
बिलासपुर-नवरात्र की सप्तमी पर मां महामाया के दरबार में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। भारी भीड़ और पदयात्रियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस ने सप्तमी की रात बड़ा अभियान चलाया। इस दौरान चौक-चौराहों पर जांच से लेकर संदिग्धों की तलाशी तक की गई।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजनेश सिंह के निर्देशन पर चले इस अभियान की कमान ग्रामीण एएसपी अर्चना झा और कोटा एसडीओपी नुपूर उपाध्याय ने संभाली। पुलिस ने रातभर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर 1000 से ज्यादा बदमाशों धारधार कड़े जप्त किए गए साथ ही (सघन चेकिंग व कार्यवाही) की।
हथियार और नशे की सामग्री बरामद
पुलिस की कार्रवाई में नशे की सामग्री जब्त की गई, वहीं कैची सहित 200 से अधिक नुकीले धारदार हथियार भी बरामद किए गए। अधिकारियों का कहना है कि समय रहते ये हथियार कब्जे में ले लिए गए, वरना किसी भी शरारती तत्व के हाथ में पड़कर माहौल बिगाड़ सकते थे।

भारी भीड़ और सख्त चौकसी
मां महामाया मंदिर, भैरव बाबा और लखनी देवी मंदिर में सप्तमी की रात श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे हजारों पदयात्रियों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल ने लगातार गश्त की। जगह-जगह नाकेबंदी कर संदिग्धों से पूछताछ हुई और हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी गई।
एसएसपी के निर्देश पर चला अभियान
एसएसपी राजनेश सिंह के निर्देश पर चले इस अभियान में पुलिस को बड़ी सफलता मिली। जांच के दौरान जहां 200 से अधिक धारदार हथियार जब्त किए गए, वहीं नशे की सामग्री भी कब्जे में ली गई।
असामाजिक तत्वों पर नकेल
श्रद्धालुओं की भीड़ में किसी तरह की गड़बड़ी रोकने पुलिस ने सघन तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान हजारों लोगों की जांच की गई और संदिग्धों के पास से 1000 से अधिक चुड़ा, पंच, कैंची और चाकू जैसे धारदार हथियार बरामद किए गए। वहीं, अव्यवस्था फैलाने की कोशिश करने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
यातायात व्यवस्था सख्त
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए भारी वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई गई। पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित पार्किंग स्थलों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहा।
अफसरों ने संभाली कमान
ग्रामीण एएसपी अर्चना झा और एसडीओपी ने रातभर मोर्चा संभाले रखा। वहीं वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायज़ा लेते रहे। जवानों को सतर्कता और श्रद्धालुओं से विनम्रता बरतने के निर्देश दिए गए।
कुछ छोटी–मोटी घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण पर्व
हालांकि, पुलिस कार्रवाई के दौरान कुछ जगहों पर छोटी-मोटी घटनाएं दर्ज हुईं, लेकिन वे नियंत्रण में रहीं। पुलिस की सख्ती और मुस्तैदी से किसी भी बड़े विवाद की स्थिति नहीं बनी।
सप्तमी की रात रतनपुर पूरी तरह से सुरक्षित और शांतिपूर्ण रही, और श्रद्धालु निर्भीक होकर मां महामाया तथा अन्य देवी-देवताओं के दर्शन किए ।
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