झारखंड के दिशोम गुरु नहीं रहेपूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, हेमंत सोरेन ने कहा – आज मैं शून्य हो गया हूँ

रांची, 4 अगस्त 2025। झारखंड की राजनीति और आदिवासी चेतना के सबसे सशक्त प्रतीकों में शुमार पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का सोमवार को निधन हो गया। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे और दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की पुष्टि उनके पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की।
हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा –“आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूँ…”
शिबू सोरेन, जिन्हें पूरे राज्य और देश में ‘दिशोम गुरु’ के नाम से जाना जाता था, केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की चेतना, आत्मसम्मान और संघर्ष के प्रतीक थे। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक नेता के रूप में उन्होंने राज्य निर्माण आंदोलन को नेतृत्व दिया और आदिवासी अधिकारों को राष्ट्रीय विमर्श में स्थान दिलाया।
गुरुजी ने तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद की ज़िम्मेदारी निभाई और केंद्र सरकार में भी मंत्री पद पर आसीन रहे। उनका पूरा जीवन हाशिए पर खड़े समाजों के लिए आवाज़ उठाने, जंगल, जमीन और जल के अधिकार की लड़ाई में समर्पित रहा।
एक युग का अंत
गुरुजी का जाना, न सिर्फ एक राजनीतिक क्षति है, बल्कि झारखंड और आदिवासी समाज के लिए एक गहरा शून्य है, जिसे भर पाना आसान नहीं। वे उन दुर्लभ जननेताओं में से थे जो धरती से जुड़े, संघर्षों में तपे और लोगों के दिलों में बसे।
राज्य सरकार ने उनके अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान के साथ संपन्न कराने की घोषणा की है। पूरे राज्य में शोक की लहर है, और हजारों की संख्या में अनुयायी उन्हें अंतिम विदाई देने की तैयारी में हैं।
दिशोम गुरु को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके दिखाए रास्ते — न्याय, अधिकार और आत्मसम्मान — को आगे बढ़ाएँ।
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