Guru Ghasidas Jayanti RSS Controversy: सतनामी समाज के कार्यक्रम में ‘RSS वापस जाओ’ के नारे, बिलासपुर में RSS की मौजूदगी पर बवाल, देखें video….

Guru Ghasidas Jayanti RSS Controversy बिलासपुर। गुरु घासीदास जयंती समारोह में शामिल होने पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पदाधिकारियों को सतनामी समाज के युवाओं के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। कार्यक्रम स्थल पर RSS पदाधिकारियों की मौजूदगी देखते ही समाज के युवा आक्रोशित हो गए और उन्हें वापस जाने के लिए कहने लगे। विरोध के बीच जब राजमहंत ने स्थिति संभालने की कोशिश की, तो युवाओं ने उनकी बात नहीं मानी और RSS के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। बहस और विवाद बढ़ने के बाद RSS पदाधिकारियों को कार्यक्रम स्थल छोड़कर लौटना पड़ा।
नारेबाजी के बीच कार्यक्रम से लौटे RSS पदाधिकारी

गुरु घासीदास जयंती समारोह के दौरान नारेबाजी कर रहे युवाओं ने RSS पदाधिकारियों से साफ शब्दों में कहा—“यहां से निकल जाइए।” विरोध इतना तेज था कि RSS पदाधिकारियों को अपमानजनक स्थिति में कार्यक्रम स्थल से वापस जाना पड़ा। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
RSS को आमंत्रण देने पर भड़का विवाद
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में गुरु घासीदास जयंती समारोह के दौरान उस वक्त माहौल गरमा गया, जब समाज के भाजपा समर्थित लोगों द्वारा RSS पदाधिकारियों को कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया। आमंत्रण के बाद RSS पदाधिकारी कार्यक्रम स्थल पहुंचे।
लेकिन जैसे ही उनकी मौजूदगी सामने आई, सतनामी समाज के युवा भड़क उठे। युवाओं ने कार्यक्रम में RSS की भागीदारी पर सवाल उठाते हुए “वापस जाओ” के नारे लगाने शुरू कर दिए।
राजमहंत की समझाइश बेअसर, माहौल हुआ असहज
युवाओं के विरोध को देखते हुए महंत बाड़ा के राजमहंत डॉ. बसंत अंचल ने हस्तक्षेप किया और गुरु घासीदास के संदेश “मनखे–मनखे एक समान” का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि कोई श्रद्धा से कार्यक्रम में आया है, तो आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
हालांकि, नाराज युवाओं ने राजमहंत की अपील को भी नजरअंदाज कर दिया और नारेबाजी जारी रखी। इसके चलते जरहाभाठा मिनीबस्ती स्थित महंत बाड़ा का माहौल कुछ समय के लिए बेहद तनावपूर्ण हो गया।
18 दिसंबर को आयोजित हुआ था समारोह
बताया गया कि 18 दिसंबर को देश, प्रदेश और शहर भर में गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। इसी कड़ी में महंत बाड़ा में भी भव्य समारोह हुआ, जिसमें सतनामी समाज के लोगों ने श्रद्धा और उत्साह के साथ भाग लिया।
महिला और पुरुष श्रद्धालु अपनी–अपनी मन्नत लेकर नारियल और पूजा सामग्री के साथ जैतखंभ पहुंचे, जहां विधि–विधान से पूजा–अर्चना की गई।
राजमहंत के आमंत्रण पर पहुंचे थे RSS पदाधिकारी
महंत बाड़ा के राजमहंत डॉ. बसंत अंचल के आमंत्रण पर RSS के विभाग संघ चालक डॉ. राजकुमार सचदेव, जिला संघ चालक रामधन रजक, नगर संघ चालक प्रदीप शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी और स्वयंसेवक कार्यक्रम स्थल पहुंचे थे।
जैसे ही RSS पदाधिकारी कार्यक्रम में पहुंचे, समाज के युवाओं ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी और नारेबाजी के जरिए उन्हें वापस भेजने का दबाव बनाया।
‘पूजा करने आए थे, आपत्ति है तो जा रहे हैं’
विरोध कर रहे युवाओं में जितेंद्र बंजारे सहित अन्य लोग शामिल थे, जिन्होंने RSS पदाधिकारियों को अपमानित करते हुए नारे लगाए। इस दौरान राजमहंत डॉ. बसंत अंचल ने कई बार युवाओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने।
RSS पदाधिकारियों ने कहा कि वे केवल पूजा–अर्चना के उद्देश्य से आए थे, लेकिन जब विरोध थमने का नाम नहीं लिया, तो उन्होंने कार्यक्रम स्थल छोड़ने का फैसला किया।
वीडियो वायरल, बयान के बाद और भड़के युवा
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह युवाओं की नारेबाजी और RSS पदाधिकारियों के अपमान के बीच राजमहंत डॉ. बसंत अंचल युवाओं को चेतावनी दे रहे हैं।
डॉ. अंचल ने कहा कि यह व्यवहार बाबा गुरु घासीदास के आदर्शों के खिलाफ है। उन्होंने दोहराया कि गुरु घासीदास किसी एक समाज के नहीं, बल्कि पूरे समाज के गुरु थे और “मनखे–मनखे एक समाज” का संदेश दिया था।
इस पर युवा और भड़क गए और RSS पदाधिकारियों से कहने लगे कि वे अपने घर में गुरु घासीदास जयंती मनाएं, क्योंकि यह उनका पारिवारिक आयोजन है।
राजमहंत ने जताई आपत्ति, शिकायत की तैयारी
घटना के बाद महंत बाड़ा के राजमहंत डॉ. बसंत अंचल ने पूरे घटनाक्रम पर आपत्ति दर्ज कराई है। सतनामी समाज की ओर से हंगामा करने वाले जितेंद्र बंजारे पर साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाया गया है।
समाज ने इस मामले में मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) से शिकायत करने का निर्णय लिया है।
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