
CG Mahatari Vandan Yojna:– स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत पति को कृषक बताकर एक महिला बीते 21 महीनों से महतारी वंदन योजना का लाभ उठा रही है। इस मामले की शिकायत खुद महिला के पति ने कलेक्टर से की है और पत्नी द्वारा जमा किए गए आवेदन पत्र एवं शपथ पत्र की जांच की मांग की है। अपने आवेदन में पति ने उल्लेख किया है कि वह स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ और नियमों के अनुसार किसी भी सरकारी कर्मचारी की पत्नी को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता। इसके बावजूद उसकी पत्नी द्वारा गलत जानकारी देकर पिछले 21 महीनों से योजना की राशि ली जा रही है।
धमतरी। महतारी वंदन योजना में एक बड़ा और चौंकाने वाला मामला धमतरी जिले से सामने आया है, जहां स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ एक कर्मचारी की पत्नी नियमों को ताक पर रखकर पिछले 21 माह से योजना का लाभ उठाती रही। इस पूरे मामले का खुलासा किसी और ने नहीं, बल्कि खुद महिला के पति ने किया है, जिन्होंने धमतरी कलेक्टर को लिखित शिकायत सौंपते हुए जांच की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, कांकेर जिले के कोरर में स्वास्थ्य विभाग में आरएमए पद पर पदस्थ गजेंद्र सिन्हा ने शिकायत में स्पष्ट किया है कि वह शासकीय कर्मचारी हैं और नियमानुसार किसी भी सरकारी कर्मचारी की पत्नी इस योजना की पात्र श्रेणी में नहीं आती। इसके बावजूद उनकी पत्नी पूनम सिन्हा ने झूठी जानकारी और गलत शपथ पत्र के आधार पर मार्च 2024 से लगातार महतारी वंदन योजना की राशि प्राप्त की है।
पति को कृषक बताकर ली योजना की राशि
शिकायत में यह भी सामने आया है कि पूनम सिन्हा ने आवेदन फॉर्म में पति के स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ होने की जानकारी छुपाई और उन्हें कृषक बताकर योजना का लाभ लिया। जबकि वास्तव में गजेंद्र सिन्हा शासकीय सेवा में कार्यरत हैं। खुद गजेंद्र सिन्हा ने इस बात की पुष्टि की है कि उनकी पत्नी पिछले 21 माह से योजना की राशि ले रही है।
ग्राम दर्रा (बालोद) की रहने वाली है हितग्राही महिला
गजेंद्र सिन्हा मूल रूप से बालोद जिले के गुरुर तहसील के ग्राम दर्रा के निवासी हैं और वर्तमान में कांकेर जिले में पदस्थ हैं। उन्होंने प्रशासन से पत्नी द्वारा भरे गए फॉर्म और शपथ पत्र की विधिवत जांच कराने की मांग की है।
विभाग की लापरवाही भी आई सामने
इस पूरे मामले ने महिला एवं बाल विकास विभाग की निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इतने लंबे समय तक अपात्र लाभार्थी को योजना का लाभ मिलता रहा और विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी।
जांच शुरू, रिकवरी और कानूनी कार्रवाई के संकेत
मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी महेश मरकाम ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले की विधिवत जांच की जा रही है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो राशि की रिकवरी के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
यह मामला न केवल महतारी वंदन योजना की पात्रता प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी उजागर करता है कि किस तरह गलत जानकारी और झूठे शपथ पत्र के माध्यम से सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है।


