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एक शिक्षक को ऐतिहासिक सज़ा,
कलेक्टर ने दी साथी शिक्षकों के सामने ही तीन घंटे तक खड़े रहने की सजा, शिक्षकों में भारी आक्रोश,आंदोलन की दी चेतावनी,





जांजगीर चांपा / अक्सर स्कूलों में छात्र-छात्राओ द्वारा गलती किए जाने पर क्लास रूम में कुछ घंटे खड़ा कर सजा देने की खबर आपने जरूर सुनी होगी, मगर यदि यह सजा बच्चो के बजाए उनके भविष्य गढ़ने वाले शिक्षक को दी जाए तो इसे आप इसे क्या कहेंगे। प्रशिक्षण के दौरान एक शिक्षक को अपने दूसरे साथी को बैठने के लिए जगह देना इतना महगा पड़ गया कि उसे अपने शिक्षक साथियों के सामने सभाकक्ष में 2-3घंटो तक खड़ा रहना पड़ गया। उसे कलेक्टर ने पुरे प्रशिक्षण के दौरान पीछे खड़े रहने की सजा दे डाली, कलेक्टर की इस कार्रवाई से शिक्षक स्वयं को लज्जित महसूस करते हुए अपने शिक्षक साथियों के सामने सभाकक्ष में 2-3घंटो तक खड़ा रहा। इतना ही नहीं प्रशिक्षण खत्म होते ही विभाग के जिम्मेदार अधिकारियो ने उसे पद से पृथक भी कर दिया। कलेक्टर द्वारा इस तरह की गई कार्रवाई को लेकर शिक्षकों में आक्रोश है और उन्होंने अब आगे उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।




दरअसल 7 जून कलेक्टर आकाश छिकारा नेनवागढ़ विकासखंड के सभाकक्ष में विकासखंड शिक्षा अधिकारी, प्राचार्यों तथा सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयकों की बैठक ली। प्रशिक्षण में कचंदा के शैक्षिक संकुल समन्वयक शिव कुमार साहू भी शामिल हुए। प्रशिक्षण में अधिकारी उपस्थित शिक्षकों को सम्बोधित कर रहे थे, इसी बीच पामगढ ब्लॉक के एक शिक्षक शिव कुमार के पहुँचे और उनसे बैठने के लिए जगह मांगी, दोनों के बीच चल रही बातचीत पर प्रशिक्षण में उपस्थित कलेक्टर आकाश छिकारा की नजर पड़ी और कलेक्टर ने शैक्षिक संकुल समन्वयक को प्रशिक्षण के दौरान बातचीत करने व अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए जमकर फटकार लगाई। साथ ही सजा के तौर पर उसे अपने पीछे प्रशिक्षण खत्म होने तक खड़े रहने की सजा भी दी। कलेक्टर के निर्देश के बाद शैक्षिक संकुल समन्वयक शिव कुमार साहू प्रशिक्षण में उपस्थित अधिकारियो व सभाकक्ष में उपस्थित सभी शिक्षकों के सामने 3-4 घंटो तक खड़े रहे। वही प्रशिक्षण खत्म होते ही कलेक्टर से शैक्षिक संकुल समन्वयक के खिलाफ संबंधित अधिकारियो को कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए निकल गए, इधर कलेक्टर के निर्देश के बाद आनन-फानन में जिम्मेदार अधिकारियो ने शिव कुमार साहू बिना नोटिस व सुनवाई का मौका दिए बिना ही शैक्षिक संकुल समन्वयक पद से पृथक करने का भी दिया, इधर  अधिकारियो के मनमाने रवैए से आक्रोशित शिक्षकों ने मगलवार को बैठक आयोजित की कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौपकर पूर्व में जारी आदेश को निरस्त कर शिवकुमार साहू को फिर शैक्षिक संकुल समन्वयक के पद पर नियुक्त करने की मांग की गई।

शिक्षकों की भी होती है मान प्रतिष्ठा

इस सम्बन्ध में शिक्षक शिवकुमार साहू का कहना है कि प्रशिक्षण के दौरान पामगढ़ ब्लॉक के शिक्षक द्वारा बैठने के लिए जगह मांगी थी, दोनों के बीच चल रहे बातचीत कि भनक लगते ही कलेक्टर फटकार लगाने लगे, मैंने उनसे अपने इस कृत्य के लिए कई बार माफ़ी भी मांगी पर उन्होंने कुछ नहीं सुना और पीछे खड़े रहने का निर्देश दिया। कलेक्टर के निर्देश पर प्रशिक्षण खत्म होते तक खड़ा रहना पड़ा। शिक्षकों की भी मान प्रतिष्ठा होती है।

संघ ने कलेक्टर व डीएमसी के नाम सौंपा ज्ञापन

छ्ग स्कूल शैक्षिक संकुल समन्वयक शिक्षक संघ की जिला अध्यक्ष निधि लता जायसवाल ने कहा कि कचंदा शैक्षिक संकुल समन्वयक शिवकुमार साहू ने संघ के सामने अपनी समस्या रखी है, उन्हें बिना नोटिस व बिना सुनवाई का मौका दिए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है, जो गलत है। इस संबंध में कलेक्टर व डीएमसी को ज्ञापन सौंपकर वापस उन्हें पदभार देने की मांग की गई है, यदि अधिकारियो द्वारा इस सम्बन्ध में कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो प्रदेश स्तर पर बात रखकर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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