Bilaspur Highcourt News:– 2165 करोड़ रुपए के आबकारी घोटाले मामले में 28 अफसरों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, गिरफ्तारी में सुस्ती पर अदालत ने जताई कड़ी नाराजगी

Bilaspur Highcourt News:– बहुचर्चित 2165 करोड़ रुपए के शराब घोटाले से जुड़े 28 आबकारी अधिकारियों (सेवारत व सेवानिवृत्त) की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिकाओं को हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया है। अदालत ने साफ कहा कि इतने बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को किसी भी तरह की राहत नहीं दी जा सकती। साथ ही आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) पर गिरफ्तारी में हो रही देरी को लेकर असंतोष जताते हुए निर्देश दिया कि आरोपितों को तुरंत गिरफ्तार कर आगे की कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले पर हाईकोर्ट ने सोमवार को अहम आदेश दिया। अदालत ने आबकारी विभाग से जुड़े 28 अफसरों की अग्रिम जमानत खारिज करते हुए साफ कर दिया कि भ्रष्टाचार के इतने बड़े मामले में किसी तरह का संरक्षण स्वीकार्य नहीं है। इस आदेश के बाद अब एसीबी–ईओडब्ल्यू द्वारा आरोपित अधिकारियों की गिरफ्तारी की पूरी तैयारी की जा रही है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपियों ने यह दलील दी कि वे निर्दोष हैं, जांच में सहयोग कर रहे हैं और कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। मगर अदालत ने उनकी इन दलीलों को नकारते हुए कहा कि भ्रष्टाचार जैसे मामलों में सख्त कार्रवाई जरूरी है।
जिन अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज हुईं, उनमें प्रमोद नेताम, नीतू नोतानी, एल.एस. ध्रुव, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, अरविंद पाटले, दिनकर वासनिक, नोहर ठाकुर, नवीन तोमर, विकास गोस्वामी, रामकृष्ण मिश्रा, मंजूश्री कसेर, विजय सेन, मोहित जायसवाल, गंभीर सिंह नुरूटी, नीतिन खंडुजा, अश्वनी अनंत, अनंत सिंह, सोनल नेताम, गरीब पाल सिंह, सौरभ बक्शी, जेठूराम मंडावी, देवलाल वैद्य, प्रकाश पाल, आशीष कोसम और राजेश जायसवाल समेत अन्य शामिल हैं।
इस घोटाले में कई बड़े नाम पहले से जेल की सलाखों के पीछे हैं। इनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा, रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, बिलासपुर के सीए संजय मिश्रा और उनके भाई भी शामिल हैं। अब तक करीब 70 लोगों को आरोपित बनाया जा चुका है, जिनमें चार डिस्टलरी संचालक भी शामिल हैं।
जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार 2019 से 2023 के बीच बड़े पैमाने पर बिना ड्यूटी चुकाए शराब बेची गई, जिससे शासन को अरबों रुपये का नुकसान हुआ। इस अवैध कारोबार का मास्टरमाइंड कारोबारी अनवर ढेबर को माना जा रहा है।
हाईकोर्ट के इस आदेश से 28 अधिकारियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। अब उनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है और एसीबी–ईओडब्ल्यू आगे की कार्यवाही के लिए तैयार है।
Live Cricket Info