छत्तीसगढ़

हिन्दू जागरण मंच के प्रयास से बरसते पानी में हनुमान लला हुए आजाद…

 

 

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पूजा_उपासना का अधिकार संविधान प्रदत्त है जिसका उल्लंघन कानूनी अपराध… अधिवक्ता चितरंजय पटेल 

 

भारतीय संस्कृति_परंपराओं में अक्सर साधु_संत, साधकों ने आम पहुंच से दुर एकांत पहाड़_गिरी गुफाओं अथवा जंगलों को साधना केंद्र बनाकर पूजा_उपासना के द्वारा सिद्धि_ शक्ति प्राप्त किया है । यह भी सर्वविदित है कि हर युग में संन्यासी, ऋषि मुनियों के साधना को तथाकथित धर्म विरोधी तत्वों से संघर्ष भी करना पड़ता रहा हैं तो वहीं हर युग में उनके मदद के लिए राम_ कृष्ण जैसे ने सकारात्मक व्यक्तित्व के मदद से धर्म की रक्षा हुई है और साधु_संत साधना कर समाज हित के साधन बन कर मार्गदर्शक बने हैं , ठीक उसी तरह ग्राम डेरागढ़ का हनुमान भक्त धर्मराज करीब ५_६ साल से रायपुरा के मंदिर में साधना कर रहा था जो अचानक आत्म प्रेरणा से एकांत साधना के ध्येय से १७ नवंबर २०२४ को पंडरिया के जंगल में बैगीन बैगा देव स्थल के समीप खुले आसमान के नीचे ३ फुट की ढ़ेलवानी का मंच बनाकर प्राण प्रतिष्ठित हनुमान लला की उपासना में लीन हो गया जिसकी जानकारी आस पास के लोगों को होने पर उनकी आस्था बढ़ती गई तथा लोग कोसम नारा के सत्यनारायण बाबा की तरह मंगल_शनिवार को आस्था का दरबार में पहुंचने लगे जहां श्रद्धालु अपनी समस्याओं के हल ढूंढने बाबा के पास पहुंचने लगे और आस्था का दरबार श्रद्धा का केंद्र बनने लगा ।

 

तब फिर एक दिन श्रद्धालुओं और आस पास के ग्रामवासियों ने भंडारा भी किया जो नकारात्मक और राक्षसी प्रवृति के बर्दाश्त से बाहर हो गई तथा अपने को जंगल का शेर बताने वाले तथाकथित जंगल के देखरेख करने का ढोंग करने वाले चंद लोग बाबा के साथ मार पीट करते हुए उपासना स्थल को तोड़ फोड़ कर प्राण प्रतिष्ठित हनुमान लला की मूर्ति सहित बाबा के अन्य समानों को लुट कर ले गए ताकि बाबा यह स्थान छोड़ कर भाग जाए पर बाबा भी महाकाल के चेला ठहरे जो अपने स्थान स्थिर बैठे रहे, जिसकी खबर आस पास के श्रद्धालुओं को होने पर उनके द्वारा प्राण प्रतिष्ठित हनुमान उपासना स्थल को क्षतिग्रस्त कर बाबा के निजी समान सहित मूर्ति लूट ले जाने वाले दोषियों के खिलाफ कार्यवाही हेतु जिला_पुलिस प्रशासन एवं जन प्रतिनिधियों के समक्ष दिनांक २१.११.२०२४ को आवेदन दिया गया परंतु त्वरित कार्रवाई नहीं होने से तथाकथित नकारात्मक प्रवृतियों का आतंक बढ़ते गया और देर रात जंगल में आकर बाबा के साथ मारपीट की घटना को अंजाम देते रहे जिसकी जानकारी लोगों से मीडिया को मिलने पर हिंदू जागरण मंच के जिला संयोजक एवं उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल मीडिया,स्थानीय जन प्रतिनिधियों व ग्रामीणजन के साथ शनिवार को दोपहर जंगल के बीच बाबा के उपासना स्थल पहुंचे जहां बाबा की आप बीती सुन और शरीर के चोट देखकर रोंगटे खड़े हो गए कि आज भी आसुरी प्रवृति साधकों साधु_संतों के साथ निशाचरी बर्ताव कर रहा है तब अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने संबंधित बाराद्वार पुलिस से बात किया उनके द्वारा घटना से अनभिज्ञता जताने पर संबंधित वन विभाग के कर्मचारी से बात हुई जो पहले विभाग के द्वारा जप्त किए जाने की बात कही गई पर जब मूर्ति जप्त होने का कारण पूछने पर बात ग्रामीणों पर डालते हुए मूर्ति को ग्राम पंडरिया के ग्रामीणों के पास होने की बात कही गई परंतु जप्त कार्यवाही का न ही कोई कागजात बता सके और वन कर्मचारी रात ८ बजे मूर्ति बाबा को वापस लौटाने की बात कहते हुए टाल_मटोल करते रहे, तब तक बरसते पानी में भी आसपास के श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो चुकी थी और लोग बाबा और धर्म_स्थल के साथ अन्याय को लेकर भारी बरसात में आवाज बुलंद करने लगे तब अंततः हिंदू जागरण मंच के देर रात तक प्रयास और मध्यस्थता से वन सुरक्षा की आड़ में जप्त हुई हनुमान लला की मूर्ति को तथाकथित जंगल के शेरों ने उपासना स्थल तक पहुंचाया गया जहां श्रद्धालुओं के साथ हिंदू जागरण मंच ने बाबा के आराध्य हनुमान लला को रात ९ बजे उनके सुपुर्द किया जिसके बाद उन्होंने बरसते पानी में फफक फफक कर अश्रुपूरित नेत्रों से अपने खुशी का इजहार किया और हिंदू जागरण मंच के प्रति साधुवाद प्रगट करते हुए कहा कि हम सबके आस्था और संकल्प की जीत के साथ मुझे मेरे भगवान मिल गए तथा कल स्वयं के मुंडन व शुद्धि के बाद पुनः आप सभी श्रद्धालुओं के साथ पूजा आरती के साथ उपासना_ साधना का शुभारंभ होगा।

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इन पलों में अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने लोगों से कहा कि भारतीय संविधान में हर व्यक्ति को पूजा_उपासना की वैयक्तिक स्वतंत्रता व अधिकार है जिसका उल्लंघन कानूनी अपराध है, इसलिए बाबा धर्मराज और उसके उपासना में बाधक लोगों कानूनन दोषी मानकर कार्यवाही हो सकती है।

 

आज इन ऐतिहासिक पलों में अशासकीय विद्यालय प्रबंधक कल्याण संघ के जिला ध्यक्ष दुली चंद साहू, स्कूल संचालक आकाश साहू, भूपेंद्र, राज साहू, ओमप्रकाश, कृष्ण कुमार, वन प्रबंध समिति रवि चौहान, वन रक्षक विद्या बघेल आदि के साथ मीडिया के योम लहरे, उदय मधुकर के साथ आसपास के ग्रामीणजन बरसते पानी देर रात रहकर हनुमान लला को आजाद अपने स्थान पर पुनः विराजित होते देख खुशियां मनाते रहे।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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