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जांजगीर–चांपा पुलिस का “प्रहार” : 1.62 करोड़ की सायबर ठगी का पर्दाफाश, म्यूल अकाउंट धारकों पर शिकंजा

जांजगीर–चांपा पुलिस का “प्रहार” : 1.62 करोड़ की सायबर ठगी का पर्दाफाश, म्यूल अकाउंट धारकों पर शिकंजा

जांजगीर–चांपा। जिले की पुलिस ने सायबर अपराधियों के नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए एक करोड़ 62 लाख से अधिक की ठगी से जुड़े फर्जी म्यूल अकाउंट धारकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इस कार्रवाई में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है, जबकि सौ से अधिक संदिग्ध बैंक खातों की पहचान की जा चुकी है।

कार्रवाई का संचालन
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पांडेय (IPS) के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार कश्यप तथा एसडीओपी यदुमणि सिदार के मार्गदर्शन में की गई। पुलिस ने थाना चांपा में म्यूल अकाउंट होल्डर्स के खिलाफ अपराध क्रमांक 364/2025 और 365/2025 पंजीबद्ध कर धारा 317(2), 317(4), 317(5) BNS के तहत कार्यवाही की है।

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जांच के दौरान ICICI बैंक चांपा के एक खाते में 1,62,67,142 रुपए का अवैध लेन-देन उजागर हुआ

गिरफ्तार आरोपी
1. पंकज कुमार खूंटे (25 वर्ष) – निवासी कवली केनापाली, थाना डभरा, जिला सक्ति
2. बलराम यादव उर्फ बल्लू (29 वर्ष) – निवासी जैजैपुर, जिला सक्ति
3. हरीश यादव (31 वर्ष) – निवासी जैजैपुर, जिला सक्ति

जांच और ऑपरेशन की कार्यवाही
• साइबर टीम जांजगीर और थाना चांपा पुलिस ने राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज संदिग्ध खातों की जांच की।
• जांच में शेयर ट्रेडिंग फर्जी ऐप, क्रिप्टो करेंसी निवेश, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, बैंक KYC अपडेट और गूगल सर्च आधारित धोखाधड़ी जैसे मामलों में खातों के इस्तेमाल की पुष्टि हुई।
• अलग-अलग पुलिस टीमों ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की पतासाजी की और एक साथ रेड कर आरोपियों को गिरफ्तार किया।
• पुलिस द्वारा चिन्हांकित सभी संदिग्ध खातों को जांच उपरांत होल्ड कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस टीम का योगदान
इस ऑपरेशन में निरीक्षक जय प्रकाश गुप्ता (थाना प्रभारी चांपा), निरीक्षक सागर पाठक (साइबर सेल प्रभारी) सहित साइबर टीम के सउनि विवेक सिंह, प्र.आर. मनोज तिग्गा, विवेक सिंह, आर. आनंद सिंह, माखन साहू, शहबाज खान, प्रदीप दुबे, रोहित कहरा, तथा थाना चांपा से उप निरीक्षक बेलसज्जर लकड़ा और सउनि ज्ञान प्रकाश खाखा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

क्या है मनी म्यूल?
• मनी म्यूल वह व्यक्ति होता है जिसका बैंक खाता या डिजिटल वॉलेट साइबर अपराधियों द्वारा ठगी की रकम को एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर करने के लिए उपयोग किया जाता है।
• अपराधी लोगों को नौकरी, इनाम या निवेश के लालच में फंसाकर उनके खाते इस्तेमाल करते हैं।
• इस प्रक्रिया से अपराधियों की पहचान छिपी रहती है, जबकि खाता धारक अपराध में सीधे तौर पर शामिल हो जाता है।

कानूनी पहलू
मनी म्यूल पाए जाने पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप,
• बैंक खाता और संपत्ति जब्ती,
• जेल और जुर्माना तक की सजा हो सकती है।
• धारा 3(5) BNS के अनुसार मनी म्यूल भी मुख्य अपराधी जितना ही दोषी माना जाएगा, चाहे वह अनजाने में ही क्यों न शामिल हुआ हो।

बचाव के उपाय
• अनजान स्रोतों से धन स्वीकार न करें।
• अपने बैंक अकाउंट और वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखें।
• खाते में संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत बैंक और पुलिस को सूचित करें।

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जांजगीर–चांपा पुलिस की अपील:
आसान और जल्दी पैसा कमाने के लालच में अपने खाते को कभी भी मनी म्यूल बनने न दें। यह गंभीर अपराध है और इसके परिणाम बेहद कठोर हो सकते हैं।”

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