फिर गाय हुई सड़क हादसे का शिकार, हाई कोर्ट के आदेश का असर नहीं,अफसर कर रहे दिखावा,बेअसर –जिम्मेदारोंकी लापरवाही से बेजुबानों की मौत जारी

बिलासपुर/रतनपुर। धार्मिक नगरी रतनपुर में सड़क हादसों में मवेशियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देशों और मुख्यमंत्री के सख्त आदेशों के बावजूद स्थानीय प्रशासन व जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही के चलते रोजाना 2 से 3 मवेशी बेमौत मारे जा रहे हैं। जमीन पर सुधार के बजाय केवल दिखावटी कार्रवाई हो रही है।
ताजा मामला मंगलवार शाम का है, जब बिलासपुर से रतनपुर की ओर आ रही ब्लैक कलर की स्कॉर्पियो (CG 10 AR 0333) ने सिद्धिविनायक मंदिर के पास सड़क किनारे बैठे मवेशियों को जोरदार टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तेज रफ्तार स्कॉर्पियो एक मवेशी को लगभग 30 फीट तक घसीटते हुए ले गई। इस हादसे में मौके पर ही एक मवेशी की मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे के बाद मौके पर मौजूद स्थानीय गौ–सेवकों ने वाहन चालक को पकड़कर पुलिस के हवाले किया। पुलिस ने वाहन जब्त कर लिया है और FIR दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।
हाईकोर्ट का संज्ञान, लेकिन कार्रवाई ढीली
हाल ही में 11 अगस्त 2025 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एनएचएआई (NHAI) और राज्य सरकार को राष्ट्रीय राजमार्गों पर मवेशियों से हो रहे हादसों पर कड़ी चेतावनी दी थी। अदालत ने NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था, जिसमें दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए उठाए गए ठोस कदमों का ब्यौरा हो।
मुख्यमंत्री का निर्देश भी बेअसर
22 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उच्च स्तरीय बैठक कर पशुपालन, शहरी प्रशासन, पंचायत और पीडब्ल्यूडी विभागों को संयुक्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उन्होंने गौ–शालाओं, गोठानों और काऊ–कैचिंग वाहनों की स्थिति सुधारने और सड़क से मवेशियों को हटाने के लिए कार्ययोजना बनाने को कहा था, लेकिन रतनपुर में हालात जस के तस हैं।
सड़क हादसों में वृद्धि, ‘ब्लैक स्पॉट’ समस्या जस की तस
जून 2025 में हाईकोर्ट में पेश रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में सड़क हादसों में 10.28% और मौतों में 9.50% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रायपुर, दुर्ग, जांजगीर, सक्ती और मुंगेली जैसे जिलों में चिन्हित ‘ब्लैक स्पॉट’ पर अब तक प्रभावी सुधार नहीं किया गया है। NHAI ने कुछ फुटओवर ब्रिज प्रस्तावित किए हैं, लेकिन व्यापक समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और पुलिस की सुस्ती के चलते रतनपुर—बिलासपुर मार्ग मवेशियों के लिए ‘डेथ ट्रैप’ बन गया है। यदि तत्काल प्रभाव से सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में हादसों का यह सिलसिला और बढ़ सकता है।
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