के अवैध कारोबारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की।
बिलासपुर | 16 जून 2025 छत्तीसगढ़ सरकार ने अवैध रेत खनन के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर सोमवार सुबह बिलासपुर जिला एक सशक्त प्रशासनिक अभियान का केंद्र बना, जहां खनिज एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीमों ने रेत माफियाओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की।

🔍 ऑपरेशन ‘सुदर्शन’ की प्रमुख बातें:
60–70 टीमों का गठन कर एक साथ 80–85 स्थानों पर छापेमारी
600 से अधिक ट्रैक्टरों में अवैध डंप रेत जब्त
50 से अधिक बड़े वाहन (हाइवा, पोकलैंड, जेसीबी, ट्रैक्टर) जब्त
40–50 संदिग्ध हिरासत में, पूछताछ जारी
कई माफिया सरगनाओं के खिलाफ FIR दर्ज
👨✈️ वरिष्ठ अधिकारियों ने खुद संभाली कमान
कार्रवाई की मॉनिटरिंग कलेक्टर संजय अग्रवाल एवं एसएसपी रजनेश सिंह ने की। उनके साथ जिले के एसडीएम, एसडीओपी, सीएसपी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, थाना प्रभारी, खनिज विभाग एवं पुलिस अधिकारियों की टीमें सुबह 5 बजे ही सक्रिय हो गई थीं। सभी टीमें गुप्त रूप से निर्धारित स्थानों पर पहुंचकर एक साथ छापेमारी में जुट गईं।

⚖️ कानून का स्पष्ट संदेश: माफियाओं और लुटेरों की अब नहीँ खैर
सरकार की इस कार्रवाई के पीछे साफ संकेत है — अब अवैध खनन को किसी प्रकार की रियायत नहीं मिलेगी। रेत की लूट को राष्ट्रीय संसाधनों की चोरी मानते हुए प्रशासन ने इस बार पूरी ताकत झोंक दी है।
बिलासपुर हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों और शासन की नीति के अनुपालन में यह कार्रवाई महज़ रस्म अदायगी नहीं, बल्कि माफियातंत्र के खिलाफ निर्णायक प्रहार है।
📢 The Hitavada समाचार संपादक की तीखी प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई को लेकर वरिष्ठ पत्रकार एवं The Hitavada के समाचार
संपादक मुकेश एस सिंह ने सोशल मीडिया X पर टिप्पणी करते हुए लिखा:
https://x.com/truth_finder04/status/1934673035988189643?s=48
“विष्णु सुदर्शन! रेत माफिया पर टूटी कानून की महाभारत!”
उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा का विषय बनी हुई है और इसे सरकार के ‘क्लीन सैंड मिशन‘ की संज्ञा दी जा रही है।
🌿 पर्यावरणीय न्याय की दिशा में ठोस कदम
रेत केवल निर्माण की वस्तु नहीं, बल्कि यह नदियों की सेहत, जैवविविधता और गांवों की पारिस्थितिकी का आधार है। अनियंत्रित खनन:
नदियों की धारा को बाधित करता है,
जलजीवों के प्राकृतिक आवास को नष्ट करता है,
और ग्रामीण जीवन की आजीविका को खतरे में डालता है।
इस कार्रवाई को सरकार केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि इकोलॉजिकल जस्टिस की दिशा में लिया गया बड़ा कदम मान रही है।
🤝 संगठित नेतृत्व की मिसाल
इस अभियान की सफलता का श्रेय प्रशासन और पुलिस के बेहतरीन समन्वय को जाता है।
आईजी संजीव शुक्ला (बिलासपुर रेंज)
कलेक्टर संजय अग्रवाल
एसएसपी रजनेश सिंह
के संयुक्त नेतृत्व में यह अभियान न केवल सफल रहा, बल्कि पूरे राज्य में एक मजबूत संदेश भी गया।
🔒 अभी और कार्रवाई बाकी है
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह अभियान एक ‘क्लीन–अप ड्राइव’ की शुरुआत भर है। आने वाले दिनों में अन्य जिलों में भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी और रेत माफिया के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त किया जाएगा।
बिलासपुर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने इस संबंध में सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि –
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https://youtu.be/NBjFoc6fJjw?feature=shared
“मानसून सीजन में अवैध रेत खनन को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि कोई अवैध परिवहन या भंडारण में संलिप्त पाया गया तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कोई भी हो।“
🔍 क्या कहता है नियम?
10 जून से 15 अक्टूबर तक राज्य में रेत खनन पर पूर्ण प्रतिबंध
केवल पूर्व स्वीकृत भंडारण से ही रेत की आपूर्ति अनुमन्य
नदी–नालों में मशीनों से खनन पूरी तरह वर्जित
पकड़े जाने पर FIR, जुर्माना और वाहन जब्ती की कार्रवाई
बिलासपुर में हुआ यह अभियान साबित करता है कि जब प्रशासन, पुलिस और नीति–निर्माता एकजुट होकर काम करें, तो कोई भी माफिया, कितना भी संगठित क्यों न हो, टिक नहीं सकता।
यह कार्रवाई न केवल कानून का राज स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि संपदा संरक्षण और पारिस्थितिक संतुलन की ओर उठाया गया एक साहसिक प्रयास भी है।
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