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Highcourt News:– नाबालिग छात्राओं से यौन उत्पीड़न मामले में शिक्षक की जमानत याचिका खारिज

Bilaspur Highcourt News:– गवाहों के होस्टाइल होने का हवाला देकर नाबालिग छात्राओं से यौन उत्पीड़न के आरोपी शिक्षक ने मांगी जमानत,

Bilaspur बिलासपुर। नाबालिग छात्राओं से यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे शिक्षक की जमानत याचिका को बिलासपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की एकलपीठ ने कहा कि आरोप बेहद गंभीर प्रकृति के हैं, इसलिए इस स्तर पर राहत नहीं दी जा सकती। हालांकि अदालत ने ट्रायल कोर्ट को सुनवाई शीघ्र पूरी करने के निर्देश भी दिए हैं।

मामला सकरी थाना क्षेत्र के शासकीय प्राथमिक शाला का है। सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग छात्राओं ने शिक्षक राममूरत कौशिक, निवासी सागरदीप कॉलोनी, उसलापुर, पर 1 अक्टूबर 2024 से 18 अक्टूबर 2024 के बीच यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। घटना की जानकारी मिलने के बाद विद्यालय के प्रधान पाठक गोरेलाल कश्यप ने 24 अप्रैल 2025 को सकरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 75(1) और पॉक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत अपराध कायम करते हुए उसे गिरफ्तार किया था।

आरोपी का पक्ष — “व्यक्तिगत रंजिश में फंसाया गया”
आरोपी राममूरत कौशिक 30 जुलाई 2025 से न्यायिक हिरासत में है। ट्रायल कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अपनी दलील में उसने कहा कि उस पर झूठे आरोप लगाए गए हैं और घटना के कथित तौर पर घटित होने के महीनों बाद एफआईआर दर्ज कराई गई है। आरोपी ने यह भी कहा कि विद्यालय के प्रधान पाठक ने निजी रंजिश के कारण शिकायत दर्ज कराई। उसने आगे कहा कि ट्रायल के दौरान पीड़िताएं अभियोजन पक्ष का समर्थन नहीं कर रही हैं और कई गवाह होस्टाइल हो चुके हैं। लंबे समय से जेल में रहने और ट्रायल में विलंब की संभावना का हवाला देते हुए उसने जमानत की मांग की थी।

राज्य सरकार का पक्ष
Bilaspur Highcourt News:– गवाहों के होस्टाइल होने का हवाला देकर नाबालिग छात्राओं से यौन उत्पीड़न के आरोपी शिक्षक ने मांगी जमानत, हाईकोर्ट ने किया इनकार
राज्य सरकार की ओर से पेश सरकारी अधिवक्ता ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी शिक्षक पर नाबालिग छात्राओं के यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप हैं। यह अपराध BNS व पॉक्सो एक्ट के तहत गंभीर श्रेणी में आता है, इसलिए आरोपी को इस स्तर पर किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जानी चाहिए।

कोर्ट का फैसला
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सिंगल बेंच ने माना कि आरोपी शिक्षक के खिलाफ आरोप अत्यंत गंभीर प्रकृति के हैं। इसलिए अदालत ने जमानत देने से इनकार करते हुए ट्रायल कोर्ट को सुनवाई जल्द पूरी करने के निर्देश दिए। इस प्रकार आरोपी राममूरत कौशिक की जमानत याचिका खारिज कर दी गई।

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