
Janjgir News:– सिंचाई विभाग से रिटायर हुए कर्मचारी को साइबर अपराधियों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में नाम आने का हवाला देकर डराया और व्हाट्सएप पर फर्जी डिजिटल अरेस्ट वारंट भेजकर 32 लाख से अधिक की ठगी कर डाली। पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया है।
Janjgir जांजगीर। जिले के सिंचाई विभाग से रिटायर्ड एक सरकारी कर्मचारी को साइबर ठगों ने शातिराना तरीके से जाल में फंसा लिया। आरोपियों ने व्हाट्सएप कॉल और मैसेज के जरिए खुद को जांच एजेंसी से जुड़ा बताते हुए मनी लॉन्ड्रिंग केस में नाम जुड़ने की बात कही। साथ ही एक फर्जी गिरफ्तारी वारंट भेजा गया और कहा गया कि उम्रदराज होने के चलते अभी अरेस्ट वारंट होल्ड पर रखा गया है। इस डर से कर्मचारी ने अलग-अलग किस्तों में कुल 32 लाख रुपए ठगों को दे दिए। जब आरोपियों के नंबर बंद हो गए, तब जाकर उन्हें ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने मुंबई पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया गया। पुलिस अब साइबर ठगों की तलाश कर रही है।
कोतवाली थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 18 शंकर नगर जांजगीर में रहने वाले 65 वर्षीय तुषार कर देवांगन वर्ष 2022 में सिंचाई विभाग से रिटायर हुए हैं। उन्होंने 3 जुलाई से 17 जुलाई तक डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर 32 लाख 54 हजार 966 रुपए की ठगी की शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया है कि वर्ष 2022 में मैं रिटायर हुआ हूं। मेरे मोबाइल नंबर पर 3 जुलाई को विजय खन्ना एवं रश्मि शुक्ला का फोन आया उन्होंने खुद को टेलीकॉम अथॉरिटी अधिकारी और सीबीआई का प्रोसेसिंग अधिकारी बताया। उन्होंने एक फोन नंबर देकर कहा कि यह फोन नंबर आपके नाम पर रजिस्टर्ड है। इसका दुरुपयोग किया जा रहा है इसे तत्काल बंद किया जाएगा। तुषारकर देवांगन ने बताया कि उक्त नंबर मेरा नहीं है। जिस पर फोन करने वालों ने बताया कि इसकी शिकायत उन्होंने कोलाबा पुलिस स्टेशन में दर्ज करा दी है। फिर कोलाबा पुलिस स्टेशन से उन्हें फोन आया और उन्होंने एक व्यक्ति का फोटो भेजा और बताया कि यह व्यक्ति नरेश गोयल है। यह व्यक्ति केनरा बैंक मुंबई के मनी लांड्रिंग केस में शामिल है।
वापस तुषारकर देवांगन को खुद को टेलीकॉम अधिकारी और सीबीआई अधिकारी बताने वाले रश्मि शुक्ला और विजय खन्ना का फोन आया और उन्होंने पीड़ित के नाम का एक केनरा बैंक का एटीएम कार्ड दिखाया और कहा कि आपका नाम का एक एटीएम कार्ड बना है इससे मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही है। फिर कहा आपके व्हाट्सएप में आपका डिजिटल अरेस्ट वारंट भेजा गया है। व्हाट्सएप में तुषारकर देवांगन को एक फर्जी अरेस्ट वारंट भेजा गया। विजय खन्ना और रश्मि शुक्ला ने कहा कि आप बुजुर्ग है इसलिए वारंट को होल्ड कर रखा गया है। जिस पर भयभीत रिटायर्ड कर्मचारियों ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि वह जीवन काल में कभी मुंबई नहीं गए हैं ना ही किसी नरेश गोयल को जानते हैं ना ही उनका केनरा बैंक में खाता है।
फोन करने वाले साइबर ठगों ने कहा कि आपके बैंक अकाउंट में जितने भी रकम है उसे हमारे द्वारा बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दीजिए हम उसकी जांच करेंगे कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का पैसा है या आपका पैसा है। यदि यह नरेश गोयल का हुआ तो इसे जप्त कर लिया जाएगा,यदि आपका हुआ तो जांच के बाद आपको वापस कर दिया जाएगा।
डरे हुए रिटायर्ड कर्मचारी तुषार कर देवांगन ने ठगों के बताएं अकाउंट नंबरों में फोन पे और नेट बैंकिंग के माध्यम से 17 जुलाई तक 32 लाख 54 हजार 996 रुपए ट्रांसफर कर दिया। 18 जुलाई से सभी नंबर बंद आने लगे। पीड़ित ने गूगल के माध्यम से मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन का नंबर निकाला और वहां फोन कर संपर्क किया।तब उन्होंने इन व्यक्तियों की जानकारी नहीं होना और इस तरह का कोई केस रजिस्टर्ड कोलाबा थाने में नहीं होना बताया। साथ ही यह भी बताया कि उनके साथ फ्रॉड हो चुका है।
ठगी का एहसास होने पर तुषार कर देवांगन ने कोतवाली थाने में जाकर इसकी शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस के मामले में अपराध क्रमांक 649/25 बीएनएस की धारा 318 (4)3(5)के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। वही जांजगीर पुलिस ने इस घटना के बाद साइबर ठगों से सतर्क रहने की अपील जनता से की है।
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